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Friday, June 21, 2024

फिर से EVM पर रूदन प्रारम्भ

 फिर से EVM पर रूदन प्रारम्भ! 

ॐ श्री गुरुभ्यो नमः ! हरिः ओम् !

4 जून को जब चुनाव परिणाम आए तो विपक्ष बहुत उत्साहित था और चुनाव परिणाम को अपनी विजय बता रहा था। राहुल बाबा बहुत अधिक उछल रहे थे कि कांग्रेस को 99 सीट मिली और वह अति उत्तम श्रेणी में पास हो गये, 100 में से 99 मिल गए। दो हफ्ते बाद उसे किसी ने समझाया कि 100 नहीं 543 में से 99 मिले और पप्पू फिर फेल हो गया। इसलिए फिर से ईवीएम पर रोना प्रारम्भ कर दिया। फेक न्यूज सारे चैनलों ने चलाई कि ओटीपी से ईवीएम हैक हो सकती है, पप्पु भी उछल पड़ा, फिर सारे चमचे भी चालू हो गए कि एक सीट पर भाजपा मात्र 48 वोटों से जीती वहाँ ईवीएम हैक की गई। लेकिन अनेक सीट ऐसी हैं जहाँ 1000 से कम, 2000 से कम वोटों से विपक्ष भी जीता है। 

जैसा कि मैं चुनाव से पहले से ही लिख रहा था कि यह चुनाव विदेशी शक्तियों द्वारा मोदी को कमजोर करने के लिए लड़ा जा रहा है, राष्ट्रवादियों पर साइबर अटैक हो रहा है, फेक न्यूज और फेक एजेंडे विदेशों से चलाए जा रहे हैं और विपक्ष इसका सहयोगी है वही हुआ, लगे हाथ एलोन मस्क ने भी ईवीएम हैक हो सकती है एक्स पर पोस्ट डाल दी।  मस्क भारत में अपनी इवी (इलेक्ट्रिक वहिकल) बेचना चाहता था। मोदी जी से मिला भी था, लेकिन बात नहीं बनी। क्योंकि यह चीन में कार बनेगी और भारत में बिकेगी, इसे विशेष छूट भी चाहिए थी। इसका कारण यह था कि चीन में इसकी इवी भागेदारी 10% से घटकर 6% पर आ गई है क्योंकि चीन की कम्पनियाँ इससे सस्ती कारें बना रहा है। अब यह 2% तक ही रह जाएगी ऐसा अनुमान है। अभी चुनावों के बीच यह फिर मोदी जी से मिलने आ रहा था लेकिन एक दिन पहले ही मना कर दिया और फिर चीन चला गया, क्यो? कुछ तो डील हुई होगी। भारत में लीथियम भी मिल चुका है जो इवी के लिए आवश्यक है (लीथियम ऑयन बैटरी), इसी वर्ष सेमीकंडक्टर का भी उत्पादन प्रारम्भ हो जाएगा, यह सभी वाहनों में लगती है। भारत अब माइक्रो चिप्स भी बनाने का प्रयास कर रहा है, जापान, दक्षिण कोरिया, ताईवान से बात हो गई है। यह सब हम चीन से ही खरीदते हैं, इसलिए अब भविष्य में भारत चीन का बड़ा प्रतिस्पर्धी होगा, यह चीन कैसे स्वीकार कर सकता है। इसीलिए फेक न्यूज का धंधा जोरों से चीन, डीप स्टेट, अमेरिका सहित यूरोप से चला। कांग्रेस का चीन के साथ 2008 में क्या समझौता हुआ था और राहुल गांधी किस अधिकार से समझौते पर हस्ताक्षर कर रहा था? वह प्रधानमंत्री तो क्या केंद्रीय मंत्री भी नहीं था। इसके बाद चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन में 250 करोड़ क्यों दिए यह समझना आसान है। इसीलिए चीन ने सोनम वांग्चुक को मोहरा बनाकर लद्दाख में आन्दोलन किया यह विस्तार से लिख ही चुका हूँ। एलोन मस्क की पोस्ट को कांग्रेस सहित विपक्ष ने हाथों हाथ लिया लेकिन चुनाव आयोग ने मस्क को भी कह दिया कि आ जा अपनी टीम लेकर और ईवीएम को हैक करके दिखा। फिर कभी किसी अन्य लेख पर तब तक के लिए जय श्री 

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