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स्वयं को हिन्दू कहते हो तो,
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90 करोड़ हिन्दूओ का झुण्ड 25 करोड़ असुरों से डर रहा है और अत्याचार सहन कर रहा है....
1 बेटा धर्म के लिए तैयार करो हिन्दूओ...
.स्वयं उसको धर्मादेश देकर आसपास रहने वाले असुर का वध करवाइए
उसे अपने हाथों से चंदन तिलक व केसरिया साफा पहनाकर ढ़ोल थाली, गाजे बाजे के साथ स्वागत करते हुए जेल भेजिए....
संविधान लचर है, जमानत मिल जाएगी देर सवेर.....
जेल में भी रहेगा तो गर्व कीजिएगा कि तुम्हारी कोख ने एक सिंह,एक शेर को जन्म दिया है....
जब तक युवा पीढ़ी अपने धर्म की रक्षार्थ एक अतिरिक्त सन्तान पैदा करने की ओर नहीं तैयार होगी तब तक सनातन संस्कृति को सुरक्षित रखने के उपाय करने के लिए सरकार पर निर्भर रहना होगा.....
या तो स्वयं धर्मरक्षक सन्तान तैयार करो, या चुपचाप हिन्दू नेतृत्व को अपना काम उनके तरीके से करने दो.....
क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था के देश में आप जो सोच रहे हो कि ये कानून बना दो, उसे फांसी दे दो, उसे जान से मार दो, असूरों को समाप्त करने के काम तत्काल प्रभाव से कर दो....
यह सब कुछ लोकतांत्रिक व्यवस्था के देश में तत्काल प्रभाव से सम्भव है ही नहीं हिन्दूओ....
क्योंकि 25 करोड़ असूरों को 25 करोड़ राजनीतिक हिन्दूओ का संरक्षण प्राप्त हो गया है राजनीतिक दलों के कारण...
उनके हितों की रक्षा के लिए उनसे ज्यादा उनके पक्ष में विपक्षी दलों के हिन्दू खड़े हो जाते हैं संसद भवन में....
यहां तक कि सड़कों पर भी उनकी सुरक्षा संविधान के कारण हिन्दूओ की पुलिस व सेना के द्वारा निर्धारित कर दी जाती है...
ये व्यवस्था जानबूझकर अंग्रेजों ने मुसलमानों के साथ मिलकर 1947 में हिन्दूओ पर थोपी थी.....
ताकि हिन्दूओ से भारत में रह रहे कन्वर्ट मुसलमानों व कन्वर्ट ईसाइयों को व हिन्दुविरोधी 5-7करोड़(25 करोड़ दलितों में से)दलितों को संविधान द्वारा निर्धारित कानूनी प्रक्रिया से सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किया जाता रहे.....
संविधान कन्वर्ट मुसलमानों, कन्वर्ट ईसाइयों व पाकिस्तान को वोट डालने वाले 7%दलितों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार करवाया गया था, क्योंकि तत्कालीन दौर में भारत में कन्वर्ट मुसलमानों का नेतृत्व मोहनदास करमचंद गांधी कर रहा था, कन्वर्ट ईसाइयों का नेतृत्व जवाहर लाल नेहरू कर रहा था, और हिन्दुविरोधी 7%दलितों का नेतृत्व अम्बेडकर कर रहे थे...
इन्होंने जिन्ना,लार्ड माउंटबेटन व शेख मुजीबुर्रहमान के साथ मिलकर हिन्दूओ को काबू में रखने के कानून लिखवाए...
और उसे संविधान का नाम दिया.....
संविधान हिन्दूओ का है ही नहीं हिन्दूओ........
अगर इस संविधान का इस्तेमाल करना चाहते हो तो अत्याचारों के विरुद्ध पहला हमला स्वयं की तैयार की गई सुरक्षा धर्मरक्षक योद्धाओं की ओर से करना प्रारंभ करो...
असूरों को मारकाट कर उत्सव मनाओ....
गाजे बाजे के साथ, ढ़ोल थाली बजाकर उन धर्मरक्षक योद्धाओं को जेल भेजने का कार्यक्रम करो....
उनके लिए वकील खड़े करो, उनकी जमानतें करवाओ और उनके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करो...
धर्म की रक्षा के लिए इकोसिस्टम बनाओ हिन्दूओ......
तभी असूरों को काबू में रख पाओगे.....
असूरों ने राजनीतिक दलों के साथ मिलकर अपना इकोसिस्टम1947 में ही बना लिया था और उसके हिसाब से ही असुर पूरे देश में हिन्दूओ पर हमले कर रहे हैं और उनके जेहादियों को वकील मुहैया कराने के बाद जिहादी के परिवार को आर्थिक सहायता व संरक्षण देने का काम करते हैं...
हिम्मत है तो बनाओ अपना क्षेत्रीय इकोसिस्टम....
हिम्मत नहीं है तो चुपचाप अपने काम धंधे करो, बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाओ, पैसा कमाओ, विदेश घूमो, मंदिरों में कथापण्डालों में ठुमके लगाओ, बहन बेटियों को फूहड़ता सिखाओ, उन्हें मॉर्डन बनाओ, कोठी बंगले बनाओ, महंगी गाडियाँ खरीदो,खाओ पीओ और मौज उड़ाओ....
मरना तो तय है मौत से मरो या असूरों के हाथ से.....
बहन बेटियों को असुरों की मेहरबानी पर छोड़ दो, जब तक मन नहीं करेगा असूरों का, तब तक तुम्हारी बहन बेटियां मेकअप करेगी, अधंनग कपड़े पहनेगी, सरकारी नौकरी करेगी, प्राइवेट नौकरी करेगी, स्कूल कालेज जाएगी और जब असूरों का मन करेगा वो उसे तुम्हारे घरों में से, स्कूलों में से, गली मोहल्ले में से, कालेज में से, अस्पताल में से, पब्लिक पार्कों में से, सड़कों पर से, कहीं से भी उठा ले जाएगा.....
