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Sunday, July 7, 2024

कुछ लोग चिढ़ जाते हैं की आप संत हैं आपको देश से लोकतंत्र से देश की नीतियों से क्या मतलब❓

 कुछ लोग चिढ़ जाते हैं की आप संत हैं आपको देश से लोकतंत्र से देश की नीतियों से क्या मतलब❓


    आप तो भजन कीर्तन करिये

     पूजा पाठ कथा व्रत उपवास

      करिए दान दक्षिणा लेकर 

        अपना सुख धन प्रतिष्ठा

         बढ़ाइए बस यही काम है‼️


  क्या बिना साधना बिना गुरु ज्ञान कीर्तन आराधना यम नियम संयम पालन किए ही सभी संत हो गए❓‼️


       ये कैसे लोग है सच में मूढ़ हैं❓


     या जानबूझकर देश देशवासियों के बीच धर्म प्राण संस्कृति पालन करने वाली श्रेष्ठ जनता को दिग्भ्रमित कर संत से महापुरुषों से राष्ट्र भक्तों से जो राष्ट्र सेवा को प्रथम मानते हुए धर्म संस्कृति का अवलंबन कर प्रत्येक नागरिक के उन्नयन और राष्ट्र उन्नयन से पूरी वसुधा की सेवा का लक्ष्य लेकर चल रहे उनसे दूर करने मतभेद उत्तपन्न करने की चेष्टा में गिद्ध की तरह लगे रहते हैं।❓


         न इन्हे भारतीय ऋषि परंपरा का ज्ञान है न उनके राष्ट्र धर्म निष्ठा के विषय में ये अज्ञानी लोग भोले भाले लोगो को बहकाते हैं उनकी दृष्टि में धूल झोंकते हैं और फिर से भारत माता को खंडित कर मूल धर्म संस्कृति का विनाश कर पुनः कई भागों में बांटना चाहते हैं।


        पाकिस्तान अफगानिस्तान इत्यादि कितना खंड हो चुका है जहां न तुम अपना धर्म न संस्कृति न महिलाए न बच्चे न स्वयं को बचा सकते हो .....

 

     अतः प्रत्येक भारतीय सनातनी आनंद प्रेम शांति मानवता में विश्वास रखने वाले लोगों का एक धर्म हो एक कर्तव्य एक लक्ष्य हो अपने धर्म संस्कृति अपनी संतान की आने वाले पीढ़ियों को वीभत्स तरीके से जीने और घुट घुट कर मरने पर मजबूर होने दें🙏....


     आपके घर बंगले कार जमीन बैंक बैलेंस बड़े बड़े फार्म हाउस हमारे विशाल आश्रम ये मठ मंदिर  कुछ नही बचेंगे न तुम्हारे काम आयेंगे जैसे भारत से अलग कर दिए गए देशों में और तो और अपने ही देश में भी कश्मीर केरल इत्यादि में काम न आए।


  याद रखिए राष्ट्र है,

        तो धर्म संस्कृति, 

          समृद्धि सुरक्षा सब है। 


नही तो कुछ नही क्या जिस भूमि पर भगवान के इतने अवतार हुए उस पुण्य पवित्र भूमि की रक्षा उनके दिए धर्म संस्कृति(आनंद प्रेम शांति) की रक्षा इस मिट्टी में जन्म लेने और रहने वाले लोगो की रक्षा एवम आनंद के लिए सतत कर्म करना 

                 भक्ति नही❓

                 साधना नही❓


 मुझे राज और उसके नीति से कोई मतलब नही राज मानवता विरोधी लोभियों का हो या नीति विनाशकारी हो मुझे राजनीति (लोकतंत्र जनहित) से कोई मतलब नही क्योंकि ......

             मैं बाबा जी हूं❓ 

              साधु संत गुरु    

         धार्मिक प्रवचन कर्ता हूं❓

   इससे बड़ा पाखंड और झूठ 

   क्या हो सकता है आप ही बताओ‼️✍️🙏🙏


   "भूल गए सोमनाथ का भव्य मंदिर और पुजारी तथा आम लोगो का नरसंहार"

                        

        "विचारणीय है प्रश्न"



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