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Sunday, September 1, 2024

*मित्रों 'धारा 370 की वापसी'..*

 *मित्रों 'धारा 370 की वापसी'..* 

*'आतंकियों’ को नौकरी..*

*चुनाव जम्मू-कश्मीर का..*

*वादे पाकिस्तान वाले..*

*कॉन्ग्रेस+नेशनल कॉन्फ्रेंस का इरादा क्या..*

*चुनाव जीतना..*

*या पत्थरबाजी का वही दौर लाना?*

*राहुल गाँधी, अब्दुल्ला परिवार..*

*कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के युवराज की मुलाकात..* 

*संजय अग्रवाल 'हाईवे'*

*मित्रों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में साल 2019 में लगातार दूसरी बार एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए केंद्र में सरकार बनाई..*

*और सबसे पहला बड़ा काम किया था..* *जम्मू-कश्मीर पर लागू होने वाले आर्टिकल 370 को रद्द करने का..*

*जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में करके..*

*केंद्र शासित प्रदेश बनाने का..*

*मोदी सरकार ने ऐसा कारनामा कर दिखाया..* 

*जिसे अब कोई सरकार नहीं हटा पाई..*

*ये अलग बात है कि कॉन्ग्रेस आर्टिकल 370 को हटाने का पुरजोर विरोध करती रही..*

*खैर, अब कॉन्ग्रेस ने, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवँ कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए, फिर से अपने ऐसे पुराने सहयोगी के साथ ‘हाथ’ मिलाया है..* 

*जो जम्मू-कश्मीर को लेकर अलगाववादी शक्तियों की मदद करती है..*

*अलगाववाद को बढ़ावा देती है..* 

*भारत के दुश्मन पाकिस्तान से दोस्ती की वकालत करती है..*

*और कश्मीरियों को भारतीयों से अलग बताती है.*


*जी हाँ, कॉन्ग्रेस के ‘बिना राजतिलक’ वाले युवराज राहुल गाँधी ने श्रीनगर का दौरा किया..*

*वहाँ उन्होंने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही..*

*और कश्मीर से अपना ‘खून का रिश्ता’ बताया..*

*उसके बाद राहुल गाँधी अपने ‘मुखौटे’ के साथ, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला से मिले..*

*और फिर दोनों तरफ ये घोषणा की गई..*

*कि, कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कॉन्ग्रेस पार्टी साथ चुनाव लड़ेंगी..*

*इसमें माकपा भी सहयोगी रहेगी..*


*खैर, ये रिश्ता पहले भी रहा है..*

*इस रिश्ते पर सवाल पहले नहीं उठते थे..*

*खासकर 2019 से पहले तो बिल्कुल भी नहीं..*

*चूँकि कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सोच कमोवेश एक जैसी ही रही है..*

*बात, चाहे पड़ोसी पाकिस्तान से रिश्तों को लेकर हो..* 

*या आतंकवाद से निपटने को लेकर..*

*लेकिन इस बार सारी हदें पार कर दी गई हैं..*

*हम ये बात यूँ ही नहीं कह रहे हैं..*

*बल्कि, ये बाते कह रही है..* 

*कॉन्ग्रेस की रिश्तेदार, 'नेशनल कॉन्फ्रेंस' ही..*

*दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बीते सोमवार..* 

*(19 अगस्त 2024)*

*को पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया है..*

*उन्होंने घोषणापत्र को NC का विजन डॉक्यूमेंट और शासन का रोडमैप बताया..*

*घोषणापत्र में 12 व्यापक वादे किए गए हैं..*

*जिनमें 2000 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रयास करना शामिल है..*

*संजय अग्रवाल 'हाईवे'*

*नेशनल कॉन्फ्रेंस का घोषणा पत्र देखकर लगता ही नहीं, कि ये किसी भारतीय राजनीतिक पार्टी का घोषणा पत्र है..*

*ये बात सुनी-सुनाई सी लग रही होंगी..*

*लेकिन इन्हें हल्के में मत लीजिए..*

*हल्के में लेने की जगह जरा नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र की हाईलाइट्स पढ़ लीजिए*


*नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र की 12 गारंटियों मे..*


*हम (अनुच्छेद) 370-35ए को बहाल करने..*

*और 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करते हैं..*

*हम जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और केंद्र शासित प्रदेश, जम्मू और कश्मीर सरकार के कामकाज के नियम, 2019 को फिर से तैयार करने का प्रयास करेंगे..*