5-10असुर मिलकर बारी बारी सामुहिक बलात्कार करके अपनी हवस की भूख मिटायेंगे और फिर नोच नोच कर उसका बदन चाटेंगे, चूमेंगे और दांतों से काटेंगे... जब सब असुर मन भर कर उसका बलात्कार कर कर के थक चुके होंगे तो उसको या तो बेहोशी की हालत में ही जिंदा जला देंगे या टुकड़े टुकड़े करके सिर कहीं और धड़ कहीं फेंक देंगे या तुम्हारी बहन बेटियों की न्नगी लाश किसी नाले में या सड़क किनारे फेंक कर अपने प्रॉफिट को सबाब देने चले जाएंगे....
पुलिस गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में जज साहब के सामने ले जाएगी और जज साहब उन्हें जेल भेज देंगे....
तारीख पर तारीख दी जाती रहेगी और असुर संविधान के द्वारा निर्धारित व्यवस्था से बरसों तक सरकारी खर्च पर जीवित रहते रहेंगे ..जेल में उसे कोई हिन्दू छू भी नहीं सकेगा....
जज साहब (अपने परिवार की असूरों से सुरक्षा के डर से)की मेहरबानी से वो अधिक से अधिक उम्रकैद की सजा पायेगा....
जज साहब उसे फाँसी दे ही नहीं सकते... क्योंकि जज साहब को भी डर लगता है कि असूरों का इकोसिस्टम जज साहब की बेटी के साथ भी सामुहिक बलात्कार करवा सकता है....
वकील साहब को भी अपनी बहन बेटी की चिंता है ठीक उसी प्रकार बड़े पुलिस अधिकारियों व नेताओं को भी अपनी बहन बेटियों की असूरों से बचाए रखने की चिंता लगी हुई है...
हिन्दूओ तुम्हारी रक्षा के लिए पुरखों ने साधु संतों व सन्यासियों को भी जिम्मेदारी सौंपी थी...
परंतु वर्तमान समय के साधु संत, मठाधीश, महंत व शुक्राचार्य व शंकराचार्य सब के सब राजनीतिक दलों के संरक्षण के सहारे ही अपने अपने सिंहासन पर बैठे हैं क्योंकि अकूत धन अर्जित कर लिया है इन तथाकथित भगवाधरियों ने भी, फाइव स्टार आश्रम व्यवस्था में लीन ये योगी से भोगी बन चुके हैं इन्हें भी राजनीतिक दलों के द्वारा ED,CBI,इनकम टैक्स विभाग की कार्यवाही व चेलियों के साथ रंगरेलियां मनाते सबूतों के सार्वजनिक होने के डर के कारण बिल्कुल मौन धारण कर चुके हैं....
वर्तमान समय के हिन्दूओ.....
तुम्हारा रक्षक कोई नहीं है......
सब कहीं न कहीं से दबाव में आये हुए हैं.....
भारत में जाग्रत हिन्दूओ की संख्या 30 से 50 करोड़ के बीच में है वर्तमान समय में.....
जबकि हिन्दुविरोधी ताकतों की संख्या 70 से 90 करोड़ के लगभग है....
हरेक चुनावों में इनमें 10-20करोड़ वोटर इधर उधर होते रहते हैं....
राजनीतिक दलों का एक बड़ा वोटबैंक हिन्दुविरोधी ताक़त का है इस कारण कोई भी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल खुलकर हिन्दूओ के लिए तैयार नहीं हो पाता है......
BJP में भी 90%नेता सेकुलर हैं और सेकुलर गिरोह के लिए काम करते रहते हैं....
10% BJP नेता ही मोदी योगी के साथ खड़े हैं हिंदुहितकारी बनकर....
इतने से राजनीतिक हिन्दूओ से इस संविधान का बाल भी बाँका करना तुम हिन्दू जितना सोचते हो उतना आसान नहीं है हिन्दूओ......
सब ओर से असुरक्षित हो हिन्दूओ तुम वर्तमान समय में....
कैंडल मार्च निकालने की मानसिकता त्यागो,
वी वान्ट जस्टिस का चुतियापा त्यागो....
न्याय मांगने से मिल जाये,ऐसा संविधान बनाया ही नहीं गया था1947 में.....
राम व कृष्ण की तरह न्याय करो हिन्दूओ.....
राम व कृष्ण की तरह अपने आसपास की धर्म शक्तियों को संगठित करते हुए धर्मयुद्ध की तैयारियां शुरू करो....
अधर्मी तो चारों युगों में बलशाली ही रहा है......
रावण सेना सहित राम व वानरदल से अधिक महाशक्तिशाली था कि नहीं?
दुर्योधन कौरवों सहित व कृष्ण की नारायणी सेना सहित महाशक्तिशाली था कि नहीं?
फिर भी राम ने वानरों की अगुवाई में, और कृष्ण ने पांडवों की अगुवाई में धर्मयुद्ध लड़ा था कि नहीं लड़ा था?
विजय किसकी हुई.... यह हिन्दूओ को जरूर ज्ञात है....
धर्मयुद्ध में मानवक्षति उठानी पड़ती है हिन्दूओ....
पांडवों ने भी उठाई थी.....
मानवक्षति के लिए तैयार हो जाओ हिन्दूओ.....
धर्म की रक्षा के लिए एक सन्तान तैयार करो हिन्दूओ......
अगर नहीं कर सकते हो तो चुपचाप मोदी-योगी को उनका काम करने दो.....
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हिन्दूधर्मध्वजावाहक
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