भाजपा समर्थक, मुंबई निवासी, विनीत नायक को कर्नाटक सरकार ने रविवार 19 मई को X की एक पोस्ट - जिसमे उन्होंने कांग्रेस मैनीफेस्टो की आलोचना की थी - के लिए अरेस्ट कर लिया था। यह एक सामान्य आलोचना थी, जिसमे नायक ने मैनीफेस्टो के संभावित परिणामो के बारे में थोड़ा सा बढ़ा-चढ़ा कर लिखा था, जिसे किसी भी तरह से भड़काऊ या सांप्रदायिक नहीं कहा जा सकता था।
ध्यान देने की बात यह है कि कर्नाटक पुलिस ने नायक को गोवा से अरेस्ट किया गया था और तुरंत ही उन्हें गाड़ी से कर्नाटक ले गए थे, जिसका बॉर्डर गोवा से कुछ ही किलोमीटर दूर है। मुंबई से उन्हें अरेस्ट नहीं किया जा सकता था। नायक ने बाद में बतलाया कि कर्नाटक पुलिस उनका सेल फोन ट्रेस कर रही थी।
संभव है कि आपने उनका नाम ना सुना हो क्योकि अधिकतर लोग लगभग 60 वर्षीय विनीत नायक को भीकू म्हात्रे (@MumbaichaDon) के नाम से जानते है।
कर्नाटक भाजपा ने उनका समर्थन किया और कानूनी मदद दी। दो दिन बाद नायक को बेल मिल गयी और वह X पर पुनः पुराने स्वरुप में एक्टिव है।
ऐसे बहुत से केस है जिसमे अगर पोस्ट फेक (डॉक्टर्ड) वीडियो वाली या सांप्रदायिक नहीं है तो दो-तीन दिन में बेल मिल जाती है।
अब अजीत भारती के एक पोस्ट को लेकर पुनः कर्नाटक सरकार ने FIR रजिस्टर करवा दी है। अजीत भारती ने बतलाया कि उनके पास गृह मंत्रालय एवं PMO दोनों ही जगह से फोन आए कि विषय उनके संज्ञान में है और हर गतिविधि पर दृष्टि रखी जा रही है। कर्नाटक भाजपा ने उन्हें कानूनी मदद देने का आश्वासन दिया है।
अगर किसी तरह भारती को अरेस्ट कर ही लिया गया, तो दो दिन में बेल मिल जानी है।
यही स्थिति दिल्ली के तेजेंदर बग्गा के साथ पंजाब पुलिस ने करने का प्रयास किया था। लेकिन कुछ नहीं निकला।
अधिकतर ऐसे केसो में मोदी सरकार एवं भाजपा कानूनी मदद देती है; दो दिन में बेल और बाद में कोर्ट केस निरस्त कर देती है।
इसके विपरीत असम कांग्रेस के रीतम सिंह को असम पुलिस ने अमित शाह के डॉक्टर्ड वीडियो के लिए अप्रैल में अरेस्ट कर लिया था। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसकी बेल का कोई समाचार नहीं मिला है। तेलंगाना में कांग्रेस के अरुण रेड्डी को अरेस्ट कर लिया गया था क्योकि वहां के मुख्य मंत्री रेवंथ रेड्डी को अमित शाह के डॉक्टर्ड वीडियो के केस में दिल्ली पुलिस ने पूछ-ताछ के लिए नोटिस इश्यू कर दिया था।
एक बार राणा अयूब को एक फ्रॉड के केस में विदेश जाने से रोक दिया गया था। लेकिन न्यायालय परिसर से अनुमति मिल गयी।
ऐसे बहुत से केस है जिसमे तुरंत बेल मिल जाती है।
तभी अजीत भारती ने X पर लिखा है कि यह FIR-बाज़ी बंद हो तो बेहतर है, चलेगी तो फिर कोई नहीं रुकने वाला।
अधिकतर लोगो पता नहीं है कि भाजपा किस तरह अपने समर्थको का बचाव करती है।
अंत में, ऐसे ड्रामे का क्या लाभ कि तुरंत बेल मिल जाए। अगर सभी सरकारे यही गेम खेलने लग गयी तो उस समय की स्थिति पर भी विचार कीजिए।
आज एक पुस्तक को पढ़ने वाले लोग अपने ही लोगो को मारते-काटते है क्योकि उनके यहाँ सभी लोग ऐसा ही गेम खेल रहे है।
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