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Saturday, August 31, 2024

*"सरसों के तेल के हैं अनगिनत अद्भुत अमृतमयी फायदे"*

 *"सरसों के तेल के हैं अनगिनत अद्भुत अमृतमयी फायदे"*

सरसों भारतीय रसोई का एक अहम हिस्‍सा है। सरसों के तेल और इसके दाने सदियों से भारतीय पकवानों का हिस्‍सा है।

सरसों की पत्तियां भी बहुत फायदेमंद है।

इस तेल को मालिश के लिए भी इस्‍तेमाल किया जाता है।

इसकी मालिश से रक्‍त संचार बढ़ता है, मांसपेशियां विकसित और मजबूत होती है, त्‍वचा की बनावट में सुधार होता है।

बच्‍चों को भी सरसों के उबटन की मालिश की जाती है।

सरसों का तेल जीवाणुरोधी होता है।

खाने में पौष्टिक और बहुपयोगी हैं।


*आइये जानते हैं इसके लाभ...*


*"सरसों के तेल के लाभ"*

सरसों के तेल में ओलिक एसिड और लीनोलिक एसिड पाया जाता है, यह फैटी एसिड होते हैं जो बालों के लिए फायदेमंद हैं।

इनसे बालों की जड़ो को पोषण मिलता है।

अगर आप इस तेल को हफ्ते में दो दिन इस्‍तेमाल करेंगे तो बाल झड़ना कम हो जाता है।


दातों और मसूड़ों पर सरसों का तेल रगड़ने से वह मजबूत होते हैं।


पायरिया के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद है।


इसके अलावा यह सर्दी, जुखाम, सिरदर्द और शरीर के दर्द में भी बहुत फायदा देता है।

सरसों के तेल में एलिल आइसोथियोसाइनेट के गुण मौजूद होते हैं।

त्वचा विकारों के लिए सबसे अच्छे इलाज के रूप में काम करता है। साथ ही यह शरीर के किसी भी भाग में फंगस को बढ़ने से रोकता है।


सरसों शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।

यह शरीर को गर्माहट भी प्रदान करता है, अगर इसे ठंडक में खाया जाए तो ठंड बिलकुल नहीं लगेगी।


अगर आपको भूख नहीं लगती तो अपने खाने को सरसों के तेल में बनाना शुरु कर दीजिए, क्‍योंकि यह तेल भूख बढ़ा कर शरीर में पाचन क्षमता को बढ़ाता है।


सरसों के तेल में विटामिन ई होता है।

इसे त्‍वचा पर लगाने से सूर्य की अल्‍ट्रावायलेट की किरणों से बचाव होता है।


सरसों का तेल साथ ही यह झाइयों और झुर्रियों से भी काफी हद तक राहत दिलाता है।


सरसों के तेल से मालिश करने से गठिया और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है।

गठिया के रोगी सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करें फायदा होगा।


सरसों का तेल खाने से कोरोनरी हार्ट डिज़ीज का खतरा भी थोड़ा कम हो जाता है।


जिन लोगों की त्‍वचा रूखी-सूखी है, वे लोग अपने हाथों, पैरों में तेल लगाने के बाद पानी से स्‍नान कर लें। इससे त्‍वचा को पोषण मिलता है और त्‍वचा नम हो जाती है।


सरसो के दानों को पीसकर लेप लगाने से किसी भी प्रकार की सूजन ठीक हो जाती है।


सरसों के दानों को पीसकर शहद के साथ चाटने से कफ और खांसी समाप्त हो जाती है।


सरसों के तेल को एक टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका इस्‍तेमाल करने से शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा कर शरीर की कमजोरी को एकदम दूर कर देता है।

*_सच्चर कमिशन क्या था_*

 ★★★  *_सच्चर कमिशन क्या था_*  ★★★


मुसलमान 1 वोट डालेगा तो उसकी गिनती 2 वोट के बराबर होगा।

सच्चर कमिशन की मांग थी ऐसी...


सच्चर कमिशन क्या था❓जिसे सोनिया गांधी मनमोहन की सरकार मे 2005 मे लाई थी️।


"सच्चर कमिशन" नाम का आयोग सोनिया गांधी के कहने पर बनाया गया था जिसका काम था भारत मे मुसलमानो की आर्थिक स्थिति का आंकलन करने के लिए।


साफ शब्दों मे कहा जाय तो भारत के अस्तित्व को तालिबानी बनाने के लिए कांग्रेस ने बनाया था "सच्चर कमीसन" 2005 मे।


"सच्चर कमिसन" ने मनगढंत रिपोर्ट सोनिया गांधी के इसारे पर बना के देश को ये झूठ परोस दिया की भारत मे मुसलमानो की स्थिति दलितों और आदिवासियो से भी बत्तर है।


अब "सच्चर कमिशन" ने मुसलमानो की स्थिति सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 10 तरीके का सुझाव दिया और इसे जल्द से जल्द भारत मे लागु करने की मांग किया।


*वो 10 बड़ी मांग इस प्रकार से थी -*

1) मुसलमानो को भारत मे आबादी के हिसाब से दोगुना अधिकार मिले अर्थात अगर मुसलमान 1 वोट डाले तो उसकी गिनती 2 वोट के बराबर हो।


2) मुसलमानो को OBC आरक्षण के साथ-साथ SC-ST के हिस्से वाले आरक्षण मे भी पुरा-पुरा लाभ मिले।


3) मुसलमान अगर किसी भी बैंक से लोन ले तो उसका आधा लोन केंद्र और राज्य सरकार मिल के भरे और भारत के कुल बजट का 20% हिस्सा मुसलमानो के लिए निकाल कर बाकी बचे बजट से पूरे देश को चलाया जाय।


4) IIT-IIM  और MBBS समेत्  सभी तरह के ग्रेजुएशन, की पढ़ाई के लिए मुसलमानो को अल्पसंख्यक-मंत्रालय के अंतर्गत मुफ्त पढ़ाई कराई जाय।


5) भारत का शिक्षा मंत्रालय मुसलमानो के मदरसा की डिग्री को IAS- IPS-PCS और जज़ बनने के लिए भी मान्यता दे।


6) भारत मे 30% सांसदों की सीट और हर एक राज्य मे 40% विधायकों की सीट मुसलमानो के लिए रिजर्व किया जाय।


7) भारत की हर एक राज्य सरकार बोर्ड निगम और सरकारी नौकरियो मे मुसलमानो की हिस्सेदारी बढ़ा के 50% करे।


8) मुसलमानो को व्यापार करने के लिए हर एक राज्य मे अगल-अलग इंड्रस्ट्रियल जोन हो और उसे वहा कर्ज मुक्त लोन के साथ मुफ्त बिजली और मुफ्त ज़मीन मिले।


9) मुस्लिम लड़कियों की शादी के लिए केंद्र सरकार 5 लाख रुपये और राज्य सरकार 2 लाख रुपये की मदद करे और मुस्लिम लड़को के स्व रोजगार के लिए 10 लाख रुपये सरकार अनुदान करे।


10) जिस भी गाँव क़स्बा शहर या जिला मे मुस्लिम आबादी 25% से ज्यादा हो उसे सिर्फ मुसलमानो के चुनाव लड़ने के लिए रिजर्व कर दिया जाय।


*सारी जानकारी आप को आसानी से Google और Youtube पर मिल जाएंगी "सच्चर कमिशन" के बारे मे।*


*BJP के कड़े विरोध के बाद कांग्रेस ने "सच्चर कमिशन" को लागु नही कर सकी वरना हिन्दुओ के 1 वोट के सामने मुसलमानो का 2 वोट की गिनती भारी पड़ता और भारत की राजनीति और पूरे देश का संसाधन मुसलमानो के कब्जे मे चला गया होता।*


*खुद भी इस पोस्ट को 10 बार पढ़े और 100 करोड़ हिन्दुओ तक इस पोस्ट को शेयर कर के पहुँचाये।*

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Friday, August 30, 2024

भारत में #बलात्कार_का_आरंभ और यौन अपराध..

 भारत में #बलात्कार_का_आरंभ और यौन अपराध..

#इस्लाम_की_देन !!

मुझे पता है 90 % बिना पढ़े ही निकल लेंगे..


आखिर भारत जैसे देवियों को पूजने वाले देश में #बलात्कार की गन्दी मानसिकता कहाँ से आयी ?


आखिर क्या बात है कि जब प्राचीन भारत के #रामायण, #महाभारत आदि लगभग सभी #हिन्दू_ग्रंथ के उल्लेखों में अनेकों लड़ाईयाँ लड़ी और जीती गयीं, परन्तु विजेता सेना द्वारा किसी भी स्त्री का बलात्कार होने का उल्लेख नहीं है ?


तब आखिर ऐसा क्या हो गया ?.. कि आज के आधुनिक भारत में बलात्कार रोज की सामान्य बात बन कर रह गयी है ??


श्री #राम ने #लंका पर विजय प्राप्त की पर न ही उन्होंने और न उनकी सेना ने पराजित लंका की स्त्रियों को हाथ लगाया।


महाभारत में #पांडवों की जीत हुयी लाखों की संख्या में योद्धा मारे गए। पर किसी भी #पांडव सैनिक ने #कौरव सेना की विधवा स्त्रियों को हाथ तक न लगाया ।


अब आते हैं ईसापूर्व इतिहास में - 


220-175 ईसापूर्व में यूनान के शासक "डेमेट्रियस प्रथम" ने भारत पर आक्रमण किया। 183 ईसापूर्व के लगभग उसने पंजाब को जीतकर साकल को अपनी राजधानी बनाया और पंजाब सहित सिन्ध पर भी राज किया। लेकिन उसके पूरे समयकाल में बलात्कार का कोई जिक्र नहीं।


इसके बाद "युक्रेटीदस" भी भारत की ओर बढ़ा और कुछ भागों को जीतकर उसने "तक्षशिला" को अपनी राजधानी बनाया। बलात्कार का कोई जिक्र नहीं।


डेमेट्रियस के वंश के मीनेंडर (ईपू 160-120) ने नौवें बौद्ध शासक "वृहद्रथ" को पराजित कर सिन्धु के पार पंजाब और स्वात घाटी से लेकर मथुरा तक राज किया परन्तु उसके शासनकाल में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं मिलता।


सिकंदर ने भारत पर लगभग 326-327 ई .पू आक्रमण किया जिसमें हजारों सैनिक मारे गए लेकिन यहां भी परस्त्रीहरण का कोई उदाहरण नहीं मिलता।


इसके बाद शकों ने भारत पर आक्रमण किया (जिन्होंने ई.78 से शक संवत शुरू किया था)। सिन्ध नदी के तट पर स्थित मीननगर को उन्होंने अपनी राजधानी बनाकर गुजरात क्षेत्र के सौराष्ट्र , अवंतिका, उज्जयिनी,गंधार,सिन्ध,मथुरा समेत महाराष्ट्र के बहुत बड़े भू भाग पर 130 ईस्वी से 188 ईस्वी तक शासन किया। परन्तु इनके राज्य में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं।


इसके बाद #तिब्बत के "युइशि" (यूची) कबीले की लड़ाकू प्रजाति "कुषाणों" ने #काबुल और #कंधार पर अपना अधिकार कायम कर लिया। जिसमें "कनिष्क प्रथम" (127-140ई.) नाम का सबसे शक्तिशाली सम्राट हुआ।जिसका राज्य कश्मीर से उत्तरी सिन्ध तथा पेशावर से सारनाथ के आगे तक फैला था। कुषाणों ने भी भारत पर लम्बे समय तक विभिन्न क्षेत्रों में शासन किया। परन्तु इतिहास में कहीं नहीं लिखा कि इन्होंने भारतीय स्त्रियों का बलात्कार किया हो ।

इसके बाद #अफगानिस्तान से होते हुए भारत तक आये हूणों ने 520 AD के समयकाल में भारत पर अधिसंख्य बड़े आक्रमण किए और यहाँ पर राज भी किया। ये क्रूर तो थे परन्तु #बलात्कारी होने का कलंक इन पर भी नहीं लगा।

इन सबके अलावा भारतीय इतिहास के हजारों साल के इतिहास में और भी कई आक्रमणकारी आये जिन्होंने भारत में बहुत मार काट मचाई जैसे #नेपालवंशी शक्य आदि। पर बलात्कार शब्द भारत में तब तक शायद ही किसी को पता था।


अब आते हैं #मध्यकालीन_भारत में -


जहाँ से शुरू होता है #इस्लामी आक्रमण -


और यहीं से शुरू होता है भारत में बलात्कार का प्रचलन !!


