दृश्य- 1..
कल्पना कीजिये कि आप अपने फ्लैट में आराम से अपनी पत्नी के साथ टेलीविजन देख रहें हैं.. अचानक हज़ारों मियां लोगों की भीड़ आपकी पूरी कॉलोनी को घेर लेती है, इस कॉलोनी में आप जैसे ही लगभग 200 फ्लैट्स हैं और उनमें आपकी तरह ही सभी हिंदू परिवार रह रहे हैं.. आप आपकी पत्नी आपका बेटा बहू और पोता.. भीड़ दरवाजा पीट-पीटकर तोड़ देती है.. आपके देखते ही देखते आपके सामने आपके बेटे पोते की हत्या कर दी गई.. आपकी पत्नी और बहू के साथ बलात्कार करके आप और आपकी पत्नी की हत्या करके वो लोग आपकी बहू सहित आपके फ्लैट पर कब्जा करके एक मुस्लिम परिवार आपकी अत्याधुनिक कॉलोनी में आपकी आजीवन की कमाई, आपके पूरे परिवार की इज्ज़त लूटकर, आपकी सम्पत्ति नेस्तनाबूद करके अपना कब्जा कर लेते है। जिस वक़्त आपके साथ यह हो रहा है उसी वक़्त आपके साथ रह रहे उन 200 परिवारों के साथ भी यही हो रहा होता है। मात्र कुछ ही घण्टों में एक हिन्दू बहुल कॉलोनी एक मुस्लिम कॉलोनी बन जाती है।
दुःखद बात यह है कि ये मात्र कोरी कल्पना नहीं है, कल कश्मीर में हुआ था और आज बंग्लादेश में हो रहा है, और कल भारत में भी होने की संभावना है।
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दृश्य दो..
ठीक उपरोक्त घटना की ही तरह आप अपने फ्लैट में आराम से अपनी पत्नी के साथ टेलीविजन देख रहें हैं.. अचानक हज़ारों मियां लोगों की भीड़ आपकी पूरी कॉलोनी को घेर लेती है, इस कॉलोनी में आप जैसे ही लगभग 200 फ्लैट्स हैं जिसमें आप जैसी से हिंदू परिवार रह रहे हैं.. आपका बेटा और आपकी कॉलोनी के सभी पुरूष सदस्य इंटरकॉम पर इस घटना से खुद की रक्षा के लिए अपने अपने हथियार बंदूक और पिस्तौल लेकर अपने घरों की खिड़की और छतों पर चढ़कर जवाबी कार्यवाही करतें हैं.. इस जिहादी भीड़ के लगभग 100 लोग मारे जातें हैं उनके कई लोग गम्भीर रूप से हताहत हैं, और वह भीड़ जवाबी कार्यवाही से घबराकर अपने साथियों को वहीं छोड़कर भाग जातें हैं और फिर किसी कमज़ोर जगह की तलाश में जुट जातें हैं।
यह भी कोई कोरी कल्पना नहीं है.. यदि आपका बेटा जो कि किसी आईटी कंपनी में या सेल्स में काम कर रहा है यदि उसने अपने नौकरी के पहले चार वर्ष अग्निवीर योजना के तहत सेना की नौकरी करके बिताये हैं, तो वह सभी तरह के हथियार चलाने को प्रशिक्षित है, उसके पास हथियार चलाने का लाइसेंस है, और इस वजह से उसने घर पर वैध हथियार भी रखें है। यही हाल कॉलोनी के सभी घरों के बच्चों के साथ है इसलिए वह सब मिलकर इस संकट से उबर चुके हैं।
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राहुल गांधी सच कह रहे हैं कि अग्निवीर योजना से हमारे युवाओं को कोई "परमानेंट नौकरी" नहीं मिल रही हैं, इस योजना में रिटायर्ड सैनिकों के लिए कोई पेंशन भी नहीं है, और कार्यकाल अवधि मात्र चार वर्ष..
तो आप इसे नौकरी समझते भी क्यों हैं? यह सचमुच नौकरी नहीं है, "अग्निवीर" एक योजना है देश के उन सभी युवाओं के हाथ में अत्याधुनिक हथियारों और सैन्य योजनाओं के बारें में अवगत कराने की जो मोबाइल और कम्प्यूटर चला चलाकर निष्क्रिय हो चुकें हैं। और इसके बाद प्रशिक्षित सैनिक को विभिन्न जगहों पर 10% तक का आरक्षण है, यदि आप अपना व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपको 12 लाख रुपये भी मिलेंगे वह भी मात्र 24-25 वर्ष की आयु में, उसके बाद आप चाहें तो प्राइवेट नौकरी करें या अपना व्यवसाय, आपकी स्वतंत्रता हैं। सरकार एक सामान्य सैनिक के नौकरी के कार्यकाल लगभग 28-30 वर्ष की अवधि में लगभग 7 अग्निवीर को प्रशिक्षित कर रही है क्यूंकि इस 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए मात्र 51 लाख सैनिक बॉर्डर पर तो आपकी रक्षा करनें में सक्षम हैं, परन्तु सम्भावित गृहयुद्ध से आपकी रक्षा करने के लिए नाकाफ़ी हैं। अब यह आपको निश्चित करना है कि आपको ऐशोआराम की ज़िंदगी के साथ असुरक्षित भविष्य चाहिए है या असुरक्षित नौकरी के साथ सुरक्षित भविष्य चाहिए है।
यदि आप समझ रहे हैं कि आप हिन्दू नहीं है जैन, सिख या अन्य वर्ग से आतें हैं, हिंदू तो हैं मगर SC /ST या OBC से आते हैं अथवा आप तो भाजपाई नहीं हैं तो इस पोस्ट से आपका क्या लेना देना तो समझ लीजिए कि उनके लिए हम सब लोगों के लिए सिर्फ एक ही शब्द है वह है "काफ़िर".. और मुस्लिम के लिए हिन्दू सिर्फ और सिर्फ काफिर है क्योंकि एक मुस्लिम जो आपका कितना भी घनिष्ठ मित्र हो लेकिन अपने धर्म और कुरान के अनुसार विधर्मी को वे दोस्त नहीं मानते और आपका साथ ना देकर आपको ही आस्तीन का सांप बनकर डस लेगा। और आपके फीमेल सदस्यों के साथ ये क्या कुछ करेंगे आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते। इसलिए अपने परिवार के एक दो सदस्यों को अग्निवीर जरूर बनाओ क्योंकि बुजुर्ग फौजी के अपेक्षाकृत आपके घर में जवान फौजी टक्कर लेने के लिए तैयार मिलेगा इस मुस्लिम हिन्दू गृह युद्द के लिए, यह एक राजनीतिक योजना है हिन्दू राष्ट्र बनाने में मदद गार होगी। जय हिंद।
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