*जम्मू और कश्मीर के लोगों के भूमि और रोजगार के अधिकारों की रक्षा करेंगे..*

*यानी पहले की तरह बाहरी (भारतीयों) लोगों पर बैन..*

*भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करेंगे..*

*जो कि मोदी सरकार नहीं कर रही है..*

*राजनीतिक कैदियों को एमनेस्टी देना..*

*पीएसए व यूएपीए हटाना..*

*(जिन पर आतंकवादी कृत्यों के आरोप हैं)*

*यानी माफी देकर जेल से रिहा करेंगे..*

*कर्मचारियों की "अन्यायपूर्ण”* 

*(आतंकवाद के समर्थन की वजह)*

*बर्खास्तगी की बहाली की जाएगी..*

*और राजमार्गों पर लोगों के उत्पीड़न..*

*(सेना की कड़ाई, पूछताछ) को समाप्त करेंगे..*


*अब अगर इन बातों पर गौर करें तो, आर्टिकल 370 को फिर से लागू करना ?*

*ये कैसे करेंगे, किसी को नहीं पता है..*

*वो फिर से, कश्मीरियों और पाकिस्तानी नागरिकों तक ही, कश्मीर की जमीन को सीमित करने का प्रयास करेंगे..*

*मानों पूरा भारत, कश्मीर में बस ही गया हो..* 

*और जो रोजगार, कामधंधे, निवेश आया है..*

*वो फिर से शून्य हो जाएगा..*


*ये पाकिस्तान के साथ बातचीत को बढ़ावा देंगे ?*

*क्यों भाई ?*

*उस पार से आने वाले आतंकवाद पर, प्रहार हुआ है इसलिए ?*

*क्योंकि इससे आप (कुछ लोगों) का भला होता था ?*

*याद करें, अभी कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन का 20 साल तक अध्यक्ष रहा, मियाँ अब्दुल कयूम भट्ट, जून महीने में ही गिरफ्तार हुआ है..*

*गिरफ्तार भी क्यों हुआ ?*

*क्योंकि उसने आतंकवादियों की मदद से एक विरोधी वकील को ‘रास्ते से’ हटवाया था..*

*वो कश्मीरी आतंकवादियों का केस भी लड़ता रहा है..* 

*अब नेशनल कॉन्फ्रेंस उसे ‘राजनीतिक कैदी’ बताकर रिहा करेगी..*


*जरा सरकारी कर्मचारियों की अन्यायपूर्ण बर्खास्तगी वाली लाइन समझ लीजिए..* 

*ऐसे लोगों को नेशनल कॉन्फ्रेंस फिर से बहाल करेगी..*

*जो आतंकवाद से जुड़े मामलों की वजह से बर्खास्त कर दिए गए हैं..*

*ये वो लोग हैं, जिनके पति-पत्नी, भाई, पिता घोषित आतंकवादी हैं..*

*सरकार से मिलने वाली सैलरी वो आतंकवादियों को देते हैं..*

*या फिर आतंकवादियों की मदद करने, उन्हें सूचना पहुँचाने, और देश के खिलाफ काम करने के मामले में जिनकी सेवाएँ समाप्त की गई हैं..*

*नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनने पर उन्हें माफी दे दी जाएगी..*

*खैर, ये तो तब होगा, जब जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा..*

*और उसके इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद देगी, 'कॉन्ग्रेस'..*


*वैसे, एक वादा तो और भी किया है उमर अब्दुल्ला ने..*

*कि साल 2000 में जो रिजोल्यूशन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार रहते पास किया गया था..*

*जिसमें जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता की माँग थी..*

*उसे तत्कालीन एनडीए सरकार यानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया था..*

*उसे फिर से पास करके केंद्र सरकार के पास भेजने की..*

*अब ये संविधान के 16वें संसोधन की मजबूरी कहें, या कुछ और..*

*कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर को अलग देश बनाने की बात नहीं कर रही..*

*वर्ना वो ये भी कर देती..*

*बाकी उनकी इस माँग में, और पड़ोसी पाकिस्तान की माँग में, कोई खास अंतर रह नहीं गया है..*


*जी हाँ, अगर अब तक आपके मन में ये सवाल आ रहा हो..*

*कि कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का रिश्ता क्या कहलाता है ?*