सबसे पहले 711 ईस्वी में "मुहम्मद बिन कासिम" ने सिंध पर हमला करके राजा दाहिर को हराने के बाद उसकी दोनों बेटियों को "यौनदासियों" के रूप में "खलीफा" को तोहफे में दे दिया। 


तब शायद भारत की स्त्रियों का पहली बार बलात्कार जैसे कुकर्म से सामना हुआ जिसमें हारे हुए राजा की बेटियों और साधारण भारतीय स्त्रियों का जीती हुयी इस्लामी सेना द्वारा बुरी तरह से बलात्कार और अपहरण किया गया ।


फिर आया 1001 इस्वी में "गजनवी"। इसके बारे में ये कहा जाता है कि इसने इस्लाम को फ़ैलाने के उद्देश्य से ही आक्रमण किया था। 


सोमनाथ के मंदिर को तोड़ने के बाद इसकी सेना ने हजारों "काफिर" औरतों का बलात्कार किया फिर उनको अफगानिस्तान ले जाकर "बाजारों में बोलियाँ" लगाकर "जानवरों" की तरह "बेच" दिया ।


फिर "गौरी" ने 1192 में "पृथ्वीराज चौहान" को हराने के बाद भारत में "इस्लाम का प्रकाश" फैलाने के लिए "हजारों काफिरों" को मौत के घाट उतार दिया और उसकी "फौज" ने "अनगिनत हिन्दू स्त्रियों" के साथ बलात्कार कर उनका "धर्म-परिवर्तन" करवाया।


ये #विदेशी_मुस्लिम अपने साथ औरतों को लेकर नहीं आए थे।


मुहम्मद बिन कासिम से लेकर सुबुक्तगीन, बख्तियार खिलजी, जूना खाँ उर्फ अलाउद्दीन खिलजी, फिरोजशाह, तैमूरलंग, आरामशाह, इल्तुतमिश, रुकुनुद्दीन फिरोजशाह, मुइजुद्दीन बहरामशाह, अलाउद्दीन मसूद, नसीरुद्दीन महमूद, गयासुद्दीन बलबन, जलालुद्दीन खिलजी, शिहाबुद्दीन उमर खिलजी, कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी, नसरत शाह तुगलक, महमूद तुगलक, खिज्र खां, मुबारक शाह, मुहम्मद शाह,अलाउद्दीन आलम शाह, बहलोल लोदी, सिकंदर शाह लोदी, बाबर, नूरुद्दीन सलीम जहांगीर, और अपने हरम में 8000 रखैलें रखने वाला तथाकथित lover-boy शाहजहाँ।


इसके आगे अपने ही दरबारियों और कमजोर मुसलमानों की औरतों से अय्याशी करने के लिए "मीना बाजार" लगवाने वाला "जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर"।


मुहीउद्दीन मुहम्मद से लेकर औरंगजेब तक बलात्कारियों की ये सूची बहुत लम्बी है। जिनकी फौजों ने हारे हुए राज्य की लाखों "काफिर महिलाओं" "(माल-ए-गनीमत)" का बेरहमी से बलात्कार किया और "जेहाद के इनाम" के तौर पर कभी वस्तुओं की तरह "सिपहसालारों" में बांटा तो कभी बाजारों में "जानवरों की तरह उनकी कीमत लगायी" गई। 


ये असहाय और बेबस महिलाएं "हरमों" से लेकर "वेश्यालयों" तक में पहुँची। इनकी संतानें भी हुईं पर वो अपने मूलधर्म में कभी वापस नहीं पहुँच पायीं।


एकबार फिर से बता दूँ कि मुस्लिम "आक्रमणकारी" अपने साथ "औरतों" को लेकर नहीं आए थे।


वास्तव में मध्यकालीन भारत में मुगलों द्वारा "पराजित काफिर स्त्रियों का बलात्कार" करना एक आम बात थी क्योंकि वो इसे "अपनी जीत" या "#जिहाद का इनाम" (माल-ए-गनीमत) मानते थे। 

केवल यही नहीं इन सुल्तानों द्वारा किये अत्याचारों और असंख्य बलात्कारों के बारे में आज के किसी #इतिहासकार ने नहीं लिखा। 


बल्कि खुद इन्हीं सुल्तानों के साथ रहने वाले लेखकों ने बड़े ही शान से अपनी कलम चलायीं और बड़े घमण्ड से अपने मालिकों द्वारा काफिरों को सबक सिखाने का विस्तृत वर्णन किया।


#गूगल के कुछ लिंक्स पर क्लिक करके हिन्दुओं और हिन्दू महिलाओं पर हुए "दिल दहला" देने वाले अत्याचारों के बारे में विस्तार से जान पाएँगे। वो भी पूरे सबूतों के साथ।


इनके सैकड़ों वर्षों के खूनी शासनकाल में भारत की हिन्दू जनता अपनी महिलाओं का सम्मान बचाने के लिए देश के एक कोने से दूसरे कोने तक भागती और बसती रहीं। 


इन #मुस्लिम_बलात्कारियों से सम्मान-रक्षा के लिए हजारों की संख्या में #हिन्दू_महिलाओं ने स्वयं को जौहर की ज्वाला में जलाकर भस्म कर लिया। 


ठीक इसी काल में कभी स्वच्छंद विचरण करने वाली प्रकृति-पुत्री #भारतवर्ष की हिन्दू महिलाओं को भी मुस्लिम सैनिकों की दृष्टि से बचाने के लिए #पर्दा_प्रथा की शुरूआत हुई।


महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार का इतना घिनौना स्वरूप तो 17वीं शताब्दी के प्रारंभ से लेकर 1947 तक अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में भी नहीं दिखीं। अंग्रेजों ने भारत को बहुत लूटा परन्तु बलात्कारियों में वे नहीं गिने जाते। 


1946 में #मुहम्मद_अली_जिन्ना के #डायरेक्टर_एक्शन_प्लान, 1947 विभाजन के दंगों से लेकर 1971 के #बांग्लादेश_मुक्ति_संग्राम तक तो लाखों काफिर महिलाओं का बलात्कार हुआ या फिर उनका अपहरण हो गया। फिर वो कभी नहीं मिलीं।

     नवंबर 1947 मे मेरे #मीरपुर पर मुसलमानों ने हमला कर #हिन्दूओ व #सिक्खो का कत्लेआम करने के बाद  10 साल से  40 साल की औरतों को बंदी बनाकर पाकिस्तान ले जाकर  #नीलाम किया गया ।


इस दौरान स्थिती ऐसी हो गयी थी कि "पाकिस्तान समर्थित मुस्लिम बहुल इलाकों" से "बलात्कार" किये बिना एक भी "काफिर स्त्री" वहां से वापस नहीं आ सकती थी।


जो स्त्रियाँ वहां से जिन्दा वापस आ भी गयीं वो अपनी जांच करवाने से डरती थी।


जब #डॉक्टर पूछते क्यों तब ज्यादातर महिलाओं का एक ही जवाब होता था कि "हमपर कितने लोगों ने बलात्कार किये हैं ये हमें भी पता नहीं"।


#विभाजन के समय पाकिस्तान के कई स्थानों में सड़कों पर काफिर स्त्रियों की "नग्न यात्राएं (धिंड) "निकाली गयीं, "बाज़ार सजाकर उनकी #बोलियाँ लगायी गयीं" अर्थात हमारी देवियां और इस दुर्दांत कौम के लिए कमोडिटी !!


और 10 लाख से ज्यादा की संख्या में उनको #दासियों की तरह खरीदा बेचा गया।


20 लाख से ज्यादा महिलाओं को जबरन मुस्लिम बना कर अपने घरों में रखा गया। (देखें फिल्म "पिंजर" और पढ़ें पूरा सच्चा इतिहास गूगल पर)।


इस विभाजन के दौर में हिन्दुओं को मारने वाले सबके सब विदेशी नहीं थे। इन्हें मारने वाले स्थानीय मुस्लिम भी थे। 


वे समूहों में कत्ल से पहले हिन्दुओं के अंग-भंग करना, आंखें निकालना, नाखुन खींचना, बाल नोचना, जिंदा जलाना, चमड़ी खींचना खासकर महिलाओं का बलात्कार करने के बाद उनके "स्तनों को काटकर" तड़पा-तड़पा कर मारना आम बात थी।


अंत में #कश्मीर की बात -


19 जनवरी 1990 -


सारे #कश्मीरी_पंडितों के घर के दरवाजों पर नोट लगा दिया जिसमें लिखा था - "या तो मुस्लिम बन जाओ या मरने के लिए तैयार हो जाओ या फिर कश्मीर छोड़कर भाग जाओ लेकिन.. अपनी औरतों को यहीं छोड़कर "। 


लखनऊ में विस्थापित जीवन जी रहे कश्मीरी पण्डित संजय बहादुर उस मंजर को याद करते हुए आज भी सिहर जाते हैं।वह कहते हैं कि "मस्जिदों के लाउडस्पीकर" लगातार तीन दिन तक यही आवाज दे रहे थे कि यहां क्या चलेगा, "निजाम-ए-मुस्तफा", 'आजादी का मतलब क्या "ला इलाहा इलल्लाह", 'कश्मीर में अगर रहना है, "अल्लाह-ओ-अकबर" कहना है।


और 'असि गच्ची पाकिस्तान, बताओ "रोअस ते बतानेव सान" जिसका मतलब था कि हमें यहां अपना पाकिस्तान बनाना है, कश्मीरी पंडितों के बिना मगर कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ।


सदियों का #भाईचारा कुछ ही समय में समाप्त हो गया जहाँ पंडितों से ही तालीम हासिल किए लोग उनकी ही महिलाओं की अस्मत लूटने को तैयार हो गए थे।


सारे कश्मीर की मस्जिदों में एक टेप चलाया गया। जिसमें मुस्लिमों को कहा गया की वो हिन्दुओं को कश्मीर से निकाल बाहर करें। उसके बाद कश्मीरी मुस्लिम सड़कों पर उतर आये। 


उन्होंने कश्मीरी पंडितों के घरों को जला दिया, कश्मीर पंडित महिलाओ का बलात्कार करके, फिर उनकी हत्या करके उनके "नग्न शरीर को पेड़ पर लटका दिया गया"। 


कुछ महिलाओं को बलात्कार कर जिन्दा जला दिया गया और बाकियों को लोहे के गरम सलाखों से दाग-दाग कर मार दिया गया। 


कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्टजो श्रीनगर के सौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम करती थी, का सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर हाथों और लातों से पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गयी।


कुछ वर्षों से कुछ महीनों तक की उम्र के बच्चों को उनकी माँओं के सामने स्टील के तार से पेड़ों पर लटका फाँसी दे कर मार दिया गया।


कश्मीरी #काफिर महिलाएँ पहाड़ों की गहरी घाटियों और भागने का रास्ता न मिलने पर ऊंचे मकानों की छतों से कूद कूद कर जान देने लगी।


लेखक #राहुल_पंडिता उस समय 14 वर्ष के थे। बाहर माहौल ख़राब था। मस्जिदों से उनके ख़िलाफ़ नारे लग रहे थे। पीढ़ियों से उनके भाईचारे से रह रहे पड़ोसी ही कह रहे थे, 'मुसलमान बनकर आज़ादी की लड़ाई में शामिल हो या वादी छोड़कर भागो'।


राहुल पंडिता के परिवार ने तीन महीने इस उम्मीद में काटे कि शायद माहौल सुधर जाए। राहुल आगे कहते हैं, "कुछ लड़के जिनके साथ हम बचपन से क्रिकेट खेला करते थे वही हमारे घर के बाहर पंडितों के ख़ाली घरों को आपस में बांटने की बातें कर रहे थे और हमारी लड़कियों के बारे में गंदी बातें कह रहे थे। ये बातें मेरे ज़हन में अब भी ताज़ा हैं।


1989 में कश्मीर में जिहाद के लिए गठित जमात-ए-इस्लामी संगठन का नारा था- 'हम सब एक, तुम भागो या मरो'। 


घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की बस्तियों में सामूहिक बलात्कार और लड़कियों के अपहरण किए गए। हालात और बदतर हो गए थे।


कुल मिलाकर हजारों की संख्या में काफिर महिलाओं का बलात्कार किया गया.. पच्चास-पच्चास मुस्लिमों द्वारा..

उनके पिताओं.. उनके भाइयों.. पतियों के सामने !!


आज आप जिस तरह दाँत निकालकर धरती के जन्नत कश्मीर घूमकर मजे लेने जाते हैं और वहाँ के लोगों को रोजगार देने जाते हैं। उसी कश्मीर की हसीन वादियों में आज भी सैकड़ों कश्मीरी हिन्दू बेटियों की बेबस कराहें गूंजती हैं, जिन्हें केवल इसलिए नोच-नोच कर खा लिया गया कि वे हिन्दू थीं।


घर, बाजार, हाट, मैदान से लेकर उन खूबसूरत वादियों में न जाने कितनी जुल्मों की दास्तानें दफन हैं जो आज तक अनकही हैं। घाटी के खाली, जले मकान यह चीख-चीख के बताते हैं कि रातों-रात दुनिया जल जाने का मतलब कोई हमसे पूछे कि धूप-दीप और हवन से सुवासित होने वाले दीवारो-दर आज बकरीद के खून के छींटों से दगे पड़े हैं। झेलम और वितस्ता का बहता हुआ पानी उन रातों की वहशियत के गवाह हैं जिसने कभी न खत्म होने वाले दाग इंसानियत के दिल पर दिए।


लखनऊ में विस्थापित जीवन जी रहे कश्मीरी पंडित रविन्द्र कोत्रू के चेहरे पर अविश्वास की सैकड़ों लकीरें पीड़ा की शक्ल में उभरती हुईं बयान करती हैं कि यदि आतंक के उन दिनों में घाटी की मुस्लिम आबादी ने उनका साथ दिया होता जब उन्हें वहां से खदेड़ा जा रहा था, उनके साथ कत्लेआम हो रहा था तो किसी भी आतंकवादी में ये हिम्मत नहीं होती कि वह किसी कश्मीरी पंडित को चोट पहुंचाने की सोच पाता लेकिन तब उन्होंने हमारा साथ देने के बजाय कट्टरपंथियों को अपने कंधों पर बिठाया और उनके ही #लश्कर में शामिल हो दसियों साल से "गंगा-जमुनी तहजीब" के नशे में डूबे हिन्दुओं को जी भर-भर लूटा !!


अभी हाल में ही आपलोगों ने टीवी पर "अबू बकर अल बगदादी" के जेहादियों को काफिर "यजीदी महिलाओं" को रस्सियों से बाँधकर कौड़ियों के भाव बेचते देखा होगा।


पाकिस्तान में बकरियों की तरह खुलेआम हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर सार्वजनिक रूप से मौलवियों की टीम द्वारा धर्मपरिवर्तन कर निकाह कराते देखा होगा। 


#बांग्लादेश से भारत भागकर आये हिन्दुओं के मुँह से महिलाओं के बलात्कार की हजारों मार्मिक घटनाएँ सुनी होंगी। 


यहाँ तक कि म्यांमार में भी एक काफिर बौद्ध महिला के बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुई हिंसा के भीषण दौर को देखा होगा।केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में आदम हवस से बजबजाती इस घिनौनी सोच ने मोरक्को से ले कर हिन्दुस्तान तक सभी देशों पर आक्रमण कर वहाँ के निवासियों को धर्मान्तरित किया, संपत्तियों को लूटा तथा इन देशों में पहले से फल फूल रही हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता का विनाश कर दिया। 


परन्तु पूरी दुनियाँ में इसकी सबसे ज्यादा सजा महिलाओं को ही भुगतनी पड़ी...

