विश्वनाथ प्रताप सिंह ने लोक सभा में बैंक खाते का एक नंबर पढ़कर सुनाया था।
कहा कि यह स्विस बैंक की लंदन शाखा का खाता नंबर है। यह खाता बोफोर्स दलाल क्वात्रोचि का है।
उस खाते में बोफोर्स की दलाली का पैसा जमा है।
इस पर सदन में हंगामा हो गया।
स्पीकर ने कहा कि क्या आप उस खाता नंबर का ऑथेंटिकेशन यानी प्रमाणीकरण कर सकते हैं?
वी.पी. सिंह ने कहा-- कर सकते हैं। उन्होंने लिखकर दे भी दिया।
पर, राहुल गांधी ने कल लोक सभा में जो कुछ कहा, उसका वे प्रमाणीकरण कभी नहीं कर सकते। क्योंकि उससे उनकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। सदन में झूठ बोलने से सदस्यता जा सकती है।
दूसरी ओर, वी.पी. सिंह ने जो खाता नंबर सदन में बताया था, उसका जिक्र सी.बी.आई. ने आरोप पत्र में किया। (उसकी स्कैन काॅपी इस पोस्ट के साथ दी जा रही है।)
बोफोर्स केस से संबंधित आरोप पत्र के दूसरे काॅलम में राजीव गांधी का नाम दर्ज है। पर, विडंबना है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सन 2004 में बोफोर्स केस को अज्ञात कारणों से रफा- दफा कर दिया।
तभी शायद कांग्रेस वाले अटल बिहारी वाजपेई की बहुत तारीफ करते हैं
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