" ॐ साईं राम क्यों ?
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दो दिन पहले..... सुबह सुबह कुछ हिंदुओं को "आज साईं वार है" कहते देखा और सबसे ज़्यादा हास्यास्पद और खेद जनक था.... उन 'भक्तो' का यह कहना कि " ॐ साई राम"
ॐ के बिना वेदों की कल्पना नहीं,ॐ के बिना कोई यज्ञ नहीं,कोई हवन नहीं,कोई पूजा नहीं,कोई विवाह नहीं,कोई श्राद्ध नहीं,ॐ पूर्ण मंत्र है,ॐ पूर्ण अर्चना है,ॐ ब्रह्मांड का स्वर है ।भगवान श्रीराम हिन्दुओं की पूर्ण श्रद्धा आशा और विश्वास के केंद्र है,श्री राम पुरूषोत्तम हैं,राम आदर्श हैं,राम आत्मा हैं,राम जन्म से मृत्यु तक विराजमान हैं।राम के बगैर जन्म पूर्ण नहीं और रामनाम के बिना अंतिम यात्रा तक अपूर्ण है....
आह , साईं भक्तों ,कितनी आसानी से कह दिया ॐ साईं राम । क्या शरीर में हिंदू रक्त नहीं,क्या आत्मा में राम का वास नहीं,क्या पिता,पत्नी,भाई विछोह में तड़पते राम की रामायण को तुमने नहीं पढ़ा ? राम न होते तो विश्वास जानो ,हिन्दू धर्म ही नहीं होता और जिस साईं बाबा के नाम पर तुम अपने युगपुरुष का अपमान कर रहे हो... उसी के धर्म इस्लाम के लोग....500 वर्ष पूर्व ही मंद पड़ती हिन्दू धर्म की लौ को बुझा चुके होते। गोस्वामी तुलसी दास जी ने संस्कृत में लिखी रामायण का रूपांतरण देशज भाषा में हिंदू धर्म को बचाने के लिए ही किया था । अयोध्या में राम आस्था के लिए लाखों हिंदुओं ने अपने नौनिहालों की बलि यूँही नहीं दे दी।
और तुम 'शिक्षित' हिन्दू, एक हक़ीर मुस्लिम फ़क़ीर चाँद मिया उर्फ़ साईं बाबा के नाम के आगे ॐ और अंत में राम लिख कर भगवान श्री राम और हिन्दू सनातन धर्म का घोर निरादर कर रहे हो।
क्या ईसाई " फ़ादर साईं जीसस " या मुस्लिम तुम्हे "बिस्मिल्ला साईं ओ रहीम "कहने की इजाज़त दे सकतें है ? सच जानिए कानून से पहले ही इस्लाम और ईसाईयत के सिपाही "ॐ साईं राम " कहने वालों का सही इन्साफ कर देंगे....
भाई ,हम मजलूम हिन्दू है और हमारे पास ताक़त नहीं है कि हम मुस्लिम्स की भाँति जबरदस्ती इन्साफ छीन लें ! न ही आम हिंदू जन में इस षड्यंत्र को समझने की क्षमता है । परंतु करोड़ों के सोने,चांदी के मंदिर बनवाओ ,400 करोड़ का चढ़ावा हिंदुओं से छीन लो । मंदिरों में चाँद मियां की मूर्तियां रखवाओ,परंतु ॐ साईं राम कह कर अपने भगवानों की आस्था की धज्जियां न उड़ाओ । ईश्वर आपको आपके इष्ट से मिलाये।
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