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Thursday, September 12, 2024

इस्लाम का भाईचारा और पीढियों की लड़ाई।

 इस्लाम का भाईचारा और पीढियों की लड़ाई।

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आपने बहुत बार गंगा-जमुनी तहज़ीब, अमन, शांति, मोहब्बत का पैग़ाम और "भाईचारा" सुना होगा। भाईजान और सेक्युलरवादी जमात इन सब चीज़ों का बेहद जाप करते है।


थोड़ा सा इतिहास में झांक लेते है।


"यही अखिल-इस्लामवाद का आधार है जो भारत में प्रत्येक मुसलमान को यह कहने के लिए प्रेरित करता है कि वह मुसलमान पहले है तथा उसके बाद भारतीय है। इसी भावना के कारण भारतीय मुसलमानों ने भारत की प्रगति में बहुत छोटी भूमिका निभाई तथा मुस्लिम देशों के लिए अपनी शक्ति व्यर्थ कर दी क्योंकि एक मुसलमान की सोच में मुस्लिम देशों का स्थान पहला है तथा भारत का स्थान दूसरा है।"


【"पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन", डॉ. बी.आर.आंबेडकर, पृष्ठ संख्या -299】


"1912 जब प्रथम बाल्कन युद्ध शुरू हुआ था और 1922 में जब तुर्की ने यूरोप के साथ शांति समझौता किया था उसके बीच भारतीय मुसलमान भारत की राजनीति की तनिक भी परवाह नहीं करते थे। वे पूरी तरह से तुर्की तथा अरब के भविष्य के बारे में सोच रहे थे।


【"पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन", डॉ. बी.आर.आंबेडकर, पृष्ठ संख्या -299】



जिन लोगों की सोच में मज़हब पहले स्थान पर हो, जिन लोगों की फ़ितरत में तुर्की और अरब का भविष्य ज्यादा महत्वपूर्ण हो। वे लोग हिंदुस्तान में बैठकर "भाईचारे" का ज्ञान देते है।


ये लोग बोलते है कि हम पर शक किया जाता है, हमसे देशभक्ति के सबूत मांगे जाते है। ये यह भी कहते है कि जब हम नमाज़ पढ़ने के लिए अपना माथा हिंदुस्तान की ज़मीन पर टेक देते है तो वही हमारी वतनपरस्ती का एक उदहारण होता है।


पर ये लोग ये नहीं बताते कि वो जो माथा टेका गया था वो इस्लाम की परस्ती में टेका गया था न कि हिंदुस्तान की वतनपरस्ती में।



"दक्षिण एशियाई महासंघ अपेक्षाकृत मुस्लिम देशों जैसे अरब, मेसोपोटामिया और अफगानिस्तान के ज्यादा हित में था, बजाए भारत के। इससे यह पता चलता है कि भारत के मुसलमानों के विचार भारतीय मुसलमानों को छोड़कर किस प्रकार मुस्लिम देशों के हितों से जुड़े होते हैं।"


【"पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन", डॉ. बी.आर.आंबेडकर, पृष्ठ संख्या -301】


याद रहे वे बेहद ही लंबा सोचते है। वे 1400 साल पहले भी इस्लाम के विस्तार के बारे में सोच रहे थे। वे 1912 में भी इस्लाम के विस्तार के बारे में सोच रहे थे। वे 1947 में भी इस्लाम के विस्तार के बारे में सोच रहे थे। वे 2020 में CAA, NRC का विरोध करते समय भी इस्लाम के विस्तार के बारे में सोच रहे थे। वे पीढ़ियों की लड़ाई लड़ते है। वे पीढ़ियों की लड़ाई 1400 साल से लड़ रहे है।


आप भाईचारे में लगे रहिए।

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