हिंदुओं को लगता है कि सत्ता वोट से निकलती है... लेकिन ये बिलकुल गलत है... जमीनी सच वही है जो माओ ने कहा था... सत्ता बंदूक की नली से ही निकलती है... हिंदू ये बात नहीं समझ पाया इसलिए सत्ता में होकर भी सत्ता में नहीं है !
- हम सभी माओ को पसंद नहीं करते हैं क्योंकि माओ भारत का दुश्मन था... और माओ के भारतीय समर्थकों यानी कम्युनिस्टों ने भी भारतीय संस्कृति की कब्र खोदने का पूरा प्रयास किया है... ये बात अलग की है कि अभी तक भारतीय संस्कृति जिंदा है
- लेकिन माओ ने एक बात बिलकुल सही कही थी... All Political Power Comes From The Barrel Of A Gun... यानी सभी राजनीतिक शक्तियां बंदूक की नली से ही निकलती हैं ।
-अब ज़रा गौर कीजिए... हिंदुओं ने मोदी सरकार को 300 से ज्यादा सीटें चुनकर सत्ता में बैठा दिया लेकिन क्या हिंदुओं की बात सुनी जा रही है । पश्चिम बंगाल में बीजेपी के कार्यकर्ताओं और हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है... शाहीनबाग में इतने दिन तक धऱना चलता रहा... दिल्ली के दंगे हो गए.... राम मंदिर का निर्णय आया तो अदालत से आया । काशी और मथुरा का मामला अब भी अनसुलझा पड़ा है । क्या हिंदू अपनी सरकार होने के बाद भी दम से ये बात कह सकता है कि उनकी हर बात सुनी जा रही है । क्या हिंदुओं के सपनों का वो भारत तैयार हो गया जिसकी कल्पना बार बार पूज्य श्री हेडगेवार जी ने की थी ।
- हेडगेवार के सपनों का भारत नहीं तैयार हुआ क्योंकि हिंदुओं ने अभी तक यही माना है कि सत्ता वोट से निकलती है जबकि दूसरी तरफ जो विशेष समुदाय है वो इस बात पर पूरा यकीन करता है कि सत्ता बंदूक की नली से ही निकलती है इसलिए वो अपनी मन मर्जी चलाता है... सरकार पर उसका पूरा दबाव रहता है... सरकार को भी उसकी मांगों की आगे झुकना पड़ता है ।
- याद कीजिए... लक्षद्वीप में क्या मोदी सरकार बीफ बैन करवाने में कामयाब हो पाई ? आखिर हिंसक समाज ने भय दिखाकर अपनी मांगें मनवा ही लीं । इसीलिए विशेष समुदाय सत्ता में नहीं होकर भी सत्ता में रहता है क्योंकि हर तरह की राजनीतिक शक्ति हिंसक शक्तियों के सामने झुकने को मजबूत हो जाती है ।
-बुद्धिमान को इशारा ही काफी होता है... हिंदू समाज को अपनी मानसिकता को बदलना चाहिए... ये कहना ही पर्याप्त है ।
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