बलात्कार के रूप में ।


आज सैकड़ों साल की गुलामी के बाद और नराधमों के अनवरत कुसंग के चलते समय बीतने के साथ धीरे-धीरे ये बलात्कार करने की मानसिक बीमारी भारत के पुरुषों में भी फैलने लगी।


जिस देश में कभी नारी जाति शासन करती थीं, सार्वजनिक रूप से शास्त्रार्थ करती थीं, स्वयंवर द्वारा स्वयं अपना वर चुनती थीं, जिन्हें भारत में देवियों के रूप में श्रद्धा से पूजा जाता था आज उसी देश में छोटी-छोटी.. दुधमुंही.. देवी जैसी बच्चियों तक का बलात्कार होने लगा और आज इस मानसिक रोग का ये भयानक रूप हमें देखने को मिल रहा है। शेयर जरूर करें!!


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         इस्लाम मुक्त भारत......??? 

🙏🚩#जय_श्री_राम🚩🙏

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लेख जरूर पढ़ें... स्वयं को हिन्दू कहते हो तो

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स्वयं को हिन्दू कहते हो तो,

🚩🚩🙏🙏🚩🚩


90 करोड़ हिन्दूओ का झुण्ड 25 करोड़ असुरों से डर रहा है और अत्याचार सहन कर रहा है....

1 बेटा धर्म के लिए तैयार करो हिन्दूओ...

.स्वयं उसको धर्मादेश देकर आसपास रहने वाले असुर का वध करवाइए

 उसे अपने हाथों से चंदन तिलक व केसरिया साफा पहनाकर ढ़ोल थाली, गाजे बाजे के साथ स्वागत करते हुए जेल भेजिए....

संविधान लचर है, जमानत मिल जाएगी देर सवेर.....

जेल में भी रहेगा तो गर्व कीजिएगा कि तुम्हारी कोख ने एक सिंह,एक शेर को जन्म दिया है....


जब तक युवा पीढ़ी अपने धर्म की रक्षार्थ एक अतिरिक्त सन्तान पैदा करने की ओर नहीं तैयार होगी तब तक सनातन संस्कृति को सुरक्षित रखने के उपाय करने के लिए सरकार पर निर्भर रहना होगा.....

या तो स्वयं धर्मरक्षक सन्तान तैयार करो, या चुपचाप हिन्दू नेतृत्व को अपना काम उनके तरीके से करने दो.....


क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था के देश में आप जो सोच रहे हो कि ये कानून बना दो, उसे फांसी दे दो, उसे जान से मार दो, असूरों को समाप्त करने के काम तत्काल प्रभाव से कर दो....

यह सब कुछ लोकतांत्रिक व्यवस्था के देश में तत्काल प्रभाव से सम्भव है ही नहीं हिन्दूओ....


क्योंकि 25 करोड़ असूरों को 25 करोड़ राजनीतिक हिन्दूओ का संरक्षण प्राप्त हो गया है राजनीतिक दलों के कारण...

उनके हितों की रक्षा के लिए उनसे ज्यादा उनके पक्ष में विपक्षी दलों के हिन्दू खड़े हो जाते हैं संसद भवन में....

यहां तक कि सड़कों पर भी उनकी सुरक्षा संविधान के कारण हिन्दूओ की पुलिस व सेना के द्वारा निर्धारित कर दी जाती है...


ये व्यवस्था जानबूझकर अंग्रेजों ने मुसलमानों के साथ मिलकर 1947 में हिन्दूओ पर थोपी थी.....

ताकि हिन्दूओ से भारत में रह रहे कन्वर्ट मुसलमानों व कन्वर्ट ईसाइयों को व हिन्दुविरोधी 5-7करोड़(25 करोड़ दलितों में से)दलितों को संविधान द्वारा निर्धारित कानूनी प्रक्रिया से सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किया जाता रहे.....

संविधान कन्वर्ट मुसलमानों, कन्वर्ट ईसाइयों व पाकिस्तान को वोट डालने वाले 7%दलितों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार करवाया गया था, क्योंकि तत्कालीन दौर में भारत में कन्वर्ट मुसलमानों का नेतृत्व मोहनदास करमचंद गांधी कर रहा था, कन्वर्ट ईसाइयों का नेतृत्व जवाहर लाल नेहरू कर रहा था, और हिन्दुविरोधी 7%दलितों का नेतृत्व अम्बेडकर कर रहे थे...

इन्होंने जिन्ना,लार्ड माउंटबेटन व शेख मुजीबुर्रहमान के साथ मिलकर हिन्दूओ को काबू में रखने के कानून लिखवाए...

और उसे संविधान का नाम दिया.....


संविधान हिन्दूओ का है ही नहीं हिन्दूओ........


अगर इस संविधान का इस्तेमाल करना चाहते हो तो अत्याचारों के विरुद्ध पहला हमला स्वयं की तैयार की गई सुरक्षा धर्मरक्षक योद्धाओं की ओर से करना प्रारंभ करो...

असूरों को मारकाट कर उत्सव मनाओ....

गाजे बाजे के साथ, ढ़ोल थाली बजाकर उन धर्मरक्षक योद्धाओं को जेल भेजने का कार्यक्रम करो....

उनके लिए वकील खड़े करो, उनकी जमानतें करवाओ और उनके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करो...


धर्म की रक्षा के लिए इकोसिस्टम बनाओ हिन्दूओ......

तभी असूरों को काबू में रख पाओगे.....

असूरों ने राजनीतिक दलों के साथ मिलकर अपना इकोसिस्टम1947 में ही बना लिया था और उसके हिसाब से ही असुर पूरे देश में हिन्दूओ पर हमले कर रहे हैं और उनके जेहादियों को वकील मुहैया कराने के बाद जिहादी के परिवार को आर्थिक सहायता व संरक्षण देने का काम करते हैं...


हिम्मत है तो बनाओ अपना क्षेत्रीय इकोसिस्टम....

हिम्मत नहीं है तो चुपचाप अपने काम धंधे करो, बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाओ, पैसा कमाओ, विदेश घूमो, मंदिरों में कथापण्डालों में ठुमके लगाओ, बहन बेटियों को फूहड़ता सिखाओ, उन्हें मॉर्डन बनाओ, कोठी बंगले बनाओ, महंगी गाडियाँ खरीदो,खाओ पीओ और मौज उड़ाओ....


मरना तो तय है मौत से मरो या असूरों के हाथ से.....

बहन बेटियों को असुरों की मेहरबानी पर छोड़ दो, जब तक मन नहीं करेगा असूरों का, तब तक तुम्हारी बहन बेटियां मेकअप करेगी, अधंनग कपड़े पहनेगी, सरकारी नौकरी करेगी, प्राइवेट नौकरी करेगी, स्कूल कालेज जाएगी और जब असूरों का मन करेगा वो उसे तुम्हारे घरों में से, स्कूलों में से, गली मोहल्ले में से, कालेज में से, अस्पताल में से, पब्लिक पार्कों में से, सड़कों पर से, कहीं से भी उठा ले जाएगा.....

5-10असुर मिलकर बारी बारी सामुहिक बलात्कार करके अपनी हवस की भूख मिटायेंगे और फिर नोच नोच कर उसका बदन चाटेंगे, चूमेंगे और दांतों से काटेंगे... जब सब असुर मन भर कर उसका बलात्कार कर कर के थक चुके होंगे तो उसको या तो बेहोशी की हालत में ही जिंदा जला देंगे या टुकड़े टुकड़े करके सिर कहीं और धड़ कहीं फेंक देंगे या तुम्हारी बहन बेटियों की न्नगी लाश किसी नाले में या सड़क किनारे फेंक कर अपने प्रॉफिट को सबाब देने चले जाएंगे....

पुलिस गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में जज साहब के सामने ले जाएगी और जज साहब उन्हें जेल भेज देंगे....

तारीख पर तारीख दी जाती रहेगी और असुर संविधान के द्वारा निर्धारित व्यवस्था से बरसों तक सरकारी खर्च पर जीवित रहते रहेंगे ..जेल में उसे कोई हिन्दू छू भी नहीं सकेगा....

जज साहब (अपने परिवार की असूरों से सुरक्षा के डर से)की मेहरबानी से वो अधिक से अधिक उम्रकैद की सजा पायेगा....

जज साहब उसे फाँसी दे ही नहीं सकते... क्योंकि जज साहब को भी डर लगता है कि असूरों का इकोसिस्टम जज साहब की बेटी के साथ भी सामुहिक बलात्कार करवा सकता है....


वकील साहब को भी अपनी बहन बेटी की चिंता है ठीक उसी प्रकार बड़े पुलिस अधिकारियों व नेताओं को भी अपनी बहन बेटियों की असूरों से बचाए रखने की चिंता लगी हुई है...


हिन्दूओ तुम्हारी रक्षा के लिए पुरखों ने साधु संतों व सन्यासियों को भी जिम्मेदारी सौंपी थी...

परंतु वर्तमान समय के साधु संत, मठाधीश, महंत व शुक्राचार्य व शंकराचार्य सब के सब राजनीतिक दलों के संरक्षण के सहारे ही अपने अपने सिंहासन पर बैठे हैं क्योंकि अकूत धन अर्जित कर लिया है इन तथाकथित भगवाधरियों ने भी, फाइव स्टार आश्रम व्यवस्था में लीन ये योगी से भोगी बन चुके हैं इन्हें भी राजनीतिक दलों के द्वारा ED,CBI,इनकम टैक्स विभाग की कार्यवाही व चेलियों के साथ रंगरेलियां मनाते सबूतों के सार्वजनिक होने के डर के कारण बिल्कुल मौन धारण कर चुके हैं....


वर्तमान समय के हिन्दूओ.....

तुम्हारा रक्षक कोई नहीं है......

सब कहीं न कहीं से दबाव में आये हुए हैं.....

भारत में जाग्रत हिन्दूओ की संख्या 30 से 50 करोड़ के बीच में है वर्तमान समय में.....

जबकि हिन्दुविरोधी ताकतों की संख्या 70 से 90 करोड़ के लगभग है....

हरेक चुनावों में इनमें 10-20करोड़ वोटर इधर उधर होते रहते हैं....

राजनीतिक दलों का एक बड़ा वोटबैंक हिन्दुविरोधी ताक़त का है इस कारण कोई भी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल खुलकर हिन्दूओ के लिए तैयार नहीं हो पाता है......


BJP में भी 90%नेता सेकुलर हैं और सेकुलर गिरोह के लिए काम करते रहते हैं....

10% BJP नेता ही मोदी योगी के साथ खड़े हैं हिंदुहितकारी बनकर....

इतने से राजनीतिक हिन्दूओ से इस संविधान का बाल भी बाँका करना तुम हिन्दू जितना सोचते हो उतना आसान नहीं है हिन्दूओ......


सब ओर से असुरक्षित हो हिन्दूओ तुम वर्तमान समय में....

कैंडल मार्च निकालने की मानसिकता त्यागो,

वी वान्ट जस्टिस का चुतियापा त्यागो....


न्याय मांगने से मिल जाये,ऐसा संविधान बनाया ही नहीं गया था1947 में.....

राम व कृष्ण की तरह न्याय करो हिन्दूओ.....

राम व कृष्ण की तरह अपने आसपास की धर्म शक्तियों को संगठित करते हुए धर्मयुद्ध की तैयारियां शुरू करो....

अधर्मी तो चारों युगों में बलशाली ही रहा है......

रावण सेना सहित राम व वानरदल से अधिक महाशक्तिशाली था कि नहीं?

दुर्योधन कौरवों सहित व कृष्ण की नारायणी सेना सहित महाशक्तिशाली था कि नहीं?


फिर भी राम ने वानरों की अगुवाई में, और कृष्ण ने पांडवों की अगुवाई में धर्मयुद्ध लड़ा था कि नहीं लड़ा था?


विजय किसकी हुई.... यह हिन्दूओ को जरूर ज्ञात है....

धर्मयुद्ध में मानवक्षति उठानी पड़ती है हिन्दूओ....

पांडवों ने भी उठाई थी.....


मानवक्षति के लिए तैयार हो जाओ हिन्दूओ.....

धर्म की रक्षा के लिए एक सन्तान तैयार करो हिन्दूओ......


अगर नहीं कर सकते हो तो चुपचाप मोदी-योगी को उनका काम करने दो.....


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हिन्दूधर्मध्वजावाहक

🚩🚩🙏🙏🚩🚩

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DID ANYONE NOTICE THE EIGHT BIG STEPS TAKEN IN 10 DAYS BY THE MINISTRY OF HOME AFFAIRS IN J&K ?

 *DID ANYONE NOTICE THE EIGHT BIG STEPS TAKEN IN 10 DAYS BY THE MINISTRY OF HOME AFFAIRS IN J&K ?*


1. 5 Lakh Hindu-Sikh Families Became Jammu & Kashmir Domiciles.


2. All Perks / Facilities Withdrawn From Omar Abdullah & Mehbooba.


3. Kashmir Lost Control Over All Universities Including Jammu & Kashmir National Law University.


4. Kashmir Lost Control Over Hindu Shrines.


5. Competent Authority Empowered To Take Suo Moto Notice And Evict Encroachers From Properties Hindus Left Behind In Kashmir In 1990.


6. Kashmir Lost Control Over All Golf And Other Clubs In J&K.


7. Role Of Kashmir (CM) In University Affairs Reduced To Zero.


8. Legal Protection Granted To Anti-Nationals In J&K 42 Years Ago revoked

Now, Those Facing Public Safety Act, 1978, Can Be Put In Any Jail Outside J&K.


9. No Secretariat Move for Now From Jammu To Kashmir Or Secretariat Will Continue To Function In Jammu.


Some more additions :

1.  All facilities withdrawn from all ex CM’s including Farooq, Omar, Azad, Mehbooba including accommodation and vehicles. 

2.  All Universities now directly controlled by New Delhi and curriculum in these universities to be modified away from being Kashmir centric. 

3.  Hindu shrines were always controlled by the Dharmath Trust or respective Shrine Boards. Now these boards report directly to Home Ministry. But that is not all. Now even J&K Waqf Board (Auqaf) has been taken over by New Delhi and all its assets, which till now were created by contributors and niyaz from Kashmiri Muslims, have been taken over by New Delhi and will be controlled by them. 

4.  New Delhi has empowered local administration to evict locals from properties they might have purchased from Pandits. Sale deeds could be nullified. 

