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Tuesday, September 3, 2024

✅राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पीड़ा, दूसरी तरफ ममता की नौटंकी, सजा बढ़ाना ही क्या एकमात्र उपाय है लेकिन जहां सजा है, वहां सुप्रीम कोर्ट रोक देता है

 ✅राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पीड़ा,

दूसरी तरफ ममता की नौटंकी,

सजा बढ़ाना ही क्या एकमात्र 

उपाय है लेकिन जहां सजा है,

वहां सुप्रीम कोर्ट रोक देता है -


कोलकाता रेप / हत्या के मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बहुत भावुक हो कर लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि “कोलकाता में हुई डॉक्टर के रेप और मर्डर की घटना से देश सकते में है - जब मैंने इसके बारे में सुना तो मैं निराश और भयभीत हुई - ज्यादा दुखद बात यह है कि यह घटना अकेली घटना नहीं है। यह महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक हिस्सा है -


राष्ट्रपति ने कहा कि लोग महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझते हैं और यही महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की वजह है - ऐसे लोगों के दिमाग में महिलाओं को लेकर यह सोच गहरी हो चुकी है, यह केवल भारत में ही नहीं है बल्कि दुनियाभर में ऐसा ही है, कहीं अपराध ज्यादा हैं और कहीं कम -


राष्ट्रपति जी जो कहा ठीक है, लेकिन महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के लिए अदालतों की उदासीनता भी बहुत हद तक जिम्मेदार है - अपने 22 अगस्त के लेख में मैंने कई केसों का जिक्र करते हुए बताया था कि अदालतों में किस तरह अत्यधिक देरी और ट्रायल कोर्ट्स और हाई कोर्ट्स  द्वारा अधिकतम सजा दिए जाने के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट उनकी सजा कम कर देता है और फांसी तक की सजा ख़त्म कर देता है - बच्चियों के रेप के लिए अपराधी को छोड़ देना उनका हौंसला बढ़ाता है -


कभी सुप्रीम कोर्ट से अपराधी की फांसी माफ़ करने के लिए दलील देता है कि Every Sinner Has a Future लेकिन उस 4 साल की बच्ची के भविष्य का ख्याल नहीं करता जिसे रेप कर हत्या कर दी दरिंदे ने - कहीं कह दिया गया कि वो (अपराधी) तो नमाज़ पढता है और फांसी की सजा से छोड़ दिया - कभी हाई कोर्ट जज ने कह दिया कि skin to skin contact नहीं हुआ और बरी कर दिया अपराधी को -


यह सब मामले अक्सर पॉक्सो एक्ट के होते हैं जिसमें बच्चियों से बलात्कार के अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है लेकिन अदालत फांसी की सजा देने से बचती हैं - इतना ही नहीं  High Courts और Supreme Court के जज वकालत करते हैं कि सेक्स के लिए सहमति की आयु घटाने पर सरकार विचार करे - क्या Courts नाबालिग लड़कियों को सेक्स के लिए “सहमति” के नाम पर “बालिग” घोषित करके उनके बलात्कार का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं -


ममता बनर्जी ने नौटंकी खड़ी की हुई है जो प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर मांग कर रही हैं कि बलात्कार के लिए सख्त कानून बनाया जाए फांसी की सजा का प्रावधान हो और ट्रायल 15 दिन में ख़त्म होना चाहिए -


ममता बनर्जी नाटक कर रही और कोलकाता अपराध से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है - मेरा कहना है कि केवल सख्त कानून से क्या समस्या का हल हो जाएगा, फांसी का प्रावधान पॉक्सो एक्ट में है, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट किसी को फांसी देना ही नहीं चाहता तो कोई क्या करे - कल को ममता के कहने से बालिग लड़कियों के बलात्कार के लिए भी फांसी का प्रावधान कर भी दिया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट किसी को सजा देगा ही नहीं तो क्या फायदा होगा -


ममता कहती है ट्रायल 15 दिन में ख़त्म होना चाहिए - कैसे संभव है जब कोलकाता केस में सभी सबूत नष्ट कर दिए गए, Crime Scene पर दंगा करा दिया गया और CBI के हाथ आधे अधूरे सबूत सौंपे गए - कल को CBI कोर्ट में अपराधी का दोष साबित कैसे करेगी और अगर सबूतों में कमी रह गई अपराधी बरी हो जाएंगे, लगता है ममता यही चाहती है - 


महिलाओं पर रेप के बढ़ते अपराध के लिए Bollywood भी जिम्मेदार है - उसने  एक फिल्म स्त्री - 2 में  तमन्ना भाटिया ने एक गाने “आज की रात मजा हुस्न का आंखों से लीजिए” में अर्धनग्न कामुकता का प्रदर्शन करते हुए डांस किया है - इस तरह की अश्लीलता अपराधियों को बल देती है  मासूमों पर अपराध करने के लिए - 


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