Setelite solar power system.
है तो यह बहुत पुरानी खबर लेकिन अब आगे इस पर सफलता मिलती नजर आ रही है
यह एक ऐसी बिजली होगी जिसे धरती से भेजे गए सेटेलाइट द्वारा स्पेस में ही सूर्य की किरणों को कंट्रोल करके बनाया जाएगा और रेडियो फ्रिकवेंसी के जरिए बिना किसी तार की मदद के धरती पर उसके रिसिविंग स्टेशन पर भेजा जाएगा। इस तरह से स्पेस में भेजे गए प्रत्येक इलेक्ट्रिसिटी परोडयूसिंग सेटेलाइट के द्वारा दो से बीस गीगाबाइट बिजली का दिन रात उत्पादन होगा और मजे की बात यह है कि इस पूरे प्रोजेक्ट को भारत का इसरो और अमेरिका का Caltech अंजाम दे रहे हैं। वैसे कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को क्रैक अली अजमेरी जो कि एक अमेरिकन वैज्ञानिक है उन्होंने किया था लेकिन इसके ऊपर भारतीय वैज्ञानिकों ने भी काफी सफलता प्राप्त कर ली है। टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी पाने वाले दोस्तों के लिए लिंक दे रहा हूं। इस टेक्नोलॉजी को "माइक्रोवेव अरे फार पावर ट्रांसफर लो ओर बिट एक्सपेरिमेंट" कहते हैं यानी कि "मैपल"
(MAPLE is a abbreviation for "Microwave Array for Power-transfer Low-orbit Experiment"
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