कल फिर राज्यसभा में मोदी जी का राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर धन्यवाद सम्बोधन होगा।
आज भी मोदी जी ने बोला। 1 घण्टे से ज्यादा बोला। दरअसल जो राष्ट्रपति ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई उसपर बोलते हुए अपनी बात रखनी थी। आगे का रोडमैप भी रखना था।
लेकिन लोग सिर्फ ये इन्तेजार कर रहे थे कि पप्पू की बकवास का जवाब मोदी जी देंगे। लोग बेसब्रे हो गए कि मोदीजी कब बोलेंगे। मोदीजी ने भी बोला लेकिन भाषण के अंतिम राउंड में। और बोला क्या फुल जलील भी किया।
ये सब इसलिए बता रहा हूँ कि इससे हिन्दू के अंदर का सब्रपन झलकता है। हिन्दू के अंदर जरा भी सब्र करने की कैपिसिटी नही है ये इस भाषण से भी पता चला जब बहुत से आधे भाषण में ही उसे सुनना बन्द कर गए।
और यही विपक्ष की ताकत है कि उन्हें हिन्दू को किलसाना आता है। याद हो कि विपक्ष लगातार इन हिंदुओं को किलसाता था कि मन्दिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नही बताएंगे। और हिन्दू किलसकर अपने नेता को ही गाली देता था। कारण, सब्र का न होना।
हालांकि विपक्ष ने मन्दिर बनने के बाद भी किलसाना जारी रखा जब प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए और हिन्दू तब भी उनकी बातों में आ गया।
खैर, ज्यादा कुछ क्या कहें लेकिन यही हिन्दू की कमजोरी है कि उसके अंदर सब्र नही है। वहीं कांग्रेस के वोट बेंक से लेकर वामपंथी इसका धनी है। उन्होंने तो 2047 के प्लान पर चल रहा है तो वामपंथी पूरे देश से करीब करीब समाप्त होकर भी अपनी विचारधारा पर टिका हुआ है कि आज नही तो कल उसके दिन भी बौरेंगे।
ये कला हिन्दू को अपने विरोधियों से सीखनी चाहिए वरना खुद का ही नुकसान करेगा आगे भी।

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