तृणमूल सांसद Kalyan Banerjee आज संसद मे कह रहे कि “पहले प्रधानमंत्री विदेश यात्राओं पर बड़े कॉन्फिडेंस मे जाया करते थे, अब वो कॉन्फिडेंस नही रहेगा. . . अब पूरे समय उनका ध्यान इसी पर अटका रहेगा कि सरकार स्टेबल नही है — चंद्राबाबू और नीतीश कुमार के सहयोग से चल रही है”।
कितनी घृणित - कैसी उथली मानसिकता है इन एंटी-भारत INDI वालों की, कि ये इस पर ही खुश हो ले रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अब भारत के प्रधानमंत्री का वो वजन - उसमे वैसा आत्मविश्वास नही दिखेगा जो पहले हुआ करता था। BJP से द्वेष मे भारत के ही अमंगल की अपनी गुप्त कामना उजागर करने लगना. . . गजब नीचता है भई, मान गये तुम लोगों को! 🤬🤬
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