Followers

Friday, June 21, 2024

भाजपा

 भाजपा मेरी पसंदीदा पार्टी है, लेकिन इसके कई ऐसे लच्छन हैं जो मुझे फूटी आँख नही सुहाते।


जून 2017 की बात है — चुनाव आयोग ने सरकार से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकार मांगे थे जो निराधार आरोपों के साथ चुनाव आयोग की छवि और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। चुनाव आयोग ने बाकायदा कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 में संशोधन के माध्यम से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकार मांगे थे ताकि वह उन लोगों को दंडित कर सके जो आयोग के अधिकार के प्रति अभद्रता और अवज्ञा करते हैं।


इस पत्र पर सरकार ने क्या किया? कुछ नही किया, चुप्पी लगाए बैठ गयी बस।


आज सरकार बनाने मे विफल विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित सैकड़ों नेता, वकील, एक्टिविस्ट वगैरह एक सुर मे EVM के खिलाफ जिस तरह से गला फाड़ रहे हैं और जिस तरह सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम घसीट कर उन पर चुनावों मे गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए गालियां बक रहे हैं - भारत की निर्वाचन प्रक्रिया को दुनिया के सामने संदिग्ध बना रहे हैं - क्या यह देश और सरकार की प्रतिष्ठा के लिए कोई बहुत अच्छी स्थिति है? ध्रुव लाठी ने भी चुनावों के दौरान यही किया था। और वह आराम से इंडिया गेट पर वीडियो शूट करके चलता बना, न पुलिस कुछ उखाड़ पाई और न सरकार! यदि चुनाव आयोग के पास भी न्यायालय की तरह अवमानना कार्यवाही शुरू करने के अधिकार होते तो इन मक्कारों की हिम्मत भी पड़ती चूं करने की? ठीक ही कह रहे थे Ajeet Bharti — भाजपा गंभीर से गंभीर मामलों पर तब तक सोती रहती है जब तक उछाला गया कीचड़ सीधे अमित शाह या मोदी जी के दामन तक न पहुँच रहा हो। इन दोनों की प्रतिष्ठा ही प्रतिष्ठा है, बाकी सारे संवैधानिक संस्थान तो बने ही हैं गाली खाने के लिये. . . . क्या हो गया जो किसी ने चुनाव आयोग को चोर, बेईमान, पक्षपाती, घोटालेबाज कह दिया तो? टेक इट इजी बडी. . . चिल ना!


बड़ा गरज के नारा लगाते थे हमारे प्रधान, कि "मै देश नही झुकने दूंगा". . . अगली विदेशयात्रा मे किसी फॉरेन डिप्लोमेट या नेता ने मजाक मे भी ऐसा कुछ पूछ लिया कि "आपके यहाँ सही मे EVM मैनीपुलेशन होता है क्या?", तो फिर देते फिरियेगा सफाई कि नही नही, ऐसा नही है, तो वैसा नही है. . . . . तब उन लोगों के ऐसे सवालों से देश झुकेगा नही - बल्कि देश का सीना 56" से 560" हो जायेगा - देश की प्रतिष्ठा मे चार चाँद लग जायेंगे। है ना?


जब प्रचंड बहुमत था तब ऐसे जरूरी कानूनी संशोधन किये नही, अब तो खैर पांच साल केवल सरकार चलाने की खानापूरी करनी है - कोई एमेंडमेंट बिल लाने की भी तो औकात नही बची है। 😣😣



No comments:

Post a Comment

साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है

 साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।लेकिन आज #योग और #आयुर्वेद पर चर्चा कर रहे हैं।ऐसे माहौल में जब #एलोपैथी ने ...