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Monday, June 24, 2024

पुराने चित्रों में चीखता हुआ इतिहास

 पुराने चित्रों में चीखता हुआ इतिहास 


जैसा की आप जानते ही हैं की अंग्रेज़ों को भारतीय शब्दों का उच्चारण में कठिनाई होती है अत: जब भारत में वे राज्य करने लगे तो बहुत से स्थानों का नाम उन्होंने सुविधानुसार बदल दिया । यहाँ , सुविधा का तात्पर्य उनकी जीभ की बनावट से था ।


अंग्रेज़ी भाषा में जब “ m” और “ b” एक साथ प्रयुक्त होते हैं तब अंग्रेज़ “ ब” का उच्चारण नहीं करते , हम भारतीय कर लेते हैं ।


जैसे dumb का उच्चारण अंग्रेज़ “ डम” और भारतीय “डम्ब “ के रूप में करता है । दूसरा उदाहरण Plumber का देख लीजिए । अंग्रेज इसे “प्लमर “ उच्चारित करता है और भारतीय “प्लम्बर “ ।


अब रिवर्स इंन्जयरिंग समझिए । जैसे भारत के एक राज्य का नाम “ जम्बू काश्मीर “ था तो अंग्रेज़ी में जम्बू को Jambu लिखा गया पर अंग्रेज़ Jambu को जमू ही उच्चारित कर पाएगा , अपनी भाषा और अपनी जीभ की बनावट के अनुसार । हम भारतीय तो नक़लची होते ही हैं । वे जमू कहने लगे तो हमने भी जम्मू कर लिया । 


दो तीन सौ वर्षों के जितने भी अभिलेख प्राप्त होते हैं उसमें जम्बू काश्मीर और तिब्बत (वही तिब्बत जिसे  नेहरू ने चीन को दे दिया और चीन को हमारी सरहद पर ले आए वरना भारत से चीन की सरहद लगती ही नही) को एक साथ ही दर्शाया गया है।



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