*तो ये जवाब है...*

*जवाब है, कॉन्ग्रेस का ऐसी ताकतों के साथ हाथ मिलाना..*

*जो देश को विभाजन की तरफ ढकेलने की कोशिश करते हैं..*

*वैसे, कॉन्ग्रेस खुद आर्टिकल 370 के हटाने का भी विरोध करती रही है..*

*वैसे, राहुल गाँधी के ‘खून वाले रिश्ते’ के बयान के बाद..*

*गाँधी खानदान का, अब्दुल्ला खानदान से, रिश्ता आप भी जानते ही होंगे..*

*अगर नहीं जानतें, तो यहाँ पढ़ लीजिए..*


*बहरहाल, अब जब पूरा देश कॉन्ग्रेस, और नेशनल कॉन्फ्रेंस के ना’पाक’ रिश्ते को जान ही चुका है..*

*तो यहाँ ये भी जानना जरूरी है..*

*कि जिस अखिलेश यादव को इंडी गठबंधन, खास कर सपा कार्यकर्ता देश का अगला ‘रक्षा मंत्री’ बनाने पर तुले हैं..*

*उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी रक्षा मंत्री रह चुके हैं..*

*उनका राहुल गाँधी, उमर अब्दुल्ला से कितना याराना है..*

*फिर इस गठबंधन के बाकी साथी, चाहें वो शरद पवार हों, या ममता बनर्जी..* 

*इनके पाकिस्तान और ‘मजहब विशेष’ प्रेम से भी सभी वाकिफ हैं..*

*साथ ही वामपंथी पार्टियों के 1962 से लेकर हमेशा किए जाने वाेल देश से छल से भी..*

*ऐसे में इस गठबंधन को जम्मू-कश्मीर के असली देशवासी ही जवाब देंगे..* 

*इसमें कोई संदेह नहीं है..*

*बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, तीन चरणों में..*

*18 सितंबर, 25 सितंबर, और 1 अक्टूबर को होंगे..*

*नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएँगे..* 

*पहले चरण के लिए नामांकन 27 अगस्त..*

*दूसरे चरण के लिए 5 सितंबर..*

*और तीसरे चरण के लिए 12 सितंबर से दाखिल किए जाएँगे..*

*इस चुनाव में कश्मीरी प्रवासियों के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं..*


*जम्मू-कश्मीर में कुल 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं..* 

*जिनमें से 74 जनरल..*

*9 अनुसूचित जाति..*

*और 7 अनुसूचित जनजाति के लिए हैं..*

*केंद्रशासित प्रदेश में मतदाताओं की संख्या कुल 87.09 लाख हैं..*

*जिसमें 44.46 लाख पुरुष..* 

*और 42.62 लाख महिला मतदाता हैं..*

*जम्मू-कश्मीर में युवा मतदाताओं की संख्या 20 लाख है..*

*पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था..*


*1- जम्‍मू-कश्‍मीर से 5 अगस्‍त 2019 को आर्टिकल 370 को हटाया गया था..*


*2- आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में 87 सीटों पर हुआ था..*

*जिनमें 4 सीटें लद्दाख की थीं..*


*3- जम्‍मू-कश्‍मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, सात विधानसभा सीटें बढ़ गई हैं..*


*4- 90 विधानसभा सीटों में से 74 सामान्‍य, 7 एससी और 9 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं..*


*5- जम्मू-कश्मीर सरकार का कार्यकाल पहले 6 साल होता था, अब 5 साल का होगा..*


*सवाल ये नहीं है कि कौन सी पार्टी किसके साथ गठबंधन करेगी..*

*सवाल नीतियों का है..*

*एक तरफ कॉन्ग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी होने का दंभ भरती है..*

*तो उसके नेता, और कार्यकर्ता, उसके राजनीतिक सहयोगी, देश में सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक स्तर पर तोड़फोड़ और अलगाववादी नीतियाँ अपनाते हैं..*

*दक्षिण में कॉन्ग्रेस की सहयोगी द्रमुक की बात करें..* 

*तो वो सनातन परंपरा को ही मिटाने का संकल्प लेती है..*

*तो उत्तर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, भारत की शान जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता दिलाने, पाकिस्तान से बातचीत करने, आतंकवादियों को जेल से रिहा करने की बात करती है..*

*ऐसी दो मुँही बातें कब तक चलेंगी मिस्टर युवराज ?*

*यह है कांग्रेस की कथनी और करनी..*

*राष्ट्रहित सर्वोपरि..*

*संजय अग्रवाल 'हाईवे'*

*भारत माता की जय* 

*वंदे मातरम - जय हिंद*

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