5.  Not only golf courses but all forest lands and tourist development authorities are now directly controlled by New Delhi. They can issue, allot, lease or provide prime land and facilities to anybody from India now. 

6.  J&K CM has been reduced to number 15 on the Warrant of Precedence from earlier 7. 

All nominations of J&K CM from Universory boards or Waqf boards has been removed. 

7.   All Kashmiri IAS officers have been posted in less important positions, while non local officials are running the  administration from Jammu. 

8.   Land banks of thousands of kanals have been indefinite and earmarked in different districts of Kashmir to be allotted to non state subjects in the name of ‘investment and industry’.


*We were Wondering WHY Home Minister is So Quiet. He Silently Enforced These Actions In J&K.*


Hats off... really hats off!!!!

Thursday, August 29, 2024

*लड़का एक पैदा करेंगे,* *कोठी 04 बनाएंगे

 *लड़का एक पैदा करेंगे,*

*कोठी 04 बनाएंगे,*

*फिर*

*झाडू पौछा औऱ घर में काम वाली बाई रेहाना औऱ नफीसा को रखेंगे*


*साइकिल, स्कूटर औऱ कार क़ी मरम्मत कल्लन औऱ मुश्ताक से करवायेंगे*


*बाल व दाढ़ी जुम्मन मियाँ से बनवाएंगे*


*दूध रफीक औऱ शफीक से लेंगे*


*कपडे हुसैन और महबूब से सिलवाएंगे*


*नफीस के प्रेस में शादी का कार्ड छपवायेंगे*


*मेहंदी सहनवाज और शान मोहमद से लगाएंगे*


*आजाद का 50 हजार का बैंड बजवाएंगे,*


*मुनव्वर की आतिशबाजी छुड़वाएंगे,*


*बग्गी रईस की करेंगे,*


*टेंट रशीद का करेंगे,*


*बस खालिद भाई की करेंगे,*


*नाई फरीद को बुलाएंगे,*


*फिर अपनी लुगाइयों को आधे कपड़े पहना कर उनके बीच में सड़कों पर ठुमके लगवाएंगे,*


*फिर दारू पीकर 100,200, 500, 2000 हजार रू० के नोट बरसाएंगे,*


*Social Media पर जिहाद जिहाद चिल्लाएंगे, बढ़ती मुस्लिम आबादी का शोर मचाएंगे,*

*बन्द करो यह फालतू का रोना धोना,अगर हिंदुत्व की वास्तव में चिंता करते हो तो*

 *यह प्रतिज्ञा करो कि हिन्दू विरोधी को आज से कोई भी आर्थिक लाभ नहीं देंगे,* 


*जब किसी मुस्लिम फकीर के पास न जमीन है न नौकरी फिर वह कैसे 14 बच्चे पाल रहा है क्योंकि तुम रोज उसकी झोली में 50 किलो आटा भर देते हो, इस आटे को खाकर ही वह 14 बच्चे बनाता है व रोज गाय का मांस लाता है*

*मुस्लिम आबादी का 05% प्रतिशत भाग फकीरों का है यानि देश में एक करोड़ जिहादियों की आबादी हमारे दिए आटे से पल व बढ़ रही है।*

*कल से इन जिहादियों को केवल भीख देनी ही बन्द करके देख लो न आबादी बढ़ा पाएंगे न जिहाद चला पाएंगे*

*देश की दुर्दशा का प्रमुख घटक खुद हिंदू है*


*मकान बनाओगे कलीम से*

*प्लंबर होगा अनीश*

*इलेक्ट्रीशियन होगा फारुख*

*कारपेंटर होगा सलीम*

*अगर ऐसे ही इन जिहादियों को रोजगार देते रहोगे तो कुछ वर्षों के बाद सिवाय हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं  बचेगा।*

*जागो हिन्दू जागो*

*अभी नहीं तो फिर कभी नहीं*🌺नारायण🌺🙏🏻

लंदन के बस चालक का जवाब सुनिए... रोचक लेकिन सच्ची घटना*


*एक अरब मुस्लिम लन्दन में एक बस में चढ़ा और उसने बस चालक से अनुरोध किया कि "बस में बज रहे पाश्चात्य संगीत (Western Music) को तत्काल बन्द कर दे।"*


*बस चालक ने इसका कारण पूछा तो अरब मुस्लिम ने कहा कि "इस्लाम की शिक्षा के अनुसार संगीत सुनना हराम है क्यूँ कि प्यारे नबी के समय संगीत नहीं था और विशेष रूप से पाश्चात्य संगीत।"*


*बस चालक ने विनम्रतापूर्वक रेडियो बन्द कर दिया!*

*बस का दरवाज़ा खोला और अरब मुस्लिम को बस से नीचे उतर जाने का निवेदन किया!*


*अरब मुस्लिम ने इसका कारण पूछा।*

*बस चालक ने विनम्रता से उत्तर दिया - "हे अरबी भाई! प्यारे नबी के समय कोई टेक्सी नहीं थी, कोई बस नहीं थी, कोई बम नहीं थे, हवाई जहाजों का अपहरण करने वाले नहीं थे, मस्जिद में शोरगुल मचाने वाले लाउडस्पीकर नहीं थे, कोई आत्मघाती हमले नहीं होते थे, आर डी एक्स नहीं था, AK 47 नहीं थी, सर्वत्र केवल शान्ति थी।*


*इस्लामियत के नाम पर दोहरी चाल कहीं और जाकर चलाओ।*  *चुपचाप नीचे उतर जाओ और गंतव्य तक पहुँचने के लिए ऊँट का इन्तजार करो.*..!!...

:🙏आज लिखना मेरी मजबूरी है,और पढ़ना आपको जरूर  चाहिए 🙏


 *नानक से पहले कोई सिक्ख नहीं था!*


जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था! 


 *मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था!*


 ऋषभदेव से पहले कोई जैनी नहीं था! 


*बुद्घ से पहले कोई बौद्ध नहीं था!*


 कार्ल मार्क्स से पहले कोई वामपंथी नहीं था! 


लेकिन :

*कृष्ण* से पहले *राम...* 

*राम* से पहले *जमदग्नि...*

*जमदग्नि* से पहले *अत्री...*

*अत्री* से पहले *अगस्त्य ...*

*अगस्त्य से पहले पतंजलि...*

*पतंजलि* से पहले *कणाद...*.

*कणाद* से पहले *याज्ञवल्क्य...*.

*याज्ञवलक्य* से पहले...  

सभी *"सनातन वैदिक"* धर्मी थे..!


 *"राजनीतिक शतरंज" की इन -"11चालों" को, ध्यान से -"देखें और समझें" ....?*


*01*. 

*"मुगल", "भारतीय" बन गए...? और, "भारतीय., "काफ़िर"..*


*02*. 

"मोमिन", "कश्मीरी" बन गए... ?

और, "कश्मीरी पंडित", "शरणार्थी"....?


*03*. 

"बांग्लादेशी"- "बंगाली" बन गये....?

और, "बंगाली", "बाहरी हिन्दू" .....?


*04*. 

*"सैनिको" के "हत्यारे" और

"पत्थर बरसाने वाले"....*

"आंदोलनकारी" बन गए.....? और,"सेना", 

"मानवाधिकार उल्लंघनकारी"....?*


*05*. 

*"टुकड़े- टुकड़े गैंग", "देशभक्त" बन गया...?*

और, "देशभक्त", 

"ब्रांडेड कट्टर अतिवादी ......?*


*06*. 

"चिता की लकड़ी", 

"पर्यावरणीय चिंता" बन गई.....

और, "दफनाने" में "बर्बाद होने वाली भूमि", 

"जन्मसिद्ध अधिकार" हो गई.....?


*07*. 

"राखी" में इस्तेमाल किया गये

-"ऊन" से, "भेड़" को "चोट" पहुंची..? और

* "बकरीद" में -"हजारों बकरियों" का "कत्ल",

"धार्मिक स्वतंत्रता" बन गया....?*


*08*. 

"तुष्टिकरण", "धर्मनिरपेक्ष" हो गया.....?

जबकि, "समानता", "कम्यूनल" हो गई....?


*9*. 

"आरएसएस", "आतंकवादी" बन गया...?

और, "ओसामा जी"..., "हाफिज साहेब"..., और -"हुर्रियत", 

"शांति के शिखर"......


*10*. 

*“भारत माता की जय”*,

"सांप्रदायिक" हो गया....?और,

“भारत तेरे टुकडे होंगे”,

*"फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन हो गया"....?*


*11*.“फूट डालो राज करो” ,"नियम" बन गया.... ?और.., 

*“सबका साथ सबका विकास” "जुमला"..*?


ज़रा "सोचो"...? और "समझो"...  कि


*"आखिर" एक - "हिन्दू बहुल देश" में ....,*

"ये सब" हुआ कैसे...??? 


सिर्फ पढ़ोगे ? 

या फारवर्ड भी करोगे ?  

नहीं ना???


मुझे पता था


*"हिन्दू" जो "ठहरे"...?*!!!


ऐसे ही सोए रहे .....? तो - 

पता भी नही चलेगा..?, 

"कब"... 

"आतंकी देश" के "नागरिक" बन गए...?


*" हिंदू" होने के नाते, मेरी -"आप" से "विनती" है, कि कम से कम "10 लोग", अथवा -"ग्रुप" में अवश्य भेजिए।* 


यह अथक प्रयास से सारी जानकारी को इकट्ठा किया गया है। इसे अपने तक ना रखे सभी हिन्दू भाइयो के व्हाट्सएप के ग्रुप तक पहुचाने में उंगलियों को काम पर लगाए  ।

जय श्री राम 🚩🚩🚩🕉️

*भविष्य में न बीजेपी होगी, न टीएमसी, न कांग्रेस, न राइट या लेफ्ट* इस्लाम भारत का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है

 *भविष्य में न बीजेपी होगी, न टीएमसी, न कांग्रेस, न राइट या लेफ्ट* इस्लाम भारत का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है


     *100% सटीक जानकारी चेतावनी: -* भारत गहरी नींद में है, सऊदी अरब के प्रोफेसर नासिर बिन सुलेमान उल उमर कहते हैं

       *सऊदी अरब के प्रोफेसर नासिर बिन सुलेमान उल उमर ने कहा है कि भारत गहरी नींद सो रहा है.  इस्लाम तेजी से बढ़ रहा है, हजारों मुसलमानों ने पुलिस, सेना, नौकरशाही आदि में घुसपैठ की है और प्रमुख संगठनों से संबंधित हैं, इस्लाम भारत में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।*

       आज भारत भी विनाश के कगार पर है।  जिस तरह किसी देश को उभरने में दशकों लग जाते हैं, उसी तरह उसे खत्म होने में भी वक्त लगता है।

       *भारत रातोंरात खत्म नहीं होगा।  इसे चरणों में हटाया जाता है।  हम मुसलमान इसे बहुत गंभीरता से कर रहे हैं।  भारत बर्बाद है।*

       भारत में प्रतिदिन लगभग 65,000 बच्चे जन्म लेते हैं।  इनमें से लगभग 40,000 मुस्लिम बच्चे हैं और लगभग 25,000 हिंदू और अन्य धर्मों के बच्चे हैं।  यानी जन्म दर कुल मुस्लिम आबादी का लगभग 20% है!!!  अभी पैदा हुए बच्चों में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और हिंदू अल्पसंख्यक हैं।  इस दर से, भारत में 2050 तक मुस्लिम बहुमत होगा।

       *भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि भारत जल्द ही दंगों की आग प्रज्वलित करेगा।  हम मुस्लिम हिंदुओं को मारेंगे और खत्म करेंगे।  आज, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुसलमानों की आबादी लगभग 20% है, लेकिन वास्तव में वे 25% से अधिक हैं।*

       आधिकारिक आंकड़े गलत हैं क्योंकि वहाबी मुसलमान जानबूझकर सही संख्या छिपाते हैं और इस बढ़ती आबादी को काफिर हिंदुओं को अज्ञानता में रखने के हथियार के रूप में दर्ज नहीं करते हैं।

       *भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बहुत सारे घोटाले चल रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हिंदू अभी भी गहरी नींद में हैं।*

      सवाल उठता है कि हिंदुओं ने कश्मीर से सबक क्यों नहीं सीखा, जहां हिंदुओं को अपनी संपत्ति और सभी महिलाओं और लड़कियों को छोड़ना पड़ा।

      *भारत में धर्मनिरपेक्षता तब तक है जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं और उन्हें नहीं पता कि अल्प संख्यक होने पर उनका क्या होगा ????*

      ये मूर्ख हिंदू पाकिस्तान और बांग्लादेश में नास्तिकों के आंकड़ों को भी नहीं समझते हैं।  "

      *हिन्दू कभी नहीं बोलता, शांत रहता है, उच्च नैतिक पद धारण करता है...*

      पाकिस्तान और बांग्लादेश या कश्मीर...उदाहरण के लिए हिंदुओं का विनाश निश्चित है।

      *केरल, बंगाल, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद और अन्य राज्यों के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए, मुस्लिम क्षेत्रों से हिंदू उपनिवेशों में पलायन करने वाले अधिक काफिर हैं।*

       कभी ऐसे इलाके में मत जाना जहां आपके शहर में मुसलमान हों, आप उनकी आंखों के बीच अपनी सांस रोक कर रखें!

      *जाम्बिया और मलेशिया भी इसके उदाहरण हैं।*

       मुस्लिम बहुमत के आने के बाद इस धर्मनिरपेक्ष देश को इस्लामिक देश घोषित कर दिया गया।

       *लंदन, स्वीडन, फ्रांस और नॉर्वे में दैनिक हिंसा के उदाहरण हैं।"*

      क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हो रहा है?  कौन क्या करना चाहता है ??

