कोई पत्रकार इनसे यह क्यों नहीं पूछता कि जब 1982 में तुमने ही देश में EVM को इंट्रोड्यूस किया फिर 1983 में तुमने ही संसद में जन प्रतिनिधित्व कानून संशोधन बिल पास किया जिसमें EVM पर 2 दिन बहस चली गृह मंत्री ने सदन में कहा की दुनिया का कोई भी इंजीनियर EVM में छेड़खानी नहीं कर सकता
उस वक्त विपक्ष बार-बार सवाल उठता रहा कि आखिर कांग्रेस भारत में EVM से चुनाव क्यों करवाना चाहती है जबकि अमेरिका जर्मनी फ्रांस जैसे देशों में EVM से चुनाव नहीं होते तब राजीव गांधी और इंदिरा गांधी कहती थी EVM से चुनाव होने से अरबो टन कागज बचेगा पर्यावरण बचेगा परिणाम गिनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा सरकारी कर्मचारी जल्दी चुनाव ड्यूटी से फ्री हो जाएंगे ब्ला ब्ला ब्ला
1982 से लेकर 2024 तक 30 से ज्यादा बार सुप्रीम कोर्ट में पर सवाल उठाये गए हैं इंदिरा गांधी सरकार राजीव गांधी सरकार सिंह राव सरकार मनमोहन सरकार सबने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट यानी हलफनामा दायर करके कहा है EVM पूरी तरह सुरक्षित है
अगर ईवीएम हैक होता तो यकीन करिए कांग्रेस का डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट इतना खतरनाक है कि नरेंद्र मोदी जिंदगी में कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते थे
2014 में केंद्र में कांग्रेस सत्ता में थी 25 से ज्यादा राज्यों में या तो कांग्रेस सत्ता में थी या विपक्षी दल सत्ता में थे यानी सेना पुलिस प्रशासन चुनाव आयोग सब कुछ कांग्रेस के कंट्रोल में था, नरेंद्र मोदी मात्र एक सुदूर राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उस वक्त सिर्फ चार राज्यों में भाजपा सत्ता में थी यहां तक की उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी सत्ता में नहीं थी
फिर भी नरेंद्र मोदी EVM में सेटिंग करके कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेक दिए और कांग्रेस सरकार को भनक तक नहीं लगी तो यकीन मानिए कांग्रेस सत्ता में रहने के लायक नहीं है और कांग्रेस इस देश में कभी सत्ता में आनी भी नहीं चाहिए क्योंकि जब कांग्रेस सत्ता में रहने के दौरान EVM को सुरक्षित नहीं कर सकती यह पता नहीं लगा सकती की 26 से ज्यादा राज्यों में और केंद्र में हमारी सरकार होने के बावजूद सी प्रशासन पुलिस चुनाव आयोग हमारे नियंत्रण में रहने के बावजूद एक मुख्यमंत्री पूरे भारत के एवं में कैसे सेटिंग कर दिया
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