लोन वुल्फ अटैक का पैटर्न का उपयोग भारत में अधिकांशतः जुम्मे के दिन रेलों को डीरेल करके भारी जन-हानि के रूप सामने आ रहा है। "झांसी रूट पर पनकी में शुक्रवार की रात साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने के लिए पटरी/गाटर का टुकड़ा का प्रयोग किया गया, जिससे इंजन सहित 20 डिब्बे पटरी से उतर गए।" (दैनिक जागरण, दिनांक 18 अगस्त, 2024)
2 जून, 2023 दिन शुक्रवार को उड़ीसा में तीन ट्रेनों की टक्कर के होने को लेकर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने ट्रेन के इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ होने का दावा किया है। इस छेड़छाड़ के चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन ट्रैक से लूप लाइन पर चली गई। वही, इसको लेकर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि रेल हादसा TMC की साजिश है। इसलिए वह सीबीआई जाँच से डर रही हैं। (6 June, 2023 ऑपइंडिया स्टाफ़)
दरअसल कोई भी जुम्मे के दिन (इस दिन वहाबियों के जुम्मे की नमाज में सम्मिलित होने से उनके हताहत होने की सम्भावना कम होती है) घटित दुर्घटना के लिए सम्भावित जिम्मेदार वहाबी विचारधारा पर चर्चा से बच रहा है, जो एक हाथ में किताब और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर की मदरसा शिक्षा प्रणाली की देन है।
हाल के दिनों में भारत में भी 'लोन वुल्फ हमला' एक पैटर्न बन चुका है, हरियाणा डीएसपी को डंपर से ही कुचला गया। कहा गया कि कुचलने वाले लोग माफिया थे, जबकि कोई महमूद निकला। झारखंड में भी लेडी सब-इंस्पेक्टर की इसी प्रकार से कुचलकर हत्या की गई। पूरे देश में हर पल किसी न किसी रूप में 'लोन वुल्फ हमला' घटित हो रहा है।
पूर्व में हाथरस में कावड़ियों को डम्पर चालक द्वारा 'लोन वुल्फ हमला' (Lone Wolf Attack) कर कुचला, 6 की मौके पर मौत और कई गंभीर घायल!
इससे पूर्व लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में 26 जवानों को ले जा रही सेना की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई थी, बल्कि जान-बूझकर की गई थी, जो प्रारम्भिक जांच से स्पष्ट है। ड्राइवर अहमद शाह, जो स्थानीय कश्मीरी है, ने गाड़ी को खाई में गिरा कर स्वयं खिड़की से कूद गया।
जनरल विपिन रावत ने अपने मृत्यु से पूर्व ही कह दिया था कि - "हमें ढाई मोर्चे पर लड़ना होगा!" Lone wolf attack करने वाले अक्सर छोटे हथियार रखते हैं। जैसे - छुरा, चाकू आदि। कई मामलों में चार पहिया वाहन जैसे - ट्रक, वैन व बस आदि का भी प्रयोग लोगों को कुचलने में किया गया है।
'लोन वुल्फ अटैक' में एक-दो व्यक्ति व कई बार एक छोटा ग्रुप भी दहशत मचाता है। इन आतंकियों की कोई chain नहीं होती है, ये ग्रुप लीडर से जुड़े बिना ही हमला करते हैं। जैसाकि फ़्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड आदि देशों में गत वर्षों में 'lone wolf attack' की अनेक घटनाएँ घट चुकी हैं, जिनमें जान-माल की भारी क्षति हुई है।
लोन वुल्फ अटैक कुछ संक्षिप्त विवरण -
★ जुलाई 2016 में फ़्रांस के नीस शहर में भीड़ पर ट्रक से हमला हुआ था, जिससे 84 लोगों की मौत हो गई थी और 400 जख्मी हुए थे।
★ दिसम्बर 2016 में जर्मनी के बर्लिन में ट्रक से हमला किया गया, जिससे 12 की मौत हो गई और 56 जख्मी हुए थे।
★ अप्रैल 2017 में स्वीडन के स्टॉकहोम में फुटपाथ पर गाड़ी से चढ़ाई की गई, जिससे 5 की मौत हो गई और 14 जख्मी हुए थे।
★ जून 2017 में लंदन ब्रिज पर पैदल चल रहे लोगों पर वैन चढ़ा दी गई थी, जिससे 7 की मौत हो गई थी और 48 जख्मी हुए थे।
★ अगस्त 2017 में स्पेन के बार्सिलोना में भीड़ पर वैन चढ़ा दी गई थी, जिससे 13 लोगों की मौत हुई थी और 130 जख्मी हुए थे।
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