      *लोगों में ऐसा डर पैदा करना और उनके दिल में ऐसा डर पैदा करना शांतिदूतों की चालाकी का हिस्सा है, बोलने की हिम्मत मत करो!  नमाज़ के नाम पर दिन में 5 बार मस्जिद में जमा होते हैं और आपके ख़िलाफ़ षडयंत्र रचने वाले इन लोगों को ना समझें !!  !!  वह कसम खाता है और आपको दिन में 5 बार मारने का फैसला करता है .....!!!*

       इसलिए आंख और मुंह बंद करना फायदेमंद नहीं है।  अब समय आ गया है कि अपनी आंखें और मुंह खोलें और लोगों में जागरूकता बढ़ाएं

      *कम समय !!!!  सोचो और समझो।*

       श्री अग्रवाल ने अपने नौकर अब्दुल से पूछा- मेरे 2 बच्चे हैं और मुझे उनके भविष्य की चिंता है, लेकिन आपके 12 बच्चे हैं और आपको अभी तक चिंता नहीं है।

      *अब्दुल्लाः 25 साल बाद मेरे 12 बच्चे तुम्हारी दुकान संभालेंगे.  तुम सिर्फ हमारे लिए कमाते हो, तो मैं क्यों परवाह करूं।  यह उसका मूड है।*

      सियालकोट, लाहौर, गुजरांवाला, करंजी जैसे हिंदुओं द्वारा बनाए गए बड़े किले हमारे लिए बनाए गए थे।  स्वतंत्र भारत में भी कश्मीरी हिंदुओं ने कश्मीर में हमारे लिए बड़े किले बनवाए और अंत में हमने उन पर हमला किया और हमें आपकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

      *इस सच्चाई को हर हिंदू भाई तक पहुंचाएं।  अपनी आँखें खोलो और अपने कान साफ करो और सबको देखो।*


      इसे अपने फोन के सभी व्हाट्सएप नंबरों के साथ शेयर करें और हर हिंदू को भेजे,

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Wednesday, August 28, 2024

ट्रेन में दूसरों के सर पर भी पैर रख कर निकल जाने को तैयार आप, बीच रास्ते में अमाज़ के लिए बिछाई गयी चटाई को देखते ही पेशाब रोक कर बैठ जाते हैं, या लांग जम्प मार के इस तरह निकलते हैं कि चटाई का कोना

 ट्रेन में दूसरों के सर पर भी पैर रख कर निकल जाने को तैयार आप, बीच रास्ते में अमाज़ के लिए बिछाई गयी चटाई को देखते ही पेशाब रोक कर बैठ जाते हैं, या लांग जम्प मार के इस तरह निकलते हैं कि चटाई का कोना भी आपसे छू न जाये ।

तो इसलिए नहीं कि आप बड़े धैर्यवान और सहिष्णु हैं ।

बल्कि इसलिए कि अमाजी को देखकर आपकी पूँछ आपके पैरों के बीच आ जाती है ।


भीड़ भरी सड़कों पर भी फर्राटा भरती आपकी बाइक या गाड़ी शांतिप्रिय बस्ती के पास जाते ही रेंगने लगती है और लोगों की जान की परवाह न करने वाले आप वहाँ मुर्गियों और बकरियों तक की जान की परवाह करने लगते हैं ।

तो इसलिए नहीं कि आप बड़े संस्कारी, नियम पालन करने वाले और अनुशासनप्रिय हैं ।

बल्कि इसलिए कि ऐसी बस्ती के पास पहुँचते ही आपकी जान हलक में आ जाती है।


पुलिस वालों से भी मुँहचावर करने में कभी पीछे ना रहने वाले आप किसी से बहस होने पर चार गोल टोपी वालों के जुटते ही वहाँ से रफूचक्कर होने के रास्ते तलाशने लगते हैं ।

तो इसलिए नहीं कि आप बड़े सभ्य, लड़ाई झगड़ों से दूर रहने वाले, शांतिप्रिय व्यक्ति हैं ।

बल्कि इसलिए कि उनको देखते ही आपकी फट के फ्लावर हो जाती है ।


अपने धर्म की हर छोटी बड़ी बात का मज़ाक होते देख भी आनंद उठाने वाले आप शांतिदूतों' के सामने जब सब धर्मों की अच्छाई का गुणगान करते हुए उसके द्वारा अपने मजहब की 'अच्छाइयों' को बताने पर हाँ में हाँ मिलाने लगते हैं ।

तो इसलिए नहीं कि सच में आप धर्मों को लेकर संवेदनशील हैं ।

बल्कि इसलिए कि उसकी किसी गलत बात का विरोध करने के नाम पर भी आपके पसीने छूट जाते हैं।


किसी शोभायात्रा के समय अपनी कार या बाइक से हॉर्न बजा बजा कर रास्ता बनाने की कोशिश करते आप मुहर्रम के जुलूस में बाइक और गाड़ी चुपचाप किनारे खड़ी कर जब सब सम्प्रदायों के सम्मान की बात का ढोल पीटते हैं

तो इसलिए नहीं कि आप सच में बहुत विनयी प्रकृति के व्यक्ति हैं ।

बल्कि इसलिए कि उस जुलूस में छाती पीटते और सर पर ट्यूबलाइट्स फोड़ते खूनखच्चर लोगों को देख आपकी हवा टाइट हो गयी होती है ।


विचार करियेगा......


ये सच्चाई है और हम सब आज डर में जीने के लिए मजबूर हैं..!


और अगर वो किसी से डरते हैं तो वो बस एक ही पार्टी है और एक ही व्यक्ति है ।


नाम लेने की मुझको जरूरत है क्या ?.....


सोच बदलो तब देश बदलेगा ......

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एक बेटी और एक बेटा होगा तो

 एक बेटी और एक बेटा होगा तो


बेटी भाग जाएगी जिहादी के साथ और बेटा नशा करने में है ही बर्बाद जिहादी बेटे को भी मार के फ़ेक देगा 


इसलिए संख्या बड़ाओ हिन्दूयों जनसंख्या नियंत्रण क़ानून नहीं चाहिए हिन्दू जैन बौद्ध सिख सब संख्या बड़ाओ क्योंकि क़ानून अगर आ गया तो सिर्फ़ हिंदू ही मानेंगे जिहादी नहीं ,


अभी भी बहुत से क़ानून बने पड़े हैं जो सिर्फ़ हिंदू ही मानते हैं जिहादी नहीं, क्योंकि अब सिर्फ़ राष्ट्रधर्म ही नहीं घर परिवार के साथ बहन बेटी को भी बचना है जो की हिन्दू की संख्या बड्ने से ही बच पाएगा हिन्दूयों की नस बंधी बंद करो नहीं तो देश फिर से ग़ुलाम हो जाएगा 


जिहादियों का, और सोचो अगर सर्फ़ एक बेटी बेटा रहेगा तो क्या वो राष्ट्रधर्म की रक्षा हेतु कार्य कर पाएगा या घर परिवार देखेगा दोनो कार्य एक साथ नहीं हो सकते और करना चाहा भी तो दोनो कमो में 100% नहीं दे पाएगा , किसी और का नहीं मैं अपना खुद का उदाहरण दे रहा हूँ


 मैं अपने घर में एक अकेला लड़का हूँ और मुझे बहुत दुःख होता है अगर दो चार भाई बहन होते तो राष्ट्रधर्म का कार्य को 100% दे पाता सन्नेयस ले कर या आर्मी में जा कर और सोचो जिस तरह से मिल्ले जिहादियों की संख्या बड़ रही है आने वाले समय में जिहादी ही जाएँगे आर्मी में भी क्योंकि हिन्दूयों का तो सिर्फ़ एक लड़का लड़की होंगी , और अगर एसा हुआ तो भारत पे फिर से जिहादियों का इस्लामिक राज होगा देश बनेगा तालिबान और फिर ना कोई मोदी ना योगी ना कोई संगठन काम आएगा॥ जाग जाओ रे हिन्दूयों बड़ाओ अपनी संख्या ॥


जाग जाओ रे हिंदूयों।।

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28 अगस्त/जन्म-दिवस प्रथम प्रचारक : बाबासाहब आप्टे

 28 अगस्त/जन्म-दिवस

प्रथम प्रचारक   : बाबासाहब आप्टे


28 अगस्त, 1903 को यवतमाल, महाराष्ट्र के एक निर्धन परिवार में जन्मे उमाकान्त केशव आप्टे का प्रारम्भिक जीवन बड़ी कठिनाइयों में बीता। 16 वर्ष की छोटी अवस्था में पिता का देहान्त होने से परिवार की सारी जिम्मेदारी इन पर ही आ गयी।


इन्हें पुस्तक पढ़ने का बहुत शौक था। आठ वर्ष की अवस्था में इनके मामा ‘ईसप की कथाएँ’ नामक पुस्तक लेकर आये। उमाकान्त देर रात तक उसे पढ़ता रहा। केवल चार घण्टे सोकर उसने फिर पढ़ना शुरू कर दिया। मामा जी अगले दिन वापस जाने वाले थे। अतः उमाकान्त खाना-पीना भूलकर पढ़ने में लगे रहे। खाने के लिए माँ के बुलाने पर भी वह नहीं आया, तो पिताजी छड़ी लेकर आ गये। इस पर उमाकान्त अपनी पीठ उघाड़कर बैठ गया। बोला - आप चाहे जितना मार लें; पर इसेे पढ़े बिना मैं अन्न-जल ग्रहण नहीं करूँगा। उसके हठ के सामने सबको झुकना पड़ा।


छात्र जीवन में वे लोकमान्य तिलक से बहुत प्रभावित थे। एक बार तिलक जी रेल से उधर से गुजरने वाले थे। प्रधानाचार्य नहीं चाहते थे कि विद्यार्थी उनके दर्शन करने जाएँ। अतः उन्होंने फाटक बन्द करा दिया। विद्यालय का समय समाप्त होने पर उमाकान्त ने जाना चाहा; पर अध्यापक ने जाने नहीं दिया। जिद करने पर अध्यापक ने छड़ी से उनकी पिटाई कर दी।


इसी बीच रेल चली गयी। अब अध्यापक ने सबको छोड़ दिया। उमाकान्त ने गुस्से में कहा कि आपने भले ही मुझे नहीं जाने दिया; पर मैंने मन ही मन तिलक जी के दर्शन कर लिये हैं और उनके आदेशानुसार अपना पूरा जीवन देश को अर्पित करने का निश्चय भी कर लिया है। अध्यापक अपना सिर पीटकर रह गये।


मैट्रिक करने के बाद घर की स्थिति को देखकर उन्होंने कुछ समय धामण गाँव में अध्यापन कार्य किया; पर पढ़ाते समय वे हर घटना को राष्ट्रवादी पुट देते रहते थे। एक बार उन्होंने विद्यालय में तिलक जयन्ती मनाई। इससे प्रधानाचार्य बहुत नाराज हुए। इस पर आप्टे जी ने त्यागपत्र दे दिया तथा नागपुर आकर एक प्रेस में काम करने लगे। इसी समय उनका परिचय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार से हुआ। बस फिर क्या था, आप्टे जी क्रमशः संघ के लिए समर्पित होते चले गये।


पुस्तकों के प्रति उनकी लगन के कारण डा. हेडगेवार उन्हें ‘अक्षर शत्रु’ कहते थे। आप्टे जी ने हाथ से लिखकर दासबोध तथा टाइप कर वीर सावरकर की प्रतिबन्धित पुस्तक ‘सन 1857 का स्वाधीनता संग्राम’ अनेक नवयुवकों को पढ़ने को उपलब्ध करायीं। उन्होंने अनेक स्थानों पर नौकरी की; पर नौकरी के अतिरिक्त शेष समय वे संघ कार्य में लगाते थे।


संघ कार्य के लिए अब उन्हें नागपुर से बाहर भी प्रवास करना पड़ता था। अतः उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूरा समय संघ के लिए लगाने लगे। इस प्रकार वे संघ के प्रथम प्रचारक बने। आगे चलकर डा0 जी उन्हें देश के अन्य भागों में भी भेजने लगे। इस प्रकार वे संघ के अघोषित प्रचार प्रमुख हो गये।


उनकी अध्ययनशीलता, परिश्रम, स्वाभाविक प्रौढ़ता तथा बातचीत की निराली शैली के कारण डा. जी ने उन्हें ‘बाबासाहब’ नाम दिया था। दशावतार जैसी प्राचीन कथाओं को आधुनिक सन्दर्भों में सुनाने की उनकी शैली अद्भुत थी। संघ में अनेक दायित्वों को निभाते हुए बाबासाहब आप्टे 27 जुलाई, 1972 (गुरुपूर्णिमा) को दिवंगत हो गये।

*मेडिकल किडनैपिंग* ये होती है

 *मेडिकल किडनैपिंग* ये होती है ---- 

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अभिनव वर्मा की माँ ,जो सिर्फ 50 बरस की थीं , पेट में दर्द उठा ,नज़दीक ही फोर्टिस अस्पताल बनेरघट्टा, बंगलौर है ! डा कनिराज ने माँ को देखा और अल्ट्रा साउंड कराने को कहा ! फोर्टिस में ही अल्ट्रा साउंड हुआ और डा कनिराज ने बताया कि गाल ब्लैडर में पथरी है ! एक छोटा सा ऑपरेशन होगा,माँ स्वस्थ हो जाएंगी ! अभिनव माँ को घर लेकर आ गए और पेन-किलर के उपयोग से दर्द खत्म भी हो गया !!

कुछ दिन बाद अभिनव वर्मा को फोर्टिस से फोन कर डा कनिराज ने हिदायत दी कि यूँ पथरी का गाल ब्लैडर में रहना खतरनाक होगा,अतः अभिनव को अपनी माँ का ऑपरेशन तुरंत करा लेना ज़रूरी है ! अभिनव जब अपनी माँ को फोर्टिस बंगलौर लेकर पहुचे तो एक दूसरे डॉक्टर मो शब्बीर अहमद ने अटेंड किया ,जो एंडोस्कोपी के एक्सपर्ट थे,उन्होंने बताया कि एहतियात के लिए ERCP करा ली जाय , डा अहमद को पैंक्रियास कैंसर का .05 % शक था ! अभिनव मजबूर थे, डॉक्टर भगवान होता है, झूठ तो नहीं बोलेगा, सो पैंक्रियास और गाल ब्लैडर की बायोप्सी की गई !! रिपोर्ट नेगेटिव आई मगर बॉयोप्सी और एंडोस्कोपी की प्रक्रिया के बाद माँ को भयंकर दर्द शुरू हो गया ! गाल ब्लैडर के ऑपरेशन को छोड़, माँ को पेट दर्द और इंटर्नल ब्लीडिंग के शक में ICU में पंहुचा दिया गया ! आगे पढ़ने के लिए धैर्य और मज़बूत दिल चाहिए !!

