संसदीय मर्यादा की बात होती है तो एक दौर था हमारा जब हमने उच्चतम मर्यादाओं का पालन किया था, 1971 के युद्ध में अटल जी ने इंदिरा जी की प्रशंसा की, अटल जी ने 1995 में जिन्ना में नरसिम्हा राव सरकार का बचाव किया और नरसिंह राव ने अटल जी को अपना राजनीतिक गुरु बोला, यह सम्मान होता था।
PM श्री @narendramodi जी ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाया प्रणव मुखर्जी और नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिया वो कांग्रेस पार्टी के नेता थे। एससी ज़मीर और तरुण गोगोई को पद्म अवार्ड दिया वो कांग्रेस के नेता थे। सरदार पटेल की सबसे ऊँची मूर्ति बनाई, वो कांग्रेस के नेता थे, कर्पूरी ठाकुर हमारी पार्टी में नेता नहीं थे उनको भारत रत्न दिया, मदन मोहन मालवीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे उनको भारत रत्न दिया।
मगर कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेडकर को सम्मान नहीं दिया सरदार पटेल को सम्मान नहीं दिया। तो अटलजी से लेकर मोदी जी की सरकार तक हमने उन महान मर्यादाओं का पालन किया जिसमें विपक्ष से घनघोर मतभेद होंगे अगर उन्होंने अच्छा काम किया है तो हमने उनका सम्मान किया है।
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