*मूर्खता की कोई सीमा नहीं !*
❌ * बाबा की मजार,*
❌ *गाजीयों की मजार,*
❌ *ख्वाजा गरीब नवाज़,*
❌ *अमीर खुसरो,*
❌ *निजामुद्दीन औलिया,*
❌ *हाजी अली,*
❌ *मामा-भांजा की मज़ार*
*आदि...आदि...वाह रे हिन्दू सनातनी !*
*दरगाह पर जाकर मन्नत माॅंगने वाले सनातन धर्मी हिन्दू लोगों के लिए विशेष...*
*क्या एक कब्र जिसमें मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चुकी है, वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती हैं ?*
*गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि भूत प्रेत, मुर्दा, पितृ (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र, मजार अथवा समाधि) को सकाम भाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत- प्रेत व पितृ की योनी में ही विचरण करते हैं व उसी अवस्था को प्राप्त होते है।*
*ज्यादातर कब्र या मजार उन मुसलमानों की हैं जो हमारे पूर्वजों से लड़ते हुए मारे गए थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत माॅंगना क्या उन वीर पूर्वजों का अपमान नहीं हैं ? जिन्होंने अपने प्राण धर्म की रक्षा करते हुए बलि वेदी पर समर्पित कर दिये थे ?*
*गाज़ी उसे कहते हैं जिसने हज़ारों हिंदुओं की हत्या की हो और मुस्लमान बनाया हो और काफिर स्त्रियों का बलात्कार किया हो ! उनकी पूजा करना क्या महापाप नही है ? क्या हमारे भगवान राम शक्तिहीन हैं, जो मुसलमानों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक है ?*
*अब तो अंधविश्वासी हिन्दुओं ने साॅई उर्फ चाँद मियाँ जेहादी का मन्दिर बनवाकर उसे भगवान राम के समकक्ष रखकर पूजा और आरती शुरू कर दी है ! हद है मूर्खता की !*
*कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती हैं तो मजारों में दुआ माॅंगने से क्या मिलेगा ?*
*भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा, बंदा बहादूर, गुरु गोविंद सिंह, बुद्ध, महावीर स्वामी, स्वामी विवेकानंद आदि वीरों की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं ? तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करने वालों की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते हैं ?क्यों इस देश में लुटेरे हत्यारे अरबो के नाम पर शहर मार्ग हैं, किसने रखे उन नमुरादों के नाम, क्यो उन नामों को हटाने पर आपत्ति जताई जाती है??स्वाभिमान है या मर चुका है*
*हिन्दू कौन सी ऐसी अध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहे हैं, जो वेदों-उपनिषदों-पुराणों-स्मृतियों आदि में कहीं नहीं गयीं हैं !*
*कब्र, मजार पूजा को हिन्दू मुस्लिम एकता की निशानी बताना हिन्दुओं को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या हैं ?*
*मुस्लिम भी मन्दिरों में शीश झुकाए ,क्या ये संभव है___ नहीं ना।। तो ये मूर्ख हिन्दू क्या अपने धर्म पर गर्व महसूस नहीं करते,*
*अगर आप अल्लाह के नहीं भगवान के भक्त हैं तो तत्काल इस मूर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दें और अन्य हिन्दुओं को भी इस बारे में बता कर उनका अंधविश्वास दूर करे*..
*जागो...अंध विश्वास छोड़ो...*
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