जब अभिनव की माँ अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो लिवर,हार्ट,किडनी और सारे ब्लड रिपोर्ट पूरी तरह नार्मल थे ! डॉक्टरों ने बताना शुरू किया कि अब लिवर अफेक्टेड हो गया है, फिर किडनी के लिए कह दिया गया कि डायलिसिस होगा ! एक दिन कहा अब बीपी बहुत 'लो' जा रहा है तो पेस मेकर लगाना पड़ेगा, पेस मेकर लग गया मगर हालात बद से बदतर हो गए ! पेट का दर्द भी बढ़ता जा रहा था और शरीर के अंग एक-एक कर साथ छोड़ रहे थे ! अब तक अभिनव की माँ को फोर्टिस ICU में एक माह से ऊपर हो चुका था !

एक दिन डॉक्टर ने कहा कि बॉडी में शरीर के ऑक्सीजन सप्लाई में कुछ गड़बड़ हो गई अतः ऑपरेशन करना होगा ! ऑपरेशन टेबल पर लिटाने के बाद डॉक्टर, ऑपरेशन थिएटर के बाहर निकल कर तुरंत कई लाख की रकम जमा कराने को कहता है और उसके बाद ही ऑपरेशन करने की बात करता है ! अभिनव तुरंत दौड़ता है और अपने रिश्तेदारों ,मित्रों के सामने गिड़गिड़ाता है,रकम उसी दिन इकट्ठी कर फोर्टिस में जमा कराई गई,पैसे जमा होने के बाद भी डॉक्टर ऑपरेशन कैंसिल कर देते हैं !

हालात क्यों बिगड़ रहे हैं, इंफेक्शन क्यों होते जा रहे थे, डॉक्टर अभिनव को कुछ नहीं बताते ! सिर्फ दवा, ड्रिप, खून की बोतलें और माँ की बेहोशी में अभिनव स्वयं आर्थिक और मॉनसिक रूप से टूट चुका था ! डॉक्टरों को जब अभिनव से पैसा जमा कराना होता था तब ही वह अभिनव से बात करते थे ! 

माँ बेहोशी में कराहती थी ! अभिनव माँ को देख कर रोता था कि इस माँ को कभी -कभी हलके पेट दर्द के अलावा कोई तकलीफ न थी ! उसकी हॅसमुख और खूबसूरत माँ को फोर्टिस की नज़र लग गई थी ! 50 दिन ICU में रहने के बाद दर्द में कराहते हुए मां ने दुनिया से विदा ले ली ! खर्चा-अस्पताल का बिल रु 43 लाख ,दवाइयों का बिल 12 लाख और 50 यूनिट खून ! अभिनव की माँ की देह को शवग्रह में रखवा दिया गया और अभिनव को शेष भुगतान जमा कराने के लिए कहा गया और शव के इर्द गिर्द बाउंसर्स लगा दिए गए ! अभिनव ने सिर्फ एक छोटी सी शर्त रखी कि मेरी माँ की सारी रिपोर्ट्स और माँ के शरीर की जांच एक स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम द्वारा कराइ जाए ! फोर्टिस ने बमुश्किल अनुमति दी !!!


रिपोर्ट आई ............... अभिनव वर्मा की माँ के गाल ब्लैडर में कभी कोई पथरी नहीं थी ..............!

क्या हम तीसरी बार भी बंटेंगे भी और कटेंगे भी ?

 क्या हम तीसरी बार भी 

बंटेंगे भी और कटेंगे भी ?!

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योगी जी,आपकी चेतावनी सुनने वाले नहीं हैं वे।

जब मध्य युग में नहीं सुने,ब्रिटिश काल में नहीं 

सुने तो आज कैसे सुन लेंगे ?ं!

यदि सुन लें तो देश बच जाएगा ।

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योगी जी, यदि नहीं सुनेंगे तो आप ही जैसे नेताओं को देश और लोगों को बचाने का कोई दूसरा उपाय करना पड़ेगा। वह भी जल्द ही करना पड़ेगा।क्योंकि खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है।

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एक उपाय यहां पेश है-मंदिरों की आय से देश भर में बड़े पैमाने पर

आत्म सुरक्षा या आत्म बलिदानी दस्ते बनवाइए।

साथ ही,देश के सभी मंदिरों पर से सरकारी कब्जे को हटवाइए।उनसे हो रही भारी आय को इसी काम में लगाइए।

क्योंकि अन्य धर्मों के पूजा स्थलों पर सरकारी कब्जा नहीं है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल आगरा में कहा कि 

‘‘राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है।

यह तब होगा जब हम एक रहेंगे।

हम बटंेगे तो कटेंगे।’’

मुख्य मंत्री ने यह भी कहा कि ‘‘बांग्ला देश देख रहे हो न,क्या हो रहा है।

ऐसी गलती यहां नहीं होनी चाहिए।

हम एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।’’  

  योगी जी ने समयोचित बातें कही हैं।

आज इसीलिए योगी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्य मंत्री हैं।

इंडिया टूडे ं(4 सितंबर 2024)के ताजा सर्वे (देश का मिजाज) की चर्चा करूं।

उसके तहत योगी जी के बारे में देश भर के (सिर्फ उत्तर प्रदेश के नहीं)एक लाख 36 हजार 463 मतदाताओं से राय पूछी गई।

उनमें से 46 दशमलव 30 प्रतिशत लोगों ने मुख्य मंत्री के रूप में योगी को देश में पहले स्थान पर रखा।

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क्योंकि लोगों का मानना है कि यू.पी.की जो मुख्य समस्याएं हैं,उन्हें योगी जी अच्छी तरह समझते हैं और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारी खतरा उठाकर भी उनके निदान की गंभीर कोशिश में लगे रहते हैं।

काश ! विभिन्न राज्यों के अन्य सत्ताधारी नेता भी ऐसा ही करते !

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खैर, अब मुख्य बात पर आते हैं।

 हम कब नहीं बंटे थे ?!

ब्रिटिश इतिहासकार सर जे.आर.सिली (1834-1895)ने लिखा है कि ब्रिटिशर्स ने भारत को कैसे जीता।

मशहूर किताब ‘‘द एक्सपेंसन आॅफ इंगलैंड’’ के लेखक सिली  की स्थापना थी कि 

‘‘हमने (यानी अंग्रेजों ने) नहीं जीता,बल्कि खुद भारतीयों ने ही भारत को जीतकर हमारे प्लेट पर रख दिया।’’

पुस्तक की सिर्फ एक पंक्ति यहां प्रस्तुत है--

‘‘भारत को जीतने की दिशा में जिस समय हमने पहली सफलता प्राप्त की थी,उसी समय हमने अमेरिका में बसी अपनी जाति के तीस लाख लोगों को ,जिन्होंने इंगलैंड के ताज के प्रति अपनी भक्ति को उतार फेंका था,अनुशासन के तहत लाने में पूरी तरह विफलता का मुंह देखा था।’’

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यानी,ब्रिटिश काल में भी हम बंटे हुए ही थे।

इस बात के बावजूद हम ब्रिटिश काल में भी बंटे रहे कि उससे पहले के मुस्लिम शासकों ने यहां की बहुसंख्यक आबादी के साथ लगभग वैसा ही सलूक किया जैसा सलूक आज बांग्ला देश के जेहादी तत्व वहां के अल्पसंख्यकों के साथ कर रहे हैं।

हम तब भी बंटे थे।राणा प्रताप एक तरफ थे तो मान सिंह दूसरी तरफ।अधिकतर आम लोगों को भी यह पढ़ा दिया गया था--‘‘को नृप होहिं हमें का हानि ?’’

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आज इस देश के बहुसंख्यक समाज के जो लोग बांग्ला देशियों और रोहिंग्याओं के समर्थक दलों की मदद कर रहे हैं,उन्हें वोट दे रहे हैं,वे लोग वही पुरानी गलती दोहरा रहे हैं।

इस गलती का नतीजा भी पहले जैसा ही खतरनाक होगा।

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इसलिए हमारे राष्ट्र की रक्षा हमारी गैर राजनीतिक सेना,अर्ध सैनिक बल और राज्यों की पुलिस तो करेगी ही।

पर,उनकी संख्या पर्याप्त साबित नहीं होगी।

इनके अलावा आत्म बलिदानी लोगों की बड़ी फौज भी तैयार करनी पड़ेगी।वे गांव -गांव में फैलेंगे।

  जिस तरह निजी सुरक्षा संगठनों को काम करने की अनुमति सरकार देती है,उसी तरह ‘‘आत्म बलिदानी दस्तें’’ तैयार करने वालों को सरकार मान्यता दे ही सकती है।

हमारे आधुनिक कानून के किताब में भी यह दर्ज है कि हमें आत्म रक्षा के लिए हमलावर पर आक्रमण करने का कानूनी अधिकार हासिल है।

आत्म बलिदानी दस्तों को मंदिरों की भारी आय से प्रशिक्षित किया जा सकता है।

चाहे तो सरकार ‘‘देश सुरक्षा कर’’ लगा सकती है।उसके जरिए आए पैसों से हम अपनी सेना,अर्धसैनिक बल और पुलिस की संख्या बढ़ा सकते हैं।आधुनिक हथियारों से वे लैस हों।

यह सब तैयारी अभी से नहीं होगी तो हम अचानक बड़ी भारी मुसीबत में फंस सकते हैं।

फिर तो योगी जी की चेतावनी निरर्थक जाएगी कि ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे।’’

जिस तरह की तैयारी दूसरे देसी-विदेशी भारत द्रोही पक्ष की ओर से इस देश को बर्बाद करने के लिए हो रही है,उसके अनुपात में ही और उससे कहीं अधिक मजबूत तैयारी हमारी भी होनी चाहिए।

तभी हम इस मिश्रित संस्कृति वाले लोकतांत्रिक देश को मौजूदा स्वरूप में बचा सकेंगे जहां संविधान का शासन चलता है।

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27 अगस्त 2024

Tuesday, August 27, 2024

*यह अवश्य पढ़ें और सत्य को जानें*

 *यह अवश्य पढ़ें और सत्य को जानें*          

                        किसी ने मुसलमानों के बारे में 

एक बात कह दी कि ये बहुत कट्टर होते हैं, इनको किसी को जान से मारने काटने में 

कोई झिझक नहीं होती।


उसी ट्रेन में संघ के एक 

वयोवृद्ध प्रचारक जी भी बैठे थे, 

वे बड़े मृदुभाषी और आराम से 

रुक रुक कर बोलने वाले व्यक्ति थे।


शुरू में वे चुप रहे पर धीरे धीरे चर्चा में 

सम्मिलित हो गए।


 *मियों के कट्टर होने की बात पर 

वे मुस्कुराने लगे !* 

और जो बताया उसे आज 

*30 साल बाद भी नहीं भूल* सका।


उन्होंने कहा कि यह झूठ है

अर्धसत्य है कि मिएं कट्टर होते हैं ,

 *सच यह है कि ये अंदर से 

बहुत बड़े कायर होते हैं।* 


 *ये समूह में जमा हो सकते हैं* 

सियारों की तरह हुआं हुआँ कर सकते हैं।

पर जैसे ही इनको लगता है

अब तो मार पड़ेगी या गोली चलेगी ,

ये भाग खड़े होते हैं।


दंगों में अक्सर देखा गया है

*हिन्दू का एक लड़का 

बीस मुसलमानों पर भारी पड़ता है* 

अगर मरने मारने पर उतर जाये।


 *इसका कारण केवल इनका मांसाहार है,* 

कभी भी मांसाहारी जीव 

साहसी हो नहीं सकते।


शेर हो ..बाघ हो ..बिल्ली हो.. 

तेंदुआ कुत्ता.. 

कोई भी मांसाहारी जीव हो

वह घात लगाकर *पीछे से छिपकर .. 

चोरी से ही हमला* करता है


 *वह सामने से लड़कर जीत नहीं सकता,* 

उसे पता होता है!


आमने सामने के युद्ध में जंगल में ,

एक शाकाहारी भैंसा हो

एक गैंडा हो 

वह भी बाघ पर भारी पड़ता है।


हाथी तो शुद्ध शाकाहारी है

वह बाघ से बिल्कुल नहीं डरता

आमने सामने का युद्ध बाघ हाथी से 

कभी नहीं करना चाहता,

वह भाग जाता है!


मिएं भी आमने सामने की चुनौती 

स्वीकार नहीं करते,

ये बहुत बड़े भगोड़े होते हैं!


इतिहास उठा कर देख लीजिए -

पूरे विश्व में

इन्होंने *एक भी युद्ध 

सामने लड़कर नहीं जीता है* 


 *इन्होंने हर युद्ध कुछ दिनों के लिए 

छल से कपट से जीते*   

फिर कुछ दिनों बाद 

सीधे युद्ध में भाग खड़े हुए!


इसलिए आप भी ये सोच 

दिल से निकाल दीजिए कि

ये कट्टर होते हैं

ये वो होते हैं ..

ये वैसे हैं!


युद्ध टालिए

संघर्ष से बचिए

पर जब इनके बीच घिर गए

तो पूरी ताकत से एक लाठी ...

एक पत्थर लेकर भी ...

हिन्दू का एक लड़का 

अड़ गया ..

तो बीसों भाग खड़े हुए हैं,

ऐसी अनेक घटनाएं बता देंगे!


*इसलिए वीर बनिए*

*साहसी होना वीर होना खून में होता है* 

और हिन्दू विश्व की सबसे वीर प्रजाति है!

*यही सनातन सत्य है* 

जो सदियों से लगातार युध्द कर रही है,

पर हार नहीं मानती।

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Monday, August 26, 2024

अगर आपने अबतक इस्लाम कबूल नहीं किया है तो इस्लाम के अनुसार आपने इस्लाम पर हमला बोला हुआ है!

 अगर आपने अबतक इस्लाम कबूल नहीं किया है तो इस्लाम के अनुसार आपने इस्लाम पर हमला बोला हुआ है! 


