असत्य का आक्रमण सत्य लहुलुहान!
ॐ श्री गुरुभ्यो नमः ! हरिः ओम् !
गत 10 वर्षों से विपक्ष द्वारा असत्य का सत्य पर आक्रमण हो रहा है, सत्य लहुलुहान हो सिसक रहा है। कभी गौकसी करने वाले पहलू खान, अखलाक के नाम पर, कभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कभी संविधान खतरे में है, आरक्षण खतरे में है, सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक पर, ईवीएम आदि-आदि। सेना को भी नहीं छोड़ा है विपक्ष ने, अब अग्निवीर के सिपाही स्व. अजय सिंह को मिलने वाली धनराशि पर। इस विषय पर तो राहुल ने संसद में झूठ बोला है।
बार-बार रक्षा मंत्री के बयान के बाद भी झूठ बोला। राहुज ने कहा कि अजय सिंह के परिवार को एक भी रुपया नहीं मिला। यहाँ तक कि इस बयान को बार-बार हमारे सभी टीवी चैनल दिखाते रहे और सत्य नहीं बताया, पत्रकार का कार्य सत्य को सामने लाना होता है, वह नहीं हुआ और विपक्ष के झूठ पर तो कभी नहीं होता। यही नहीं अजय सिंह की माता पिता से भी जूठ बुलवाकर राहुल ने अपनी अन्याय यात्रा में वीडियो डाला था। जबकि उस समय तक 50 लाख मिल चुके थे, लेकिन उन्होंने कहा कुछ नहीं मिला और सेना द्वारा दिए गए धन को राज्य सरकार का बता दिया। अब सेना को ही सत्य बताने के लिए सामने आना पड़ा कि अब तक 98 लाख 39 हजार दिए जा चुके हैं। शेष भी शीघ्र ही दे दिए जाएंगे, इस समय लगने का कारण यह है कि पहले पुलिस सत्यापन होना आवश्यक है, क्योंकि जब पहली बार 1999 में कारगिल युद्ध के समय अटल जी की सरकार ने 30 लाख रुपए देने की नीति बनाई थी तब अनेक कोर्ट केस हो गए थे कि पैसे माँ को दें या पत्नि को। इससे पूर्व युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिक को कुछ भी नहीं मिलता था। पहले तो शव भी परिवार को नहीं सौंपे जाते थे, बस काला बक्सा घर आता था और पर्वतीय क्षेत्रों व दुर्गम क्षेत्रों में तो महीने बाद तार द्वारा ही सूचना दी जाती थी। तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीज ने ताबूतों में वीरगति को प्राप्त सैनिकों की देह को ससम्मान घर तक पहुँचाने की व्यवस्था प्रारम्भ करी तो यह भी कांग्रेस से सहन नहीं हुआ और उन पर ताबूत घोटाले का झूठा आरोप लगा दिया। 1971 के युद्ध में विजय प्राप्त करने का पुरस्कार इंदिराजी ने सेना को यह दिया कि उनकी पेंशन में 50% की कटौती कर दी। जिन्होंने कभी सत्ता में रहते हुए कुछ नहीं दिया वह देने वालों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
लेकिन राहुल फिर भी अड़ियल टट्टू की तरह फिर भी झूठ बोल रहे हैं और फिर वीडियो के साथ एक्स पर पोस्ट लिखी कि 50 लाख तो बीमा के मिले हैं। 50 लाख बीमे के ही मिले हैं, शेष सब केंद्र सरकार ही देगी और बीमे की किश्त सरकार ही भरती है, सेना कोई कम्पनी नहीं है जिसकी कोई आय हो, सेना को भी केंद्र सरकार ही धन देती है। कम्पनियाँ भी अपने कर्मचारियों का बीमा कराती है और जब कोई कार्य करते समय मृत्यु को प्राप्त होता है तब बीमा कम्पनी से ही धन प्राप्त होता है।
राहुल बालक बुद्दि नहीं मंद बुद्दि है, लेकिन संसद में एक प्रधानमंत्री इस प्रकार के शब्द नहीं बोल सकता बाकी समझने वाले तो समझ गए। इसका ध्येय सेना में विद्रोह कराना है अग्निवीर बनाम रेगुलर आर्मी। अनेक देशों में 5 वर्ष की सेना की सेवा अनिवार्य है, इसका उद्देश्य होता है कि समय पर इनकी सेवा भी ली जा सके और एक अनुशासित जन समाज बने। ऐसा ही उद्देश्य अग्निवीर का भी है। इधर यह हिंदुओं को भड़का रहा है कि अग्निवीर नहीं बनना है उधर जुम्मे की नमाज में अपील की जा रही है कि अग्निवीर बनों, इसका उद्देश्य यही है कि आगे कही लङाई में यह प्रशिक्षण काम आएगा। 2047 तक की उनकी योजना है, 1947 में पूरा न ले सके तो अब लेंगे। कश्मीर से ने.का. के सांसद ने कह भी दिया है कि फिर से 1990 दोहराया जाएगा, खालिस्तानी अमृतपाल और इंदिरा जी के हत्यारे का पुत्र अब माननीय सांसद संसद में कहलाया जाएगा, क्योंकि इस देश के सिक ऊलर हिंदुओं को सशक्त विपक्ष चाहिए। यह हर शहर में बम धमाके न होना, ऐसी शांति उन्हें नहीं भाती, इसलिए अगली बार सत्ता पर भी विराजमान कर देंगे। अगले लेख तक के लिए जय श्री राम! जय हिंदू राष्ट्र!
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