तेलंगाना चुनाव में अमित शाह ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आए तो राज्य में मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे। कांग्रेस के इकोसिस्टम ने इस वीडियो से मुस्लिम शब्द काट कर पूरे भारत में फैला दिया कि बीजेपी सरकार आई तो आरक्षण खत्म कर देंगे।
बीजेपी का इकोसिस्टम कितना कमजोर निकला की इसकी काट नहीं ढूंढ पाई। एक एफआईआर हुआ भी लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ।
कांग्रेस के इको सिस्टम में दूसरा नरेटिव फैलाया, जो आज तक कायम है कि मोदी सरकार तीसरी बार आई तो संविधान खत्म कर देंगे। यह नॉरेटिव भी चल गया।
इसका एकमात्र कारण यह है कि बीजेपी का मीडिया सेल बहुत ही कमजोर और नालायक है।
देश में ऐसे हजारों हिंदू हैं जो बीजेपी, संघ के सदस्य ना होते हुए भी उनसे बड़े सनातनी हैं।उनके लिए काम करते हैं लेकिन बीजेपी के बड़े नेता उन्हें पूछते भी नहीं।
बीजेपी के बड़े नेता विरोधी खेमे के किसी एक नेता को तोड़ने में ही अपनी कामयाबी समझते हैं।
2019 में बुरी हार के बाद कांग्रेस को समझ में आ गया के सोशल मीडिया बहुत ही ताकतवर माध्यम है यह अफवाह फैलाने के बहुत काम आता है।
इसका एक ताजा उदाहरण है इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एक कैनोपी गिर गया कांग्रेस के इको सिस्टम ने प्रियंका गांधी के माध्यम से अफवाह फैला दिया कि इस कैनोपी का उद्घाटन मोदी ने किया था। जब तक इसकी असलियत बाहर आती तब तक बहुत देर हो चुका था। यहां भी बीजेपी का मीडिया सेल एकदम नकारा साबित हुआ।
अगर बीजेपी ने अपना इकोसिस्टम कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा मजबूत नहीं किया तो आने वाले राज्यों के चुनाव में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
भारतीय जनता पार्टी को या तो अपना सिस्टम इतना मजबूत करना पड़ेगा कि वह पीछे रह जाएं जैसे 2014 और 19 में रहे थे या फिर सरकार कानून ही इतना सख्त बनाए की कोई फर्जी खबर चला ही ना सके
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