कांग्रेसी यह मान चुके हैं सिर्फ गांधी परिवार इस देश पर राज करने के लिए ही बना है इसीलिए तमाम कांग्रेसी आजकल ईवीएम पर छाती कूट रहे हैं
मजे की बात यह कि जब यह किसी प्रदेश में में जीत जाते हैं तब ये ताली बजाकर सरकार बना लेते हैं तब कोई कांग्रेसी नेता यह नहीं कहता कि हमें यह जीत कुबूल नहीं है हम सरकार नहीं बनाएंगे हमारे सारे विधायक इस्तीफा देंगे और जब तक बैलेट पेपर से चुनाव नहीं होगा हम इस नतीजे को नहीं मानेंगे
लेकिन जब यही कांग्रेसी हार जाते हैं तब हाय हाय ईबीएम कहकर छाती कूटते हैं
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब बीजेपी का जनाधार भारत में बढ़ रहा था जब बीजेपी 89 सीट पर जीती थी और जिस जमाने में केंद्र में कांग्रेस सत्ता में थी और लगभग सभी राज्यों में या तो कांग्रेस सत्ता में थी या कांग्रेस के सहयोगी दल सत्ता में थे और जिस जमाने में चुनाव बैलेट पेपर पर होते थे तब बीजेपी की बढ़ती जीत से राजीव गांधी यह कहते थे कि बीजेपी ने तो बैलट पेपर में घोटाला करके चुनाव जीता है
जबकि राजीव गांधी को यह कहते हुए बिल्कुल भी संकोच नही हुआ कि भाई तुम प्रधानमंत्री हो पूरे भारत में तुम्हारी पार्टी सत्ता में है पुलिस प्रशासन सेना सब कुछ तुम्हारे नियंत्रण में है फिर बीजेपी ने अपने घर पर बैलट पेपर कैसे छाप दिया यार
आपने एक कहानी सुनी होगी अंगूर ना मिले तो खट्टे हैं यानी इसके द्वारा मनुष्य अपने मन को बहलाता है ताकि उसे फौरी तौर पर मानसिक सुकून मिल सके
कांग्रेस का शासन था लेकिन देखी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री कैसे भाजपा पर ही आरोप खरा.

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