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Wednesday, July 10, 2024

और सबसे ज्यादा हिन्दू महिलाओ की दुर्गति होंगी

 मैं यह पोस्ट किसी को भी टैग नहीं कर रहा हूँ, और आज कोई और पोस्ट डालूँगा भी नहीं, आज यही ऑब्जर्व करूँगा कितने हिन्दू इस पोस्ट को पढ़ समझ और शेयर करते हैं। 

Now ball is in your court


भारत पाकिस्तान मे युद्ध होगा!


-(और सबसे ज्यादा हिन्दू महिलाओ की दुर्गति होंगी )



https://youtu.be/NHVu7IozvQk?si=jOLFduAsc42yhDfJ


 लेकिन भारत मे भीषण गृहयुद्ध होगा! - भविष्य वाणी


हर हिन्दू यह लेख अवश्य पढे!


पाकिस्तान के पास सबसे बड़ा हथियार उसका परमाणु बम नहीं, बल्कि भारत मे बसे तीस करोड़ मुसलमान हैं!


यह बात मैं नहीं कह रहा हूँ,यह बात 1980 के दशक में जनरल जिया-उल-हक ने कही थी!


उसने कहा था कि "जब भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान हैं, तो हमें वहाँ लड़ने के लिए अपने सैनिक भेजने की क्या जरूरत है?"


तब से पाकिस्तान ने अपनी सोच-स्ट्रेटजी बदल ली है! 


अब उसने भारत के मुसलमानों को रेडिकलाइज करने में इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया है!


हर शहर, हर गली मे मदरसे! यहां कि शिक्षा उसका उदाहरण हैं!


भारत की अपनी सरकारों और गद्दार नेताओं ने भी इस आग में खूब घी डाला है


आज अगर मोटा-मोटा आकलन करें, तो भी कम से कम 50% मुसलमान इस्लामी कट्टर हो ही चुका है! 


संख्या में ये कितने हुए? 30 करोड़ का 50%, यानी 15करोड़! जबकि भारत के पास लगभग 15 लाख सैनिकों की फौज है! मतलब, पूरे भारत की फौजों से सौ गुना अधिक!


अब, अगर पाकिस्तान इन्हें भारत में दंगे-फसाद फैलाने का सिग्नल दे दे,


 जबकि हर मुस्लिम के घर मे हथियार भी हैं, तो आप कैसे संभालोगे? 


और जो बाकी के 15 करोड़ हैं, वो आपके साथ खड़े होकर इसका विरोध करते नहीं दिखेंगे! 


वे या तो मूक दर्शक बनकर हवा का रुख भांपेंगे, या शोर मचाएँगे कि, मुसलमानों के साथ कितना अत्याचार हो रहा है!


इस शोर मे सेकुलर मिडिया और हिन्दू विरोधी विचारधारा वाले नेता भी इनका साथ देंगे! 


अगर 2-4% मुसलमान सचमुच इसके विरोध में भी होंगे, 


तो वे वैसे ही अप्रासंगिक होंगे, जैसे 1947 के पहले भारत विभाजन के समय थे!


पिछले कुछ समय से, भारत के अलग-अलग शहरों में, किसी न किसी बहाने से, 50,000 या 1,00,000 मुसलमान जुटते रहे हैं! 


उन्होंने हिंसक प्रदर्शन किया हैं, कभी किसी हिन्दू त्योहार के मौके पर, या कहीं पैगम्बर से गुस्ताखी के विरोध के बहाने से! 


पता है यह सब क्या है? ये विरोध प्रदर्शन नहीं है, 


यह सब उसी मारक हथियार के मिकेनिज्म को टेस्ट करने की पाकिस्तान की प्रक्रिया भर है!


सबूत, भारत में 1965 तक, एक मुस्लिम रेजिमेंट सेना में थी, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग थे! पाकिस्तान से युद्ध में उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करने से मना कर दिया था! 


तब उस रेजिमेंट को तोड़ा गया था!


लेकिन सोचिए जरा, इससे निपटने की हमारी तैयारी क्या है?


हम समझते हैं, सब सरकार करेगी! जिस दिन युद्ध होगा, उस दिन हाँ सरकार करेगी! जितने सैनिक उपलब्ध होंगे उन्हें सीमा पर भेज देगी! वो मुसलमान यहां रेल कि पटरी उखाड़ देंगे, गदर मचाएंगे, लूटपाट करेगे!


ऐसा 1947 में कलकत्ता में देश विभाजन के समय हुआ था, जो एक कङवी सच्चाई है!


लेकिन क्या आप इन 15करोड़ को रोक पायेंगे?


युद्ध जिस स्तर पर लड़ा जाता है, उसका मुकाबला भी उसी स्तर पर किया जा सकता है!


 दुश्मन, सामाजिक स्तर पर, लड़ाई लड़ने को अपनी तैयारी लगभग पूरी कर चुका है! 


लेकिन क्या हम इस दिशा में एक भी कदम आगे बढ़े हैं? नहीं, बस सारा दिन "मोदी-मोदी"!

 

वो पंक्चर बना लेंगे, मुर्गा-मुर्गी बेच लेंगे, हजामत बना लेंगे, नहीं तो फेरी लगा कर कबाड़ खरीदेंगे-बेचेंगे, 


लेकिन वो इन चीजों में अपनी शक्ति जाया नहीं करेंगे! 


क्यों कि उन्होंने अपना लक्ष्य तय कर रखा है! 


वो जो भी करेंगे, अपने उसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही करेंगे! 


