Followers

Wednesday, July 3, 2024

कनार्टक में कांग्रेस सरकार की Freebies पर कैसे लोगों को कांग्रेस ...

 कनार्टक में कांग्रेस सरकार की Freebies पर कैसे लोगों को कांग्रेस बनाया बेवक़ूफ़


1. गृह ज्योति योजना के तहत सभी परिवारों को हर महीने 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त।

2. गृह लक्ष्मी योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को 2000 रुपये की मदद। 

3. अन्न भाग्य योनाज के तहत बीपीएल परिवार के हर सदस्य को हर महीने 10 किलो चावल मुफ्त. 

4. युवा निधि योजना के तहत दो साल तक 18 से 25 साल के बेरोजगार ग्रेजुएट को हर महीने 3,000 और डिप्लोमा होल्डर बेरोजगार को 1,500 रुपये की मदद।

5. शक्ति योजना के तहत सभी महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री यात्रा की सुविधा।


Freebies का खामियाजा भुगत रहा पूरा प्रदेश


मोटे तौर पर लगाए गए अनुमान के मुताबिक, सिर्फ परिवार की महिला मुखिया को भत्ता देने और मुफ्त 200 यूनिट बिजली देने भर से ही राज्य सरकार को सालना 51 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। अगर कांग्रेस सरकार मुफ्त घोषणाओं से जुड़े सारे वादे को पूरी करती है तो राज्य सरकार को सालाना 70-75 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा।


कर्नाटक राज्य की कुल देनदारियां ₹6,65,095 करोड़ आंकी गई हैं, जो Gross State Domestic Product (GSDP) का 23.68% है। 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा ₹82,981 करोड़ होने का अनुमान है, जो GSDP का 2.95% है।


विकास परियोजनाएं ठप्प : कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का कहना है कि चुनाव के वक्त कांग्रेस ने जो पांच गारंटी (Freebies) दी थीं, उन्हें पूरा करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं, लिहाजा इस साल नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए कोई पैसा नहीं दे सकते हैं.


5 गारंटी का खर्चा बढ़ा : वित्त वर्ष 2023-24 में कांग्रेस की 5 चुनावी गारंटियों पर ₹39,825 करोड़ का खर्चा किया गया था। यह कर्नाटक के 2023-24 के बजट का लगभग 17% था। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में इन 5 चुनावी गारंटियों पर ₹52,000 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है।


विकास में पिछड़ रहा राज्य : कांग्रेस सरकार का पूरा फोकस चुनावी गारंटियों को पूरा करने पर है। मतलब साफ है, वह राज्य के विकास का सारा पैसा अपने चुनावी गारंटी को पूरे करने में फूंक रही है जिससे राज्य पिछड़ रहा है। यहां तक कि विधायकों के विकास निधि को भी रोक दिया गया है।


डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़े : सरकार अब अपना खजाना भरने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमशः ₹3 और ₹3.50 बढ़ा दिए। सरकार का यह जनविरोधी निर्णय लोकसभा चुनाव संपन्न होने के ठीक बाद लिया गया।


पानी की कीमतें और बसों के किराए भी बढ़ाने की तैयारी : डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का साफ कहना है कि बेंगलुरु में  पानी आपूर्ति के दाम बढ़ाए जाएंगे। क्योंकि बेंगलुरु का  जल आपूर्ति विभाग अपना बिजली का बिल और कर्मचारियों के वेतन तक नहीं दे पा रहा है। कावेरी नदी से पानी लेने वाले बाशिंदों के लिए पानी की कीमतें 40% तक बढ़ाए जाने की तैयारी है। 17 जून, 2024 को हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राज्य में बसों का किराया बढ़ाने पर भी चर्चा की है।


मंदिरों से होने लगी वूसली : फ्रीबीज वाली चुनावी गारंटी को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने 1 करोड़ रुपये से ज्‍यादा कमाई करने वाले मंदिरों पर 10 फीसदी सालाना टैक्‍स का प्रावधान कर दिया है। वहीं, 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की कमाई करने वाले कर्नाटक के मंदिरों को अपनी सालाना आय का 5 फीसदी टैक्‍स भुगतान करना होगा।


- कर्नाटक ने बीजेपी की सरकार में मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज की थी। कर्नाटक ने बड़े राज्यों में जीएसटी संग्रह में सबसे अधिक वृद्धि दर दर्ज की थी।


-RBI का डाटा बताता है कि वर्ष 2021-22 में कर्नाटक भारत की इकोनॉमी में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले राज्यों में तीसरे स्थान पर था। अब पांचवें स्थान पर है।


- 2022-23 के लिए राजस्व संग्रह का लक्ष्य 72,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जिसके विरुद्ध जनवरी के अंत तक (जीएसटी मुआवजे को छोड़कर) 83,010 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हासिल किया गया। यह बजट अनुमानों से 15% अधिक था।


- कर्नाटक की कुल देनदारी पिछले पांच सालों में 3.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर नवीनतम बजट के अनुसार 5.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।


- आगामी तीन साल में 1.7 लाख करोड़ रुपये और उधार लेने का अनुमान है। 30% की बढ़ोतरी से राज्य की कुल उधारी 2026-27 तक 7.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।


- कांग्रेस के एक और चुनावी वादे के साथ, जिसमें वह 10 लाख नौकरियां प्रदान करने और सरकारी विभागों में 2.5 लाख रिक्तियों को भरने का वादा कर रही है, जिससे राज्य का वेतन बिल बढ़ जाएगा।




No comments:

Post a Comment

साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है

 साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।लेकिन आज #योग और #आयुर्वेद पर चर्चा कर रहे हैं।ऐसे माहौल में जब #एलोपैथी ने ...