आदरणीय प्रधानमंत्री जी
विनम्रता से कहना है कि - साहब आपका #सुलेमानी_कीड़ा अभी मरा नहीं है।
जैसे तैसे सत्ता मिलते ही फिर से काटना शुरू कर दिया है।आप इन्हे नौकरी दे दो,
मकान दे दो,
बड़े बड़े स्टेडियम बनवा दो,
सब्सिडी दे दो,
रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा दो,
कामकाज के लिए लोन दे दो,
दंगा मुक्त माहौल दे दो,
भर भर के राशन दे दो,
इनके घर घर तक पानी दे दो,
आयुष्मान दे दो,
सारा बजट इनको ही दे दो .....
लेकिन जब वोट देना होगा तो आपको मिलेगा वही बाबाजी का ....
वोट तो इनका एक मिलेगा नहीं और ये लोग मुखबरी भी करेंगे हिंदू श्रद्धालुओं पे हमला कराने के लिए!!!!
वोट अंततः ये गजवा-ए-हिंद के लिए देंगे,
आतंकवाद के लिए देंगे,
सीधे सीधे आतंकवादी को भी देंगे कश्मीर उदाहरण है अब दो आतंकवादी आपके साथ लोकसभा में भी बैठेंगे।
सर तन से जुदा करने चाहने वालों के लिए देंगे,
हलाला के लिए देंगे,
शरिया के लिए देंगे।
जो बात दुनिया भर में समस्त साधारण से साधारण,अनपढ़ से अनपढ़ मानव को भी समझ आती है वो मोदीजी आपको क्यों नहीं समझ आती,
बार बार के कड़वे अनुभव के बाद भी ?
अब तो लगता है साहब आप जान बूझकर समझना भी नहीं चाहते हैं। लिख के रख लो और दीवार पर टांग लो J&K के विधानसभा के चुनाव में भी एक भी मुस्लिम वोट नही मिलेगा, और किसी चुनाव में भाजपा को भी नहीं मिलेगा , यहां तक कि आपका अब्बास भाईजान आपको वाराणसी में भी नहीं देगा ये बार बार साबित हुआ तथ्य है। फिर भी ऐसी क्या मजबूरी है जिसके आगे मोदी जी आप बार-बार लेट जा रहे हैं?
अब आपके बारे में कुछ बोल दिया जाए तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा, अब आपको कैसे कहा जाए कि आप झुक कर खड़े होकर अपना योग करवा भी लेंगे पूरे खानदान की भी करवा लेंगे हिंदुओं की तो करवा ही रहे हैं फिर भी इनका एक भी वोट नहीं मिलेगा!!!🤐😬🙊
लोग कहते हैं कि इस आदमी की नोबेल पुरस्कार की चाहत भाजपा को धीरे धीरे निगल रही है।। कश्मीर में जिन सांपो पर लाठियां बरसानी थी, उन को दूध पिला कर अजगर बनाया जा रहा है।।
गांव देहात के बड़े बुजुर्ग बड़े अनुभवी थे अपनी देशी भाषा में भी बहुत अनुभव की बातें सैकड़ों हजारों साल पहले बता दिये थे,ऐसी ही एक कहावत है कि "आजमाये को आजमाये,अपनी .........
इसी तुष्टिकरण के कारण 303 से 240 पर आये हो, इसी तुष्टिकरण के चलते अगली बार 140 पर आ सकते हो।
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