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Saturday, June 29, 2024

एक दिन पाकिस्तान कबूल करता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का दमन हो रहा है और अगले दिन ओवैसी जय फिलिस्तीन का नारा लगाता है - इसकी असली जगह गाज़ा या रफाह है -

 एक दिन पाकिस्तान कबूल करता है कि 

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का दमन 

हो रहा है और 

अगले दिन ओवैसी जय फिलिस्तीन 

का नारा लगाता है -

इसकी असली जगह गाज़ा या 

रफाह है -


सोमवार 24 जून, 2024 को पाकिस्तान नेशनल असेंबली में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने माना कि पाकिस्तान में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है - आसिफ ने कहा कि रोज अल्पसंख्यक मारे जा रहे हैं जिसकी वजह से पाकिस्तान को विश्व भर में शर्मिंदा होना पड़ रहा है - पाकिस्तान ने यह आज़ादी के 75 साल बाद कबूल किया है जबकि पाकिस्तान में हिन्दू 22 प्रतिशत से घट कर 2 प्रतिशत रह गए - आज भी यह कबूल करने के पीछे कोई कारण रहा होगा वरना इतना शरीफ मुल्क नहीं है -


लेकिन पाकिस्तान के हिंदू ओवैसी को उत्पीड़ित समुदाय नहीं लगते, वह तो मंगलवार 25 जून को सांसदी की शपथ लेते हुए “जय फिलिस्तीन” का नारा लगाता है और कहता है कि फिलिस्तीन  उत्पीड़ित है इसलिए उनके लिए नारा लगाया - ओवैसी का यह शब्द संसद की कार्रवाई से बेशक निकाल दिया गया है लेकिन उसने अपनी मंशा साफ़ कर दी है वह फिलिस्तीन और हमास के साथ खड़ा है -


मियां ओवैसी को कभी उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न दिखाई नहीं दिया और न कभी पाकिस्तान के हिंदुओं का उत्पीड़न दिखाई दिया जो पाकिस्तान ने तुम्हारे फिलिस्तीन का नारा लगाने से एक दिन पहले कबूल किया - 


अगर फिलिस्तीनी इतने उत्पीड़ित लगते हैं तो यहां संसद में नारा लगाने से क्या काम चलेगा - तुम्हे और तुम्हारी अपनी फ़ौज को (जिसमें सभी ऐसे मुसलमान शामिल होने चाहियें जो हमास और फिलिस्तीन के हक़ में नारे लगाते हैं) तुरंत गाज़ा और रफाह जा कर उनकी मदद करनी चाहिए -


ओवैसी ने और अपने को सही साबित करने के लिए कहा है कि उसने ऐसा नारा लगा कर कुछ गलत नहीं किया, मुझे संविधान का कोई तो प्रावधान बताएं जिसके अनुसार में गलत कहा हो - अगर गलत नहीं था तो फिर उसे संसद की कार्रवाई से हटाने का विरोध क्यों नहीं दर्ज कराया speaker से - 


ओवैसी को संविधान का आर्टिकल 102 (D)  पढ़ लेना चाहिए जिसमे साफ़ लिखा है कि -

“A person shall be disqualified for being chosen as, and for being, a member of either House of Parliament -

(d) if he is under any acknowledgement of allegiance or adherence to foreign nation;


आज तक ओवैसी ने कभी चीन में उत्पीड़न झेल रहे उइगर मुस्लिमों के बारे में एक शब्द नहीं बोला जैसे 56 इस्लामिक देश भी नहीं बोलते - उन देशों को तो लालच है चीन से मदद मिलना कहीं बंद न हो जाए लेकिन ओवैसी और अन्य भारतीय मुस्लिम संगठनों और सेकुलर दलों को उनके लिए बोलने में क्या आपत्ति है, कांग्रेस का तो चीन से MOU है जिसकी वजह से नहीं बोलती लेकिन  क्या ओवैसी को चीन से डर लगता है -


आज के परिपेक्ष में हर विरोधी दल जो भी मुंह में आता है वह बोलते हैं चाहे प्रधानमंत्री के खिलाफ हो, देश के खिलाफ या हिंदुओं के खिलाफ हो - ऐसे लोगों पर जमकर प्रहार होना चाहिए - ओवैसी का अगर निष्कासन हो भी जाता है तो सुप्रीम कोर्ट बैठा है उसके नारे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता साबित करने के लिए - आज सपा सेंगोल के खिलाफ खड़ी हो गई लेकिन सवाल यह है कि अगर तुम्हे पसंद नहीं है सेंगोल तो संसद मत जाइये, किसने कहा है जाना जरूरी है -




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