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Wednesday, August 28, 2024

ट्रेन में दूसरों के सर पर भी पैर रख कर निकल जाने को तैयार आप, बीच रास्ते में अमाज़ के लिए बिछाई गयी चटाई को देखते ही पेशाब रोक कर बैठ जाते हैं, या लांग जम्प मार के इस तरह निकलते हैं कि चटाई का कोना

 ट्रेन में दूसरों के सर पर भी पैर रख कर निकल जाने को तैयार आप, बीच रास्ते में अमाज़ के लिए बिछाई गयी चटाई को देखते ही पेशाब रोक कर बैठ जाते हैं, या लांग जम्प मार के इस तरह निकलते हैं कि चटाई का कोना भी आपसे छू न जाये ।

तो इसलिए नहीं कि आप बड़े धैर्यवान और सहिष्णु हैं ।

बल्कि इसलिए कि अमाजी को देखकर आपकी पूँछ आपके पैरों के बीच आ जाती है ।


भीड़ भरी सड़कों पर भी फर्राटा भरती आपकी बाइक या गाड़ी शांतिप्रिय बस्ती के पास जाते ही रेंगने लगती है और लोगों की जान की परवाह न करने वाले आप वहाँ मुर्गियों और बकरियों तक की जान की परवाह करने लगते हैं ।

तो इसलिए नहीं कि आप बड़े संस्कारी, नियम पालन करने वाले और अनुशासनप्रिय हैं ।

बल्कि इसलिए कि ऐसी बस्ती के पास पहुँचते ही आपकी जान हलक में आ जाती है।


पुलिस वालों से भी मुँहचावर करने में कभी पीछे ना रहने वाले आप किसी से बहस होने पर चार गोल टोपी वालों के जुटते ही वहाँ से रफूचक्कर होने के रास्ते तलाशने लगते हैं ।

तो इसलिए नहीं कि आप बड़े सभ्य, लड़ाई झगड़ों से दूर रहने वाले, शांतिप्रिय व्यक्ति हैं ।

बल्कि इसलिए कि उनको देखते ही आपकी फट के फ्लावर हो जाती है ।


अपने धर्म की हर छोटी बड़ी बात का मज़ाक होते देख भी आनंद उठाने वाले आप शांतिदूतों' के सामने जब सब धर्मों की अच्छाई का गुणगान करते हुए उसके द्वारा अपने मजहब की 'अच्छाइयों' को बताने पर हाँ में हाँ मिलाने लगते हैं ।

तो इसलिए नहीं कि सच में आप धर्मों को लेकर संवेदनशील हैं ।

बल्कि इसलिए कि उसकी किसी गलत बात का विरोध करने के नाम पर भी आपके पसीने छूट जाते हैं।


किसी शोभायात्रा के समय अपनी कार या बाइक से हॉर्न बजा बजा कर रास्ता बनाने की कोशिश करते आप मुहर्रम के जुलूस में बाइक और गाड़ी चुपचाप किनारे खड़ी कर जब सब सम्प्रदायों के सम्मान की बात का ढोल पीटते हैं

तो इसलिए नहीं कि आप सच में बहुत विनयी प्रकृति के व्यक्ति हैं ।

बल्कि इसलिए कि उस जुलूस में छाती पीटते और सर पर ट्यूबलाइट्स फोड़ते खूनखच्चर लोगों को देख आपकी हवा टाइट हो गयी होती है ।


विचार करियेगा......


ये सच्चाई है और हम सब आज डर में जीने के लिए मजबूर हैं..!


और अगर वो किसी से डरते हैं तो वो बस एक ही पार्टी है और एक ही व्यक्ति है ।


नाम लेने की मुझको जरूरत है क्या ?.....


सोच बदलो तब देश बदलेगा ......

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