Followers

Friday, June 21, 2024

डूबा हुआ टायटैनिक जहाज़ समुन्दर में लगभग 3.8 किमी की गहराई पर है। उसमें अब एक लोहा खाने वाला बैक्टीरीआ पनप चुका है

 डूबा हुआ टायटैनिक जहाज़  समुन्दर में लगभग 3.8 किमी की गहराई पर है। उसमें अब एक लोहा खाने वाला बैक्टीरीआ पनप चुका है और कुछेक दशकों में टायटैनिक पूरी तरह ग़ायब हो जाएगा। इसी तरह हालाँकि कच्चे लोहे (Cast Iron) में जंग नहीं लगता लेकिन केरल में पुल पर हुई एक दुर्घटना के बाद पता चला कि पानी में उसमें भी कुछ ऐसा ही क्षरण होने लगता है, और ऐसी PILE वाले सारे पुल बदलने पड़े।

आप राजमहल घूमने जाये  या म्यूज़ीयम में देखेंगे कि हज़ारों साल पुराने लोहे के पलंग या अन्य वस्तुयें है सही सलामत।

तो अगर इतने नीचे समुन्दर में भी अगर बैक्टीरीआ लोहे को भी खाने पहुँच गए तो इतनी पुरानी लोहे की वस्तुयें क्यूँ सुरक्षित है?

क्यूँकि उनकी देखभाल होती है, साफ़ सफ़ाई होती है, पैंट होता है।

हिंदू धर्म समुन्दर में डूबा टायटैनिक बन चुका है-न कोई साफ़ सफ़ाई, नो कोई देखभाल, न कोई पैंट, बस तरह तरह के बैक्टीरीआ है जो इसे खा रहे है। 

धर्म व समाज को भी सतत देखभाल व रखरखाव, रेनवेशन की आव्शयकता होती है। और धर्म व समाज अच्छे नहीं रहेंगे तो हमारे परिवार भी नहीं रहेंगे। बिना संस्कार परिवार बचेंगे नहीं, व बिना धर्म व समाज के संस्कार नहीं बचेंगे।

समाज का एक अपना momentum आवेग होता है जो  बहुसंख्या द्वारा निर्धारित होता है, अगर बहुसंख्या संस्कारी व विवेक्शील है तो कुछ मूर्ख व संस्कारहीन भी निभ जाएँगे, और बहुसंख्या मूर्ख व संस्कार रहित है तो कुछ बुद्धिमान व संस्कारी भी उनके साथ ही रसातल में जाकर बैक्टीरीआ के भोजन बनेंगे।

धर्म व समाज से विमुख न हो, उनकी रक्षा व देखभाल करते रहे।



No comments:

Post a Comment

साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है

 साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।लेकिन आज #योग और #आयुर्वेद पर चर्चा कर रहे हैं।ऐसे माहौल में जब #एलोपैथी ने ...