कैच
2002 आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी याद है।
श्रीलंका के प्रेमदासा स्टेडियम में भारत और साउथ अफ्रीका में सेमीफाइनल था। उन दिनों अफ्रीका भेरी टफ टीम थी और भारत की क्रिकेट टीम सौरव गांगुली के नेतृत्व में नया शेप ले रही थी।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी और वीरेंद्र सहवाग व युवराज सिंह के अर्धशतक से भारत ने अफ़्रीका को 262 का लक्ष्य दिया था और मजबूत बैटिंग क्रम को देखते हुए, स्कोर कम दिखाई दे रहा था।
ज़हीर ख़ान ने ग्रीम स्मिथ को 4 रन पर चलता गया और भारत में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, किंतु आने वाला पल क़तई खून के आंसू रुलाने वाला निकला। हर्शल गिब्स और जैक कालिस ने 188 रन की लंबी और मैच विनिंग साझेदारी की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन गिब्स को पैर में समस्या हो रही थी खेलने में दिक्कत होने लगी तिस पर शतक जड़ चुके थे।
116 रन पर रिटायर हर्ट हुए।
अर्थात् साझेदारी टूट गई और भारत के पास मौक़ा था और साउथ अफ्रीका वाले प्रबल दावेदार व चोकर्स भी थे।
जोंटी रूड्स बैटिंग करने आए और गेंद हरभजन के हाथ में थी, रूड्स ने रिवर्स स्वीप खेला, पीछे युवराज सिंह तैनात थे और हवा में उछलकर हैरतअंगेज कैच पकड़ा लिया और कैच था क्रिकेट इतिहास के लीजेंड फील्डर जोंटी रूड्स, इसे देखकर वे भी हैरान थे। उस दौर में कैफ और युवराज ने भारतीय टीम में फील्डिंग के मायने बदल दिए थे।
रूड्स के बाद साउथ अफ्रीका का ध्यान भंग हो चला।
कालिस ने गिब्स के साथ मोर्चा सँभाल रखा था और 97 पर बैटिंग कर रहे थे। सामने वाले छोर से प्रॉपर साथ न मिलने के बाद मामला उलट गया और अंत में भारत में अफ्रीका को 10 रन से हराकर फाइनल में प्रवेश लिया।
मैच फिक्सिंग विवाद के बाद भारत के लिए आईसीसी टूर्नामेंट का पहला फाइनल टिकट था।
महज एक कैच ने मैच बदल कर रख दिया।
क्रिकेट में नये बल्लेबाज को जमने का मौक़ा मत दो। सैटल बैट्समैन अकेला कुछ नहीं कर सकेगा। हाँ, साथ मिल गया तो मैच लें उड़ेगा।
टी20 फाइनल में सूर्या का कैच असल मैच विनर पॉइंट था। ऐसे ही होता है। ये ही क्षण मैच को बनाने वाले होते है।
No comments:
Post a Comment