हाँ, उनके कुछ लोग जो कुछ प्रशिक्षित हैं, वो इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से, सीमित मात्रा में, बोलते देखे जा सकते हैं, 


जो सिर्फ आपको व्यवस्था के प्रति आक्रोशित करने के लिए! वो सिर्फ मुद्दे को लोगों के बीच उकसाते हैं, 


और फिर अलग हो जाते हैं! और वहाँ मौजूद हम, आप उस मुद्दे के पक्ष-विपक्ष में वाक्युद्ध में संलग्न होकर, अपने आपसी रिश्ते बिगाड़ते हैं! और वे तमाशा देखते हैं!


ये भी उनकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है, जिसे हम हिन्दू भाँप नहीं पाते!


ऐसी विषम परिस्थिति में, अब भी समय है, कि हम समय रहते अपने छोटे-छोटे आपस में वैमनस्य पैदा करने वाले मुद्दों को पीछे छोड़, अपने अस्तित्व के संकट के प्रति एकजुट हों! इससे निपटने का कोई एक्शन प्लान बनाएं, और उस पर अमल करें! अन्यथा वह समय अब आ गया लगता है, कि हम विश्वगुरु के सपने देखते हुए, अपना वर्तमान भी खो देंगे!


जब धर्म ही नहीं बचेगा, तो धार्मिकता किस काम की रह जायेगी?आज वे फालतू की बात पर, मुस्लिम लगातार हिन्दू धर्म और उनके प्रतीकों का अपमान कर रहे हैं! हमे धमकी दे रहे हैं! और हम घर मे चुप चाप "राम राम" जपें, तो तैयार हो जाइए इस्लाम कुबूल करने को! यह राजनैतिक बात नहीं, बल्कि धार्मिक बात है! अपने धर्म की रक्षा के लिए सजग रहना ही होगा! जो हो रहा है, किसी से छिपा नही है! राजनैतिक पार्टियां समझ चुकी हैं, कि ये हिन्दू,अपने धर्म और विचारधारा का पक्का, न था, और न होगा!


इसलिए, खुले मंच से, हिन्दू धर्म का अपमान और अनदेखी कर रहे हैं! खैर, हमें क्या फर्क पड़ता है? हम बस तिलक लगाकर, हिन्दू धर्म रक्षक होने का मिथ्या अहंकार पाले घूम रहे हैं!


शरद पवार ने साफ कह दिया, "#मुस्लिम_सरकार_बनाते_हैं।", यानी हिन्दू वोट करता ही नहीं, या उसके वोट का मोल ही नहीं रह गया है!


काँग्रेस के महाराष्ट्र में अध्यक्ष ने कहा है, मुस्लिमों के कहने पर सरकार बनाई, #मतलब_हम_हिन्दू_बहुसंख्यक_होकर_भी_कोई_महत्व_नहीं_रखते_हैं!


खुलेआम ॐ और स्वस्तिक के चिन्हों पर Fu*k your Hindutva लिखा जा रहा है, लेकिन हमें क्या? हम धार्मिक हैं, अहिंसा वादी हैं, हमे सिर्फ पूजा-साधना में ध्यान लगाना चाहिए! यह सब बाहरी प्रपंच है, लेकिन न चाहते हुए भी यह बाह्य परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है! कभी सोचा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिन्दू क्या धार्मिक नहीं थे? बिल्कुल थे! उनके मंदिर तोड़ दिए, पूजा पर रोक लगा दी! अब कैसे करते पूजा, आराधना और साधना? परिणाम यह हुआ, कुछ ने इस्लाम कुबूल कर लिया, कुछ भाग आये भारत मे! लेकिन हमने क्या किया? उनको शरणार्थी बना कर रख दिया! न अपनाया न हक दिया!


अब, जब CAA से उन्हें नागरिकता दी जा रही है, तब यहाँ के मुस्लिम विरोध कर रहे हैं!


 यानि, मुल्क बदला है, इस्लाम की विचारधारा वही है! 


न वहाँ रहने देंगे, न यहाँ!


एक नेता ने यहाँ तक कह दिया, कि मुस्लिम को तो पता है उनके बाप-दादा कहाँ दफन हैं, तुम हिंदुओं को यह भी नहीं पता कि तुम्हारे बाप-दादा कहाँ फूंके गए! लेकिन हिन्दू को इससे फर्क नहीं है! वो धार्मिक है! अपने साथ-साथ दूसरे धर्मों का भी सम्मान करता आया है! और अब यही विचारधारा कमजोरी बन गयी है! तभी अब मुस्लिम सीना ठोंक कर कहते हैं, कि, हमने ८०० साल राज किया! जबकि हिन्दू सनातन धर्म इस्लाम से पहले से था, तो हम तो साल भी नहीं गिन सकते कि, हमने कितने साल राज किया है!


#सनातन_धर्म_के_मूल_में_

अहिंसा_नहीं_थी, वरना देवी-देवता की परिकल्पना अस्त्र-शस्त्र के साथ नहीं करते! 


ये गौतम बुद्ध, महावीर और गाँधी ने हमे अहिंसावादी बनाकर पंगु कर दिया है! 


यह स्थिति है कि, कोई हमारे साथ गलत भी करे, तो हमारा हाथ तक नहीं उठता, शस्त्र उठाना तो दूर की बात है!


मैं शुरू से कहता आया हुं, "कल का कायर हिन्दू आज का मुस्लिम है, और आज का कायर हिन्दू भविष्य का मुस्लिम होगा!"



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