जी हुजूर, यही सही है है। इसलिए ग़ैर-इस्लामी देशों को दारुल हरब (युद्धस्थल) कहा गया है और इस्लामी देशों को दारुल इस्लाम(शांति-स्थल)।


मतलब यह कि इस्लामी मान्यता के अनुसार दुनिया की

लगभग 600 करोड़ ग़ैर-मुस्लिम आबादी ने दुनियाभर के लगभग 160 करोड़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ा हुआ है!


किसी और मजहबी ग्रन्थ में ऐसा है क्या?

कितने मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने इसकी आलोचना करने की अबतक हिम्मत दिखाई है?


इससे साबित होता है कि आतंकवादियों का इस्लाम ही असली इस्लाम है, बाक़ी सब अलतकिया (मजहब सम्मत धोखा) है।


इस दृष्टि से तो भारत में इस्लामी आतंकवाद की जड़ में मदरसा या मुसलमान नहीं बल्कि इस्लाम है जो ग़ैर-मुसलमानों को वध्य (हत्या योग्य) मान उनकी ज़र-जोरू-ज़मीन पर अपना मजहबी हक़ समझता है।


"क़ुरआन पढ़ने के बाद भी कोई मुसलमान बना रहे तो वह मनोरोगी है" या अव्वल कायर और धूर्त।

इसीलिए कबीर और कलाम मुसलमानों के नायक नहीं हैं।


उनके नायक हैं:ओसामा बिन लादेन, मुल्ला उमर,

बग़दादी, याकूब मेमन,अफ़ज़ल गुरु,बुरहान वानी,

मुहम्मद ग़ोरी, मुहम्मद बिन क़ासिम,औरंगज़ेब...


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इस्लामिक जिहाद

 ज़रुर पढ़े 👇


इस्लामिक जिहाद,


एक एसा शब्द जिसमे भ्रम है,

इसका भ्रम समझने की कोशिश करते है,


असल मे इस्लामिक जिहाद जो है यह, सत्य शब्द के विरुद्ध एक लडाई है,

इस्लाम मे सत्य शब्द का एक विलोम शब्द बनाया गया है, इसका नाम रखा गया है ईमान,

जी हा सही समझा आपने ईमान शब्द सत्य शब्द का विलोम है,

और यह मानवता के विरुद्ध भी है


यदि इसका प्रत्यक्ष देखना हो तो

किसी भी मुसलमान को, सत्य

और मानवता वादी शब्द बोलकर देखो , जैसे कि, मांसाहार मत करो, वहु विवाह , मत करो, बहनो से विवाह मत करो, लूटमार मत करो, आदि आदि. तो वह तुरंत, आपसे जिहाद करने लगेगा.

लगेगा. असल मे वह लड रहा है, अपने झूठ अपनी कुरीतियो के लिए, जिसे उसने एक अच्छा सा नाम दिया है, = ईमान


मुस्लिम बोलेगा कि भाई हम तो ईमान वाले है,

दरअसल उसका रियल मतलब यह होता है कि, हम सत्य मानवता आदि को नही मानते,

हम तो ईमान वाले है,

मतलब जिसमे हमारा स्वार्थ सिद्ध होता है हम वह मानते है,


यह है ईमान शब्द की परिभाषा

प्रत्यक्ष देख लीजिए, दुनिया मे इस्लाम के द्वारा यही हो रहा है.

सारी दुनिया मे आतंकवाद फैलाने के बाद भी मुसलमान बोलता है कि उसके उपर अत्याचार हो रहा है, इसके पीछे कारण यह है कि,

मुस्लिम रियल मे यह बोलना चाहता है कि, सत्य और मानवता अभी मिटी क्यो नही है,

मुस्लिम तभी अपने-आप को सुरक्षित मानता है, जब चारो तरफ

इस्लामिक आतंकवाद का राज हो, और सत्य मानवता मिट जाये , ,,


अतः साफ है कि जब तक दुनिया मे मानवता, सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, जैसे शब्द रहेगे, इनका अस्तित्व रहेगा तब तक इस्लामिक जिहाद, मतलब सत्य के विरुद्ध लड़ाई जारी रहेगी


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सेकुलरिज्म क्या है ?

 सेकुलरिज्म क्या है ?👇👇👇👇


एक मुस्लिम बच्चे ने अपनी माँ से पूछा-


*"अम्मी, ये सेकुलरिज्म (धर्म निरपेक्षता) क्या होता है?"*


*बुर्के में लिपटी महिला ने अपने बेटे को बताया-

"बेटे! सेकुलरिज्म इस देश का वह सिस्टम है

जिसमें हिन्दू करदाता जी-तोड़ मेहनत कर

सरकार को इतना टैक्स चुकाता है,


जिससे कि हम जैसे


*अल्पसंख्यकों*

को फ्री आवास,

मदरसों में फ्री शिक्षा,

फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट

आदि सुविधाएँ मिलती रहें,

मंदिरों की हुंडियों का धन

हमारे लिए प्रयोग किया जा सके!

किन्तु......

मस्जिदों में क्या हो रहा है,

उस तरफ कोई आँख उठाकर देखने की भी

हिम्मत ना कर सके!

हमें कानून का संरक्षण तो मिले किन्तु कोई कानून हम पर लागू नहीं हो!


*इस प्रकार के जन्नतनुमा माहौल को ही सेकुलरिज्म कहते हैं!!!"*

*“लेकिन अम्मी, इससे हिन्दू करदाता नाराज नहीं होते"- बच्चे ने पूछा।*

*"होते हैं बेटा"!*

किन्तु

उनके गुस्से को कुंद करने के लिए हम उनको


*साम्प्रदायिक*

बताना शुरू कर देते हैं

ताकि उनको शर्मिंदगी महसूस हो!

इस तरह कुछेक अड़ियल हिंदुओं को छोड़कर,

बाक़ी सभी हिन्दू इस

सेकुलरता नाम के जहर को प्रसाद समझ कर

ना केवल ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लेते हैं बल्कि

उन्हें अपने आपको सेक्युलर कहलवाने में गर्व भी महसूस होता है

तथा

वे अपने आपको सेक्युलर सिद्ध करने के प्रयास में

हमारे सब कर्मों का आँख मूंदकर समर्थन करते हैं!"

बच्चे ने कहा-


*इसका मतलब हिन्दू तो बहुत अच्छे हैं!*

बुर्के वाली महिला ने कहा,

*अच्छे नहीं बेवकूफ हैं *

जो अपना हक छोड़कर हमारे बोझ को उठाते हैं!

बच्चे ने अपनी समझ से कहा- "लेकिन अम्मी वे

हमें अल्पसंख्यक कहते हैं जो

सुनने में अच्छा नहीं लगता!"

महिला ने कहा-

"तू चिंता मत कर बेटे!

इसी सेक्युलरिज्म की बदौलत हम बहूसंख्यक हो जाएँगे।

हमारे लिए कोई रोकटोक नहीं

जितने भी पैदा करो

और हम

एक दिन हिन्दुस्तान में ही नहीं,

पूरी दुनिया में राज करेंगे!

मैंने तेरे 12 भाई बहन यूँ ही थोड़े न पैदा किए हैं!!!

*बच्चे ने कहा-

"हाँ अम्मी! मैं समझ गया।

जब हिन्दू बोझ उठाते हैं

तो पैदा करने में क्या दिक्कत है!!!*


*सेकुलरिज्म को इससे आसान शब्दों में आज तक किसी ने नहीं समझाया होगा! भारत के सभी हिन्दूओ को एक होकर रहना है

🚩🇮🇳🇮🇳

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एक 8 साल का लडका

 एक 8 साल का लडका 


सिनेमाघर में राजा हरिशचन्द्र फिल्म देखने गया और फिल्म से प्रेरित होकर उसने सत्य का मार्ग चुना और वो बड़ा होकर महान व्यक्तित्व से जाना गया।


परन्तु आज आठ साल का लडका टीवी पर क्या देखता है ?

सिर्फ नंगापन और अश्लील वीडियो और फोटो,

मैग्जीन में अर्धनग्न फोटो, 

पड़ोस में रहने वाली भाभी/आंटी के छोटे कपड़े !!


लोग कहते हैं कि दुष्कर्म का कारण बच्चों की मानसिकता है।

पर वो मानसिकता आई कहाँ से ?

उसके जिम्मेदार कहीं न कहीं हम खुद हैं। 

क्योंकि अब अधिकतर हम संयुक परिवार में नहीं रहते।

हम अकेले रहना पसंद करते हैं। और अपना परिवार चलाने के लिए माता पिता को बच्चों को अकेला छोड़कर काम पर जाना है और बच्चे अपना अकेलापन दूर करने के लिये टीवी और इन्टरनेट का सहारा लेते हैं।

और उनको देखने के लिए क्या मिलता है सिर्फ वही अश्लील वीडियो और फोटो तो वो क्या सीखेंगे यही सब कुछ ना ?

अगर वही बच्चा अकेला न रहकर अपने दादा दादी के साथ रहे तो कुछ अच्छे संस्कार सीखेगा।

कुछ हद तक ये भी जिम्मेदार है।


2) जब पूरा देश दुष्कर्म पर उबल जाता है, 

छोटी छोटी बच्चियो से जो दरिंदगी हो रही उस पर सबके मन में गुस्सा होता है।

कोई सरकार को कोस रहा होता है, तो

कोई समाज को तो कई feminist सारे लड़को को बलात्कारी घोषित कर चुकी होती है।


लेकिन आप सुबह से रात तक

कई बार su.nny le.on के कंडोम के add देखते है ..!!

फिर दूसरे add में  रण.वीर सिंह शैम्पू के ऐड में लड़की पटाने के तरीके बताता है...!!

ऐसे ही Close up, 

लिम्का, 

Thumsup भी दिखाता है।

लेकिन तब आपको गुस्सा नहीं आता है है ना ???


आप अपने छोटे बच्चों के साथ music चैनल पर सुनते ही हैं 

दारू बदनाम कर दी,

कुंडी मत खड़काओ राजा,

मुन्नी बदनाम,

चिकनी चमेली,

झण्डू बाम,

तेरे साथ करूँगा गन्दी बात,

और न जाने ऐसी कितनी मूवीज गाने देखते सुनते है।

तब आपको गुस्सा नहीं आता ??


मम्मी बच्चों के साथ Star Plus, जी TV, सोनी TV देखती है जिसमें एक्टर और एक्ट्रेस सुहाग रात मनाते हैं..

किस करते हैं..

आँखों में आँखें डालते हैं..

और तो और भाभीजी घर पर हैं, जीजाजी छत पर हैं, 

टप्पू के पापा और बबिता जिसमें एक व्यक्ति दूसरे की पत्नी के पीछे घूमता लार टपकता नज़र आएगा पूरे परिवार के साथ देखते हैं..

इन सब serial को देखकर आपको गुस्सा नही आता ??


फिल्म्स आती है जिसमें किस (चुम्बन, आलिंगन), रोमांस से लेकर गंदी कॉमेडी आदि सब कुछ दिखाया जाता है।

पर आप बड़े मजे लेकर देखते है, इन सब को देखकर आपको गुस्सा नहीं आता..


खुलेआम TV- फिल्म वाले आपके बच्चों को बलात्कारी बनाते है। 

उनके मन मे जहर घोलते है।

तब आपको गुस्सा नहीं आता ?

क्योकि आपको लगता है कि

रेप रोकना सरकार की जिम्मेदारी है । 

पुलिस, 

प्रशासन, 

न्यायव्यवस्था की जिम्मेदारी है..

लेकिन क्या समाज और मीडिया की कोई जिम्मेदारी नहीं??

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में कुछ भी परोस दोगे क्या ?


आप तो अखबार पढ़कर।

News देखकर बस गुस्सा निकालेंगे।

कोसेंगे सिस्टम को, 

सरकार को, 

पुलिस को, 

प्रशासन को, 

DP बदल लेंगे, 

सोशल मीडिया पे खूब हल्ला मचाएंगे, 

बहुत ज्यादा हुआ तो कैंडल मार्च या धरना कर लेंगे लेकिन....


TV चैनल्स, मीडिया को कुछ नहीं कहेंगे। क्योकि वो आपके मनोरंजन के लिए है। 

सच पूछिए तो TV Channels अश्लीलता परोस रहे है ...

पाखंड परोस रहे हैं

झूंठे विषज्ञापन परोस रहे हैं

झूंठेऔर सत्य से परे ज्योतिषी पाखंड से भरी कहानियां एवं मंत्र, ताबीज आदि परोस रहे हैं

उनकी भी गलती नहीं है।

क्योंकि आप खरीददार हो .....??

बाबा बंगाली, तांत्रिक बाबा, स्त्री वशीकरण के जाल में खुद फंसते हो ।


3) अभी टीवी का खबरिया चैनल किसी घटना पर समाचार चला रहा है।

जैसे ही ब्रेक आए......

पहला विज्ञापन बोडी स्प्रे का जिसमें लड़की आसमान से गिरती है,

दूसरा कंडोम का,

तीसरा नेहा स्वाहा-स्नेहा स्वाहा वाला,

और चौथा प्रेगनेंसी चेक करने वाले मशीन का......

जब हर विज्ञापन, हर फिल्म में नारी को केवल भोग की वस्तु समझा जाएगा तो बलात्कार के ऐसे मामलों को बढ़ावा मिलना निश्चित है।


क्योंकि

"हादसा एक दम नहीं होता,

वक़्त करता है परवरिश बरसों....!"

ऐसी निंदनीय घटनाओं के पीछे निश्चित तौर पर भी बाजारवाद ही ज़िम्मेदार है ..


