🔴 कल्पना कीजिए कि..
... अचानक से सारे सर्वर्स, ई-बुक्स, सर्च इंजन्स और डाटा बैक अप्स आदि नष्ट हो जाएं तो क्या होगा?
ऐसा ही कुछ हुआ था वर्ष 1193 में जब भारत में बख्तियार खिलजी द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय को तबाह कर दिया था...
प्रमाण हैं कि उस समय विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में करीब 80 लाख पुस्तकें थीं और वे भी हस्तलिखित...
लगातार 3 से 6 महीनों तक आग जलती रही थी... पुस्तकों और नालंदा विश्वविद्यालय को जलाकर ख़ाक़ कर दिया गया था... क्योंकि वह एक काफ़िर संस्थान था...
सदियों में अर्जित किया गया सनातनी ज्ञान एक झटके में राख़ मे तब्दील हो गया था... ऐसा तक्षशिला और विक्रमशिला समेत कई विश्वविद्यालयों के साथ भी किया गया था...
भविष्यदृष्टा स्पष्ट रूप से देख रहे हैं कि आज से बस कुछ ही साल बाद फिर से ठीक वैसे ही नज़ारे पेश आने वाले हैं...
इस बार कुछ भी नहीं बचेगा... इसलिए नौकरी, मकान, संपत्ति आदि बनाने के साथ-साथ उसकी रक्षा के प्रयत्न भी किए जाने चाहिए...
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