पहले फैक्ट-
भारत या विदेशों में भी धार्मिक स्थानों मंदिरों धर्मशालाओं आदि का निर्माण संरक्षण सबसे अधिक मारवाड़ और गुजरात करता है,
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दूसरा फैक्ट-
वामपंथी विचारधारा का पोषण भी सबसे अधिक यही दोनों करते हैं,
जितने भी न्यूज़ चैनल, समाचार पत्र आदि हैं, अधिकांश के मालिक यही दोनों हैं और उनमें संपादक पत्रकार रिपोर्टर कर्मचारी अधिकांश वामपंथी ही होते हैं,
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तीसरा फैक्ट-
धार्मिक पुस्तकों के अधिकांश छापेखानों के मालिक भी यही है, इनके छापेखानों द्वारा छापी गई पुस्तकों में धीरे से वामपंथ का इंजेक्शन भी लगा दिया जाता है,
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चौथा फैक्ट-
भारत के अधिकांश यलोवाओं की फंडिंग एवं शक्ति का सोर्स भी यही दोनों हैं,
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पांचवा फैक्ट-
भारत के पंडित जी लोगों का मस्तिष्क संसार भर में सर्वश्रेष्ठ होता है, पर पंडित जी लोग दंद फंद से अनभिज्ञ होते हैं, और इसी सीधेपन का लाभ उठाकर यह दोनों (मारवाड़ एवं गुजरात) सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क के ऊपर कब्जा कर लेते हैं.
पंडित जी लोगों को पता ही नहीं चलता कि वह किन के हाथों में खेल रहे हैं और क्या कर रहे हैं?
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हां चलते-चलते एक बात और, अनंत कोटि ब्रह्मांडों के अधिष्ठाता श्रीमद्भगवद गीता जैसा उपदेश देने वाले भगवान श्रीकृष्ण को ब्रज में रास और रासलीलाओं का नायक बनाने का कार्य भी इन्हीं दोनों की फंडिंग के द्वारा किया जाता है,
यलोवा लोग तो बैठे ही हैं, फंडिंग लपकने के लिए.
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