अब तो चुनाव खत्म हो गया है अब मैं ईमानदारी से बता रहा हूं राहुल गांधी ने शुरू में बहुत बढ़िया तरीके से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की
लेकिन फिर जब वह नरेंद्र मोदी पर निजी हमले किये उनको अपशब्द बोलना शुरू किया वहां से उनकी गाड़ी पटरी से उतरती चली गई
अगर कांग्रेस और INDI गठबंधन के नेता सिर्फ मोदी सरकार की कमियों को ही जनता में उछलते उनकी बात करते तो मेरा मानना है INDI गठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी
लेकिन यह नरेंद्र मोदी पर निजी हमले में आ गए
फिर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में ना जाकर इन्होंने अपनी ताबूत में अंतिम कील ठोक दी और मैं आपको अंदर की बात बता रहा हूं जब राम मंदिर ट्रस्ट ने गांधी परिवार को निमंत्रण दिया था तब बीजेपी के कई बड़े नेता डर सहम गए थे यदि गांधी परिवार प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आया तो कांग्रेस अकेले कम से कम 200 सीट जीत सकती है और बीजेपी के बड़े नेता ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि हे ईश्वर कांग्रेस के नेताओं को ऐसी दुर्बुद्धि दे दो कि यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार कर दे
और ठीक यही हुआ और उसके बाद कांग्रेस ने अपने पैरों पर ऐसी कुल्हाड़ी मारी की आम जनमानस जो 500 साल से भव्य राम मंदिर का इंतजार कर रहा था हिंदू जो सैकड़ो पीढ़ियों से राम मंदिर का इंतजार कर रहा था उनकी नजरों में यह हिंदू द्रोही बन गए
ऊपर से लेकर नीचे तक कितने कांग्रेस के नेता है याद कीजिए जो कांग्रेसी छोड़ गए राम मंदिर के मुद्दे पर आम जनता तो फिर साथ होनी ही कैसे थी
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