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Monday, September 23, 2024

हमें बिना संगठन के टिके रहना संभव नहीं।

"हमें बिना संगठन के टिके रहना संभव नहीं। आत्मरक्षण की आवश्यकता किसी को भी समझाने की आवश्यकता नहीं रही। हाथ में अगर लाठी है तो आत्मरक्षा के लिए ही तो है ना? और आत्मरक्षा के लिए इससके भी आगे के साधन हैं। हमें रायफल इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी इसलिए लाठी से काम चला लेते थे। लेकिन अब अगर हमें रायफल इस्तेमाल करने की अनुमति मिली तो इस अवसर का अवश्य  उपयोग करना चाहिए। हाथ में केवल लाठी पकड़कर नहीं चलेगा - साथ साथ बुद्धि का उपयोग भी अवश्य करना चाहिए। कल्पना और कृति; बुद्धि और हाथ इनका समन्वय हो तो ही काम का है। 


आज हमें परिस्थिति का विचार करना आवश्यक है। आज (अंग्रेज़) सरकार खुद हो कर हमें सेना में दाखिल होने को न्योता दे रही है। आज तक अगर हमारी इच्छा हो तो भी हम ऐसा नहीं कर सकते थे, वही अवसर सामने से निमंत्रण दे रहा है। अगर इसे गंवा देंगे तो जिंदगीभर पछताना पड़ेगा। पहले अगर चोरी छुपे बम बनाते पकड़े गए तो पाचीस साल की सज़ा मिलती थी, आज सरकार (यही सब सीखने) पच्चीस रुपयों की  वृत्ति दे कर बुला रही है। 


यह आक्षेप किया जाएगा कि अंग्रेज़ सेना में भर्ती हो कर हम उनकी सत्ता को बल दे रहे हैं। लेकिन असल में देखें तो बाहर रहकर ही हम उनका बल बढ़ाने को कारण होते हैं। कौनसी  ऐसी बात है जहां आज वे हम पर भारी नहीं हैं ? इसलिए इस दास्य को कम करने का मार्ग है सेना में भर्ती होना। हमारे सेना में भर्ती होने से अंग्रेजों को भले ही थोड़ा लाभ पहुंचता हो, हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम उनके लाभ के लिए नहीं बल्कि हमारे लाभ के लिए सेना में शामिल हो रहे हैं।"


समग्र सावरकर खंड 8, स्फुट लेख पृष्ठ 68 (यथा शक्ति भावानुवाद)

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टिप्पणी 


वीर सावरकर पर अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि वे अंग्रेजों के सहायक थे, उन्होने हिंदुओं को अंग्रेज़ सेना में भर्ती हो कर विश्वयुद्ध में अंग्रेजों की ओर से लड़ने को उद्युक्त किया। उन्होने ऐसा क्यों किया इसका स्पष्ट उत्तर ऊपर दिया है। 


फिर भी उनपर आरोप लगाए जाते रहेंगे क्योंकि उनके विचार हर राष्ट्रभक्त के लिए एक वैचारिक कवच और अस्त्र शस्त्र का भी काम करते हैं, और वा क ई  गिरोह को यह कैसे बर्दाश्त हो ? उनकी जयंती या पुण्यतिथि पर अक्सर कोई न कोई भैजान उनके तथाकथित "माफीनामे" को लेकर उनपर कायरता का आरोप लगाता है, लेकिन हुदैबिया की सुलह की बात करते ही गायब हो जाते हैं।


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