महाभारत युद्ध के #आंठवें_दिन .....
और चुनाव बाद बगाल
जब पितामह भीष्म के भीषण बाणों से प्रताड़ित पांडव सेना त्राहि त्राहि करने लगी तब अर्जुन द्वारा पितामह के सम्मुख आ जाने पर भी औपचारिक रूप से अभ्यास के समान चलते ढीले तीरों को देख जनार्दन भगवान श्रीकृष्ण सारथी के अपने आसन से अचानक उठ खड़े हुए और अर्जुन से कहने लगे !!!
"हे पार्थ ! ये जो यहां तुम्हारे सामने खड़े हैं वे तुम्हारे पितामह नही हैं, ये तुम्हारे शत्रु हैं, अधर्म के पक्ष में खड़े इन पितामह भीष्म सहित सभी योद्धा न केवल तुम्हारे बल्कि, सम्पूर्ण मानवता एवं मेरे भी शत्रु हैं, ये सभी धर्म के अपराधी हैं, धर्म के शत्रु हैं !!
अब तक तुम्हारी आठ अक्षोहिणी सेना का संहार कर चुके ये पितामह तुम्हारे सबसे बड़े शत्रु हैं !!
तुम्हारे लिए अपने प्राण अर्पण कर देने वाले इन सभी सेनानियों के तुम ऋणी हो अर्जुन, ऋणी हो !!
वे सभी लोग अपना सर्वस्व न्योछावर करके तुम्हारे भरोसे धर्म के पक्ष में बलिदान हुए हैं और हो रहे हैं, तुम इन सभी के ऋणी हो !! तुम्हारा कर्तव्य है कि तुम न केवल इनकी पितामह के बाणों से इनकी रक्षा करो अपितु पितामह को धराशाई कर इन्हें निर्भय करो !!
ऐसा कहते हुए रथ को त्यागते हुए श्रीहरि पुनः बोले, फिर भी यदि तुम यह काम नहीं कर सकते तो अब यह काम मैं अवश्य करूंगा !! धर्म की रक्षा के लिए और इन धर्मस्थ योद्धाओं के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिज्ञा भंग करके भी पितामह भीष्म का वध मैं अपने इन्हीं हाथों से करूंगा !!
"एवमुक्त्वा ततो राजन महाराजेश्वरो हरि ,
धारयत चक्रराजमहासुदर्शनों त्वरित !!"
ऐसा कहते हुए भगवान ने तत्काल अपनी तर्जनी पर चक्रराज़ सहस्त्रार महासुदर्शन को प्रकट कर दिया !!
( इसके आगे क्या हुआ आप सभी ने महाभारत धारावाहिक में देखा ही होगा)
तो हे नरेंद्र !! नरेंद्र दामोदर मोदी जी !!
ये जो कार के भीतर बैठा परिवार चीख चिल्ला रहा है ना, जिसके छोटे छोटे बच्चे, भार्या सहित सभी परिजन जिन शत्रुओं के मध्य फंसे चीख पुकार रहे हैं ना !! उनके ऋणी हो तुम अर्जुन की भांति !!
पिछले ग्यारह वर्षों से प्रतिदिन भारत के इस कुरुक्षेत्र में सहस्त्रों योद्धाओं ने धर्म की रक्षा के लिए प्राण गंवाए हैं शत्रुओं के हाथों, उन सभी के आकंठ ऋणी हो तुम राजन !!
एक एक व्यक्ति का जीवन भर का ऋण आपके माथे है, वो योद्धा हैं योद्धा, केवल वोटर भर नहीं हैं, दारू/मुद्रा से खरीदे हुए भाड़े के टट्टू नहीं हैं, जीवन सहित सर्वस्व अर्पित करने वाले अमर बलिदानी हैं वे !!
वो समय गया जब चुनावी कड़वाहट को भूल लोग सरकार बनाकर आपस में एक हो जाते थे, साथ मिलकर रहते देश का काम करते थे। आज तो चुनावों के दूसरे ही दिन से सामने वाले के वोटर को शत्रु मानकर उसे निपटाने में लग जाते हैं आपके शत्रु दल के लोग, ऐसे में आपका ये "सबका साथ, सबका विकास" जैसा चुटियापा अब और नहीं झेला जायेगा सरकार !! कायदे से फटकार के बाद हुए अर्जुन की तरह गांडीव चलाओ और हमारा नेतृत्व करो, शत्रुओं पर अपना "परंतप" नाम सिद्ध करो अन्यथा हिमालय जाकर झोली से निकालकर सर्व धर्म सद्भाव पढ़ो !!
हम जनता जनार्दन हैं आपका मोह नहीं खत्म हुआ तो हम स्वयं सहस्त्रार सुदर्शन उठा लेंगे, पहले भी बहुत उठाया है, बाइस वर्ष पहले भी उठाया था जिसका कमाया यश आज तक खा रहे हो पार्टी सहित आपलोग !!
भाड़ में झोंको अंतर्राष्ट्रीय इमेज अपनी और देश की, पहले इन आंतरिक भस्मासुरों को लाइन से सुधारो !!
अब अति हो चुकी है !!
जिससे सबसे ज्यादा प्रेम होता है उसके कुकर्मों या क्लीवता से सर्वाधिक घृणा भी उसी से होने लग जाती है, इसका सबसे ताजा और सटीक उदाहरण बनने से बचो !!
तुम्हारे वोटर, कार्यकर्ता, समर्थक (जमीन से लेकर सोशल मीडिया तक) सभी का पूर्ण संरक्षण करो, उनका सिंचन करो, उन्हें पोषण दो और निर्भय करो उसके लिए जो भी जरूरी हो, करो, तत्काल करो पर अब देर नही चलेगी, करो या मरो !! !! वे सभी संविधान गत लॉ एंड ऑर्डर से बंधे हुए भी हैं, प्रतिकार भी नहीं कर पाते, ऐसे में यह आपकी एकमेव जिम्मेदारी है की उनके परिजनों सहित उनके समस्त एसेट्स का "योगक्षेम" आप करें !!
सैनिक अब आपके लिए यूं अकारण कुत्तों की मौत नहीं मारे जाएंगे, बिल्कुल नहीं !! ऐसा हुआ तो स्वयं आप सहित आपकी पार्टी का भी वो पतन होगा की दुनिया याद रखेगी !!
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