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Sunday, August 25, 2024

*श्रीकृष्ण चरित्र*

🙏 *दिव्यचिन्तनम्*🙏


             *श्रीकृष्ण चरित्र*


   *महान चरित्र और सभी विद्या तथा समस्त कलाओं के विज्ञ , पुरे विश्व के लिए प्रेरणा स्त्रोत  योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण जी*

*आइए आज हम आपको बतलाते हैं कि  योगीराज भगवान श्री कृष्ण जी का चित्र और चरित्र कैसा था जानें मानें और जीवन में आत्मसात करें मैंने आप लोगों को को श्रीकृष्ण जी के सारतत्व को बतलाने का दुस्साहस किया है। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण जी का चरित्र असीम है तथापि कुछ पंक्तियां लिखकर उनके जन्मदिन पर श्रद्धासुमन अर्पित करने जा रहा हूं।*

*भगवान श्री कृष्ण जी आदर्श पुरूष, आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श शिष्य, आदर्श मित्र, आदर्श नौजवान, आदर्श पति, आदर्श पिता,  आदर्श गुरू ,आदर्श राजा, नायक, देशभक्त, राष्ट्रभक्त,वेदज्ञ, धर्मज्ञ, मर्मज्ञ,नीतज्ञ, महाव्रती, महातपी,महामुनि, महान दयालु, महान कृपालु और साक्षात भगवान थे ईश्वर नहीं थे क्योंकि ईश्वर अवतार नहीं लेता और नहीं ईश्वर में कोई विकार होता है।*

*भगवान श्री कृष्ण जी महायोगी थे।इसकी जानकारी केलिए महर्षि तत्त्ववेत्ता वेदव्यास जी द्वारा प्रणीत संस्कृतके महाभारत को पढ़ना और समझना पड़ेगा तथा दुनिया को वास्तविकता बतलाना पड़ेगा।*

*भगवान श्री कृष्ण जी एक पत्निव्रती थे। जिनका नाम रूक्मिणी थी। किन्तु लोगों ने उनके सोलह हजार रानियां हैं कहकर व्यसनी और व्यभिचारी सिद्ध कर दिया है जो कि भगवान श्री कृष्ण जी के चरित्र पर सवाल खड़े होता जा रहा है।*

*उनका एक ही पुत्र प्रद्युम्न साहसी और वीर था। यदि हजारों रानियां थे तो उनके अन्य सन्तान कहां हैं?*

*भगवान श्री कृष्ण जी आदित्य ब्रह्मचारी थे,पीतवस्त्र और मोरपंख ब्रह्मचारी का प्रमाण है।बाद में आदर्श गृहस्थ बने।*

*भगवान श्री कृष्ण जी कोई चोर डकैत नहीं थे इतिहासकारों ने तथा मतावलंबियों ने उनके चरित्र को कलंकित करते हुए उन्हें चोर सिद्ध कर दिया है*।


*वे महान सहनशील थे। इसका प्रमाण"प्रथम अपशब्द पर सर काटने की शक्ति होने बाद भी  99 और गाली सुनने का 'सामर्थ्य' है.. तो वो भगवान श्री कृष्ण जी ही थे*।


*'सुदर्शन' जैसा महान अस्त्र होने के बाद भी यदि हाथ में सर्वदा 'मुरली' है.. तो वो भगवान कृष्ण जी हैं.*।


*'द्वारिका' का वैभव होने के बाद भी यदि उनका 'सुदामा' जैसे गरीब मित्र है.. तो वो भगवान श्री कृष्ण जी  हैं.*।


 *'मृत्यु'  दुःख के सामने भी यदि मुस्कुराने वाले हैं और हमेशा प्रसन्नता के साक्षात्मूर्ति ' हैं.. तो वो भगवान श्री कृष्ण जी हैं.*।


 *'सर्वसामर्थ्य' होने पर भी यदि सारथी' बने हैं.. तो वो भगवान श्री कृष्ण जी ही हैं.*।


*सफल नेतृत्व और ज्ञान की पराकाष्ठा.. भगवान श्री कृष्ण जी ही हैं वे अथाह गुणों के स्वामी हैं उनके एकाध गुण को भी हम अपना लेंते हैं तो हमारा कल्याण हो सकता है तथा हमेशा के लिए धन्य हो सकते हैं।*

       

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