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Saturday, August 10, 2024

खिलाड़ी और उसके दुर्भाग्य की एक और कहानी।

 खिलाड़ी और उसके दुर्भाग्य की एक और कहानी। 




ये शिवानी पवार है, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव के छोटे से किसान परिवार से आती है। ये कभी फुटबॉल खेलना चाहती थी, लेकिन रेसलिंग चैम्पीयन फातिमा बानो को शिवानी में एक रेसलर नज़र आया और उन्होंने शिवानी को ट्रेन करना शुरु कर दिया।


Very Good! अब जैसा कि होता है। देसी घरों में लड़की अगर स्पोर्ट्स में जाए तो भाई लोग चाचा ताए के लड़के आलू-चना करनी शुरु कर देते हैं। शिवानी को भी कोसने लगे पर शिवानी ने इसका एक ही समाधान निकाला कि जो भी उसको कुश्ती करने से रोकेगा, वो उससे बात करनी बन्द कर देगी।


चलो कोई नहीं, बाप-भाई की टोका-टोकी से जीत भी ली तो पैसे की तंगी से कैसे जीतेगी? क्योंकि एक रेसलर की डाइट और ट्रैनिंग सस्ती तो होती नहीं। अब क्या करें?


तो अब शिवानी ने लोकल दंगल लड़ने शुरु किए और उसमें जो भी प्राइज़ मनी मिलती, उसे अपनी डाइट और ट्रैनिंग पर खर्च करती। इस पैसे के साथ जब मेहनत मिली तो शिवानी नैशनल खेलने लगी जिसमें बेहतरीन प्रदर्शन कर दिल और मैडल दोनों में जीत मिलनी शुरु हो गई।


Cut To:


2021 अन्डर23 वर्ल्ड चैम्पीयनशिप के 50केजी कैटेगरी में शिवानी ने राउन्ड 16 में पहले बेलारूस की पहलवान को पटक के (won by Pin/fall) हराया। फिर क्वाटर फाइनल में यूक्रेन की पहलवान को 13-6 से मात दी। सेमीफाइनल में फिर रशिअन पहलवान को पटक के हराया और फाइनल में अमेरिकन दीदी से हार गई। 


इस तरह शिवानी अन्डर 23 वर्ल्ड चैम्पीयनशिप में सिल्वर लाने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी और यहीं से पैरिस ओलिम्पिक 2024 में 50 किलो श्रेणी के लिए उनकी तैयारियाँ शुरु हो गईं। (पेरिस ओलिम्पिक की ऑफिशियल साइट पर उनका नाम आने लगा)


अब द सेड पार्ट, एक अन्य पहलवान, जो ओलिम्पिक में साम-दाम दण्ड भेद कर क्वालफिकेशन चाहती थी वो 53 किलो श्रेणी में लड़ी और बुरी तरह हार गई। यहाँ नियमों ने कहा कि आप क्वालिफिकेशन के लिए कोई एक श्रेणी ही चुन सकते हो, पर इस सीनियर पहलवान को जाने कैसे 50kg में एक मौका मिल गया। 


अब यहाँ शिवानी का कहना है कि वो अच्छी भली 5 पॉइंट आगे चल रही थी कि अचानक रेफरीज़ उसके अगैन्स्ट पॉइंट्स देने कर दिए और वो हार गई। 


पर जो जीत के ओलिम्पिक गयी उसने कैसा कीर्तिमान रचा और फिर कैसे उसका फाइनल मिस हुआ, ये बात बताने की ज़रूरत नहीं। 


बताने वाली बात ये है कि जब विनेश 53 में नहीं जीत पाईं और उन्होंने 50 किलो में लड़ने का निर्णय लिया, तब शिवानी के मैच को 4 घंटे तक रोक कर रखा गया ताकि विनेश तैयार हो सकें। शिवानी का कहना है कि जब उन्होंने रेसलिंग छोड़ने की धमकी दी तब मामले की गंभीरता को समझ उनका मैच हुआ और वो हार गईं। इसके खिलाफ शिवानी ने भारतीय कुश्ती संघ को इसकी शिकायत की है। 


इन सब नेगेटिव बातों के इतर, खुशी इस बात की है कि शिवानी का मनोबल अभी भी कायम है। वो अगले ओलिम्पिक की तैयारी करना चाहती हैं। शिवानी का इंस्टाग्राम देखा तो उनके द्वारा लिखे 2 quotes पढ़कर ही समझ आ गया कि ये लड़की इतनी पॉजिटिव कैसे है। 

पहला कोट था - 


“मंज़िल पाने की उम्मीद मत छोड़िए क्योंकि सूरज डूबने के बाद ही दुबारा सवेरा होता है”


और दूसरा


“जिसकी गति और मति सत्य की होती है, उसका रथ आज भी श्रीकृष्ण चलाते हैं”


भविष्य के लिए बहुत बहुत शुभकामनायें पहलवान, सौभाग्य न सब दिन सोयेगा, देखें आगे क्या होयेगा।

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