साभार एक विमर्श....
यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।लेकिन आज #योग और #आयुर्वेद पर चर्चा कर रहे हैं।ऐसे माहौल में जब #एलोपैथी ने पूरी दुनिया पर कब्जा जमा लिया हो,योग मुफ्त में समाधान देता है और आयुर्वेद काफी कम खर्च में।भारत में डाक्टरों को मोटे मोटे पैकेज देने वाले मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों ने चिकित्सा को बहुत मंहगा बना दिया है।भारत सरकार एम्स जैसे बड़े बड़े चिकित्सा संस्थान बनाकर,#जेनरिक_दवाएं लाकर और #आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाएं देकर सस्ता उत्तम एलोपैथिक चिकित्सा जरूर दे रही है।लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज कराना सबके वश में नहीं है।
आयुर्वेद पहले भी जन जन के लिए उपलब्ध थी और आज भी है !
आईएमए भले ही ही आयुर्वेद का उपहास उड़ाती हो,रामदेव जैसी हस्ती को कोर्ट में घसीटती हो,लेकिन ऋषियों द्वारा प्रतिपादित आयुर्वेद भारत की महान चिकित्सा पद्धति है !
आश्चर्य की बात है कि आयुर्वेद को झोला छाप मानने वाले मसालों के चटपटे जायके खूब लेते हैं ,,,निम्बू शिकंजी,जलजीरा,गोलगप्पों का पानी,आम का पाना,काला नमक और पुदीना पड़ा मट्ठा,चाट की चटनी और दही मिला मसालों भरा घोल दबाकर गटकते हैं ,,,
घर घर डलने वाले अचार और रोजाना बनने वाली चटनियाँ,गुड़ की चाशनी में इमली और सोंठ से बनी सोंठिया और न जाने कितने पेय मसाले आयुर्वेद की ही देन हैं।किसी भी प्रान्त का भोजन मसालों से ही चटकारे लेने लायक बनता है।हर रसोई की शान हैं काली मिर्च,लाल मिर्च,हरी मिर्च,हल्दी,धनियां,सौंफ,जीरा,हींग,दालचीनी,जायफल,करौंजी,मेथी,सोंठऔर न जाने क्या क्या!
ये सब आयुर्वेद की देन हैं । आयुर्वेद के बगैर रसोई तो रसोई ही नहीं । किसी प्रान्त के कोई व्यंजन बताइए जो जड़ी बूटियों और मसालों के बगैर बनते हों । #मसाले हैं तो #रसोई है , जायके हैं , इत्मिनान है,जीभ है और आपकी डाइनिंग टेबल है।आयुर्वेद से मत चिढिये साहब,रसोई रूठ जाएगी।हिम्मत है तो जरा एक भी मसाले के बगैर खाना बनाकर और खाकर दिखाइए?चाहे तो दादी नानी या बाबा नाना से पूछ लीजिये।वे यही कहेंगे कि बिटवा हमारी सारी रसोई ही आयुर्वेद है ।
आयुर्वेद #चरक और #धन्वंतरि जैसे ऋषियों की देन है।यह अमृत घट है , मानव शरीर का आधार है।कोरे तर्क नहीं,भरोसा कीजिये।आयुर्वेद पर गुलामी ने आवरण चढ़ा दिया था।अब परतें उधड़ रही हैं,अंधेरा छंट रहा है।लम्बी दासता के साये से बाहर आइये।स्वस्थ रहना है तो आयुर्वेद यानी अपनी रसोई की ओर लौटिए ।
अश्वगंधा,तुलसी,गिलोय,मुलहटी,काढ़ा आदि अमृत हैं।इन्हें अपनाइए,निरोग हो जाइए।आयुर्वेद को उत्थान पर पहुंचाने में जो जी जान से जुटे हैं,उनके साथ आइये।आयुर्वेद दवा है,जड़ी बूटियों के माध्यम से किया गया #समाधान है,एक सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है।रही योग की बात तो योग को तो पूरी दुनिया मान चुकी है।आयुर्वेद अपनाइए,मुस्कुराइए , चूंकि हम भारत के वासी हैं।
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