मोदी सरकार ने प्रीमियम बुलेट ट्रेन भारत को दी।(भले ही अभी काम चल रहा है)
मोदी सरकार ने सेमी(प्रीमियम) हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत भारत को दी।
मोदी सरकार ने अमृत भारत ट्रेन भारत को दी जो पुरानी एक्सप्रेस ट्रेनों को बदल देंगी।
मोदी सरकार ने वंदे मेट्रो भारत को दी जो शहर के अंदर भारत को जोड़ेंगी।
मोदी सरकार ने ट्रेनों का इलेक्ट्रिफिकेशन करवाया।
मोदी सरकार ने अलग सा फ्रेट कॉरिडोर माल गाड़ियों के लिए बनवाया।
मोदी सरकार ने पटरियां, बोगियां, अन्य पुरानी ट्रेनें बढाकर करीब करीब डबल कर दी।
मोदी सरकार ने स्टेशन, एयरपोर्ट लेवल के कर दिए।
मोदी सरकार ने निजी ट्रेन भी पटरियों पर चलवा दी जैसे सरकारी और निजी बस दोनों सड़को पर चलती हैं।
मोदी सरकार ने स्वच्छता के साथ अन्य सुविधाएं भी यात्रियों को दी।
लेकिन मोदी सरकार फिर भी फेल हो गयी क्योंकि इतनी आबादी इस देश मे है कि जितना करो कम पड़ता है और कोई चमन फटक से किसी ट्रेन के अंदर ठूसी भीड़ दिखा कहने लगता है कि ये रही मोदी की असलियत।
लेकिन ऐसा मादरनंदन आपको ये नही सोचने देगा कि ये हालत हैं क्यों?
क्यों पुरानी सरकारों ने इनपर काम नही किया जो ये हालत हैं।
क्यों ऐसी सरकारें रहीं कि उन्होंने राज्यो को बर्बाद कर दिया जिस वजह से पलायन हुआ और जब यही प्रवासी अपने घर जाते हैं तो ट्रेनें खचाखच भर जाती हैं।
आखिर इन सबकी भी तो कोई जिम्मेदारी थी अपनी सरकार के रहते।
और फिर ये लोग 140 करोड़ के देश की तुलना किसी यूरोप के छुटभैये देश से कर भारत और वहां की ट्रेनों की तुलना करने लगते हैं।
चीन की बुलेट ट्रेन जो 2007 में चली उसकी तुलना में भारत का मजाक बनाते हैं कि कब चलेगी बुलेट ट्रेन जबकि ये नही बताते कि जब कांग्रेसियो का साझीदार चीन बुलेट ट्रेन चलवा रहा था तब(2008) कांग्रेस वहां भारत को पिछड़ा रखने को MoU साइन कर रही थी।
इधर भी गुजरात कब से अपनी तरफ का काम करकर बैठा है लेकिन इन्ही मादरनंदनो ने महा वसूली गाड़ी बना बुलेट ट्रेन के साथ मुम्बई मेट्रो का काम रोक हजारों करोड़ का नुकसान करवा दिया क्योंकि समय के साथ महंगाई भी बढ़ती है जिससे कॉस्ट भी बढ़ता है। यहां तक कि समय रहते चलने वाली ट्रेन से मिलने वाला राजस्व का भी करोड़ो में नुकसान होता है।
और साला यही सब देख मुझे दुख होता है कि लोग इतने चुइये कैसे हैं जो हर बार इनकी बातों में आ जाते हैं।
ताजा उदाहरण फिर फेक खबर फैलाने का है कि स्टेशन का टिकट 50 का है और मोदी ने बर्बाद कर दिया रेलवे को जबकि वो दाम कोरोना के समय का था जब भीड़ न लगे स्टेशन पर तो 50 का किया गया जो अब वापिस 10 रुपये ही हो चुका है।
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