4) आज सोशल मीडिया, इंटरनेट और फिल्मों में पोर्न परोसा जा रहा है। तो बच्चे तो बलात्कारी ही बनेंगे ना।

😢😢😢


ध्यान रहे समाज और मीडिया को बदले बिना ये आपके कठोर सख्त कानून कितने ही बना लीजिए, ये घटनाएँ नहीं रुकने वाली है।अगर अब भी आप बदलने की शुरुआत नहीं करते हैं तो समझिए कि .........आपको आपकी बेटियाँ बचाना है तो सरकार कानून पुलिस के भरोसे से बाहर निकलकर समाज मीडिया और सोशल मीडिया की गंदगी साफ करने की आवश्यकता है।


साभार/संशोधित

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भारतीय संस्कृति के आधार पुरुष श्री कृष्ण का आज प्राकट्य दिवस है। कृष्ण एक ऐसे विराट व्यक्तित्व का नाम है जिसने

 भारतीय संस्कृति के आधार पुरुष श्री कृष्ण का आज प्राकट्य दिवस है। कृष्ण एक ऐसे विराट व्यक्तित्व का नाम है जिसने वैश्विक चेतना को प्राख्यापित किया है। कृष्ण के एक एक कर्म में मानवीय सरोकार विद्यमान रहे हैं और आज जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मैं राष्ट्रीय कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों का उल्लेख करना समीचीन समझता हूं जो कृष्ण के संदर्भ में संरचित की गई हैं:-

" वर्षों तक वन में घूम-घूम 

  बाधा -विघ्नों को चूम चूम 

  सह धूम -घाम, पानी पत्थर 

   पांडव आए कुछ और निखर 

   सौभाग्य न सब दिन सोता है 

   देखें आगे क्या होता है।

 

   मैत्री की राह बताने को 

   सबको सुमार्ग पर लाने को 

   दुर्योधन को समझाने को 

   भीषण विध्वंस बचाने को 

    भगवान हस्तिनापुर आए

     पांडव का संदेशा लाये।


      यह देख गगन मुझमें लय है 

      यह देख पवन मुझमें लय है 

       मुझमें विलीन झंकार सकल 

       मुझमें लय है संसार सकल 

        अमरत्व फूलता है मुझमें 

        संघार झूलता है मुझमें।


       दृग हों तो दृश्य अकांड देख

       मुझमें सारा ब्रह्माण्ड देख

       चर-अचर जीव,जग,क्षर- अक्षर 

नश्वर मनुष्य सुर जाति अमर

शत कोटि सूर्य,शत कोटि चंद्र 

शत कोटि सरित, सर, सिन्धु -मन्द्र।

  

शत कोटि विष्णु, ब्रह्मा, महेश 

शत कोटि विष्णु, जलपति धनेश

शत कोटि रुद्र,शत कोटि काल

शत कोटि दंडधर लोकपाल 

जंजीर बढ़ाकर साध इन्हें 

हां हां दुर्योधन बांध इन्हें।


भूलोक अतल पाताल देख 

गत और अनागत काल देख 

यह देख जगत का आदि सृजन 

यह देख महाभारत का रण

मृतकों से पटी हुई भू है 

पहचान, कि इसमें कहां तू है।


 विश्व मानव महामना कृष्ण को उनके प्राकट्य दिवस पर सादर नमन।🙏🙏

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Excellent information about Bhagwan Shri Krishna on this Auspicious Day

 Excellent information about Bhagwan Shri Krishna on this Auspicious Day- 


1) Krishna was born *5252 years  ago* 

2) Date of *Birth* : *18 th July,3228 B.C*

3) Month : *Shravan*

4) Day :  *Ashtami*

5) Nakshatra : *Rohini*

6) Day : *Wednesday*

7) Time : *00:00 A.M.*

8) Shri Krishna *lived 125 years, 08 months & 07 days.*

9) Date of *Death* : *18th February 3102BC.*

10) When Krishna was *89 years old* ; the mega war *(Kurukshetra war)* took place. 

11) He died *36 years after the Kurukshetra* war.

12) Kurukshetra War was *started on Mrigashira Shukla Ekadashi, BC 3139. i.e "8th December 3139BC" and ended on "25th December, 3139BC".*  

12) There was a *Solar eclipse between "3p.m to 5p.m on 21st December, 3139BC" ; cause of Jayadrath's death.*

13) Bhishma died on *2nd February,(First Ekadasi of the Uttarayana), in 3138 B.C.*


14) Krishna  is worshipped as:

(a)Krishna *Kanhaiyya* : *Mathura*

(b) *Jagannath*:- In *Odisha*

(c) *Vithoba*:- In *Maharashtra*

(d) *Srinath*:  In *Rajasthan*

(e) *Dwarakadheesh*: In *Gujarat*

(f) *Ranchhod*: In *Gujarat*

(g) *Krishna* : *Udupi in Karnataka*

h) *Guruvayurappan in Kerala*


15) *Bilological Father*: *Vasudeva*

16) *Biological Mother*: *Devaki*

17) *Adopted Father*:- *Nanda*

18) *Adopted Mother*: *Yashoda*

19 *Elder Brother*: *Balaram*

20) *Sister*: *Subhadra*

21) *Birth Place*: *Mathura*

22) *Wives*: *Rukmini, Satyabhama, Jambavati, Kalindi, Mitravinda, Nagnajiti, Bhadra, Lakshmana*

23) Krishna is reported to have *Killed only 4 people* in his life time. 

(i) *Chanoora* ; the Wrestler

(ii) *Kansa* ; his maternal uncle

(iii) & (iv) *Shishupaala and Dantavakra* ; his cousins. 

24) Life was not fair to him at all. His *mother* was from *Ugra clan*, and *Father* from *Yadava clan,* inter-racial marriage. 

25) He was *born dark skinned.* He was not named at all throughout his life. The whole village of Gokul started calling him the black one ; *Kanha*. He was ridiculed and teased for being black, short and adopted too. His childhood was wrought with life threatening situations.

26) *'Drought' and "threat of wild wolves" made them shift from 'Gokul' to 'Vrindavan' at the age 9.*

27) He stayed in Vrindavan *till 10 years and 8 months*. He killed his own uncle at the age of  10 years and 8 months at Mathura.He then released  his biological mother and father. 

28) He *never returned to Vrindavan ever again.*

29) He had to *migrate to Dwaraka from Mathura due to threat of a Sindhu King ;  Kala Yaavana.*

30) He *defeated 'Jarasandha' with the help of 'Vainatheya' Tribes on Gomantaka hill (now Goa).*

31) He *rebuilt Dwaraka*. 

32) He then *left to Sandipani's Ashram in Ujjain* to start his schooling at age 16~18. 

33) He had to *fight the pirates from Afrika and rescue his teachers son ;  Punardatta*;  who *was kidnapped near Prabhasa* ; a sea port in Gujarat. 

34) After his education, he came to know about his cousins fate of Vanvas. He came to their rescue in ''Wax house'' and later his cousins got married to *Draupadi.* His role was immense in this saga. 

35) Then, he helped his cousins  establish Indraprastha and their Kingdom.


36) He *saved Draupadi from embarrassment.*


37) He *stood by his cousins during their exile.*

38) He stood by them and *made them win the Kurushetra war.*


39) He *saw his cherished city, Dwaraka washed away.* 

40) He was *killed by a hunter (Jara by name)* in nearby forest. 

41) He never did any miracles. His life was not a successful one. There was not a single moment when he was at peace throughout his life. At every turn, he had challenges and even more bigger challenges. 

42) He *faced everything and everyone with a sense of responsibility and yet remained unattached.*


43)  He is the *only person, who knew the past and future ; yet he lived at that present moment always.*


44) He and his life is truly *an example for every human being.*

अजमेर_सेक्स_स्कैंडल

 एक पीढ़ी बदल गई इन 32 सालों में



आज ज्यादातर लोगों को #अजमेर_सेक्स_स्कैंडल के बारे में मालूम ही नहीं होगा

ये भारत का सबसे बड़ा बलात्कार काण्ड था

जिसमें सकड़ों लड़कियों का बलात्कार किया गया था 

शुरुवात #सोफिया_गर्ल्स_कॉलेज से हुई

बलात्कार करने वालों में शामिल थे अजमेर #चिश्ती_की_दरगाह के सदस्य

सोफिया गर्ल्स कॉलेज के अधिकारी और स्थानीय कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता

पहले बलात्कार किया और लड़की की नग्न अवस्था में ही फोटो खींची

फिर लड़की को ब्लैकमेल किया गया

उस लड़की के पूरे परिवार की लड़कियों के साथ बलात्कार हुआ

उनकी फोटो खींचकर उन्हें भी ब्लैकमेल किया गया

ये फोटो जिस जिस के हांथ लगी सबने लड़कियों को ब्लैकमेल किया

उस दौरान अजमेर में शादी विवाह बंद हो गए थे

#अजमेर की हर लड़की को शक की निगाह से देखा जाने लगा था

बलात्कार करने वालों में सभी #मुस्लिम थे

और सभी लड़कियां चिश्ती की दरगाह पर माथा फोड़ने वाले हिन्दू परिवारों से थीं 

लेकिन अंधे और दोगले हिन्दू आज भी #अजमेर_की_दरगाह पर जाते हैं 

इस गिरफ्तारी के बाद भी जाएंगे

क्योंकि उनका जमीर मर चुका है

भगवान श्री कृष्ण जी की सोलह कला

 भगवान श्री कृष्ण जी की सोलह कला 


भगवान श्री कृष्ण जी की सोलह कला 

इन कलाओं के नाम निम्नलिखित हैं।

१. श्री धन संपदा : प्रथम कला धन संपदा नाम से जानी जाती हैं है। इस कला से युक्त व्यक्ति के पास अपार धन होता हैं और वह आत्मिक रूप से भी धनवान हो। जिसके घर से कोई भी खाली हाथ वापस नहीं जाता, उस शक्ति से युक्त कला को प्रथम कला! श्री-धन संपदा के नाम से जाना जाता हैं।

२. भू अचल संपत्ति : वह व्यक्ति जो पृथ्वी के राज भोगने की क्षमता रखता है; पृथ्वी के एक बड़े भू-भाग पर जिसका अधिकार है तथा उस क्षेत्र में रहने वाले जिसकी आज्ञाओं का सहर्ष पालन करते हैं वह कला! भू अचल संपत्ति कहलाती है।

३. कीर्ति यश प्रसिद्धि : जिस व्यक्ति का मान-सम्मान और यश की कीर्ति चारों ओर फैली हुई हो, लोग जिसके प्रति स्वतः ही श्रद्धा और विश्वास रखते हैं, वह कीर्ति यश प्रसिद्धि कला से संपन्न माने जाते हैं।

४. इला वाणी की सम्मोहकता : इस कला से संपन्न व्यक्ति मोहक वाणी से युक्त होता है; व्यक्ति की वाणी सुनकर क्रोधी व्यक्ति भी अपना सुध-बुध खोकर शांत हो जाता है तथा मन में भक्ति की भावना भर उठती हैं।

५. लीला आनंद उत्सव : इस कला से युक्त व्यक्ति अपने जीवन की लीलाओं को रोचक और मोहक बनाने में सक्षम होता है। जिनकी लीला कथाओं को सुनकर कामी व्यक्ति भी भावुक और विरक्त होने लगता है।

६. कांति सौंदर्य और आभा : ऐसे व्यक्ति जिनके रूप को देखकर मन स्वतः ही आकर्षित होकर प्रसन्न हो जाता है, वे इस कला से युक्त होते हैं। जिसके मुखमंडल को देखकर बार-बार छवि निहारने का मन करता है वह कांति सौदर्य और आभा कला से संपन्न होता है।

७. विद्या मेधा बुद्धि : सभी प्रकार की विद्याओं में निपुण व्यक्ति जैसे वेद-वेदांग के साथ युद्ध और संगीत कला इत्यादि में पारंगत व्यक्ति इस काला के अंतर्गत आते हैं।

८. विमला पारदर्शिता : जिसके मन में किसी प्रकार का छल-कपट नहीं होता वह विमला पारदर्शिता कला से युक्त होता हैं। इनके लिए सभी एक समान होते हैं, न तो कोई बड़ा है और न छोटा।

९. उत्कर्षिणि प्रेरणा और नियोजन : युद्ध तथा सामान्य जीवन में जी प्रेरणा दायक तथा योजना बद्ध तरीके से कार्य करता हैं वह इस कला से निपुण होता हैं। व्यक्ति में इतनी शक्ति व्याप्त होती हैं कि लोग उसकी बातों से प्रेरणा लेकर लक्ष्य भेदन कर सकें।

१०. ज्ञान नीर क्षीर विवेक : अपने विवेक का परिचय देते हुए समाज को नई दिशा प्रदान करने से युक्त गुण ज्ञान नीर क्षीर विवेक नाम से जाना जाता हैं। वह सत्य और असत्य को भलीभांति जानकर उनमें भेद करना जानते हो ।

११. क्रिया कर्मण्यता : जिनकी इच्छा मात्र से संसार का हर कार्य हो सकता है तथा व्यक्ति सामान्य मनुष्य की तरह कर्म करता हैं और लोगों को कर्म की प्रेरणा देता हैं।

१२. योग चित्तलय : जिनका मन केन्द्रित है, जिन्होंने अपने मन को आत्मा में लीन कर लिया है वह योग चित्तलय कला से संपन्न होते हैं; मृत व्यक्ति को भी पुनर्जीवित करने की क्षमता रखते हैं।

१३. प्रहवि अत्यंतिक विनय : इसका अर्थ विनय है, मनुष्य जगत का स्वामी ही क्यों न हो, उसमें कर्ता का अहंकार नहीं होता है।

१४. सत्य यथार्य : व्यक्ति कटु सत्य बोलने से भी परहेज नहीं रखता और धर्म की रक्षा के लिए सत्य को परिभाषित करना भी जनता हैं यह कला सत्य यथार्य के नाम से जानी जाती हैं।

१५. ईशानः आधिपत्य : व्यक्ति में वह गुण सर्वदा ही व्याप्त रहती हैं, जिससे वह लोगों पर अपना प्रभाव स्थापित कर पाता है, आवश्यकता पड़ने पर लोगों को अपना प्रभाव की अनुभूति करता है। वह ईश्वर के समान शक्तिशाली एवं सर्व लोकोंके अधिपति होते है।

१६. अनुग्रह उपकार : निःस्वार्थ भावना से लोगों का उपकार करना अनुग्रह उपकार है।

मुस्लिमो का गैर इस्लामिक देश में महत्वपूर्ण योगदान

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मुस्लिमो का गैर इस्लामिक देश में महत्वपूर्ण योगदान  

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१. मुस्लिम आबादी दर हर गैर इस्लामिक देश में गैर मुसलमानों की तुलना में दुगनी रफ़्तार से बच्चे पैदा करते हैं | जिससे अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाती हैं |


२. मुस्लिम आबादी पढाई लिखाई में कोई रूचि नहीं रखती | अंग्रेजी, गणित, विज्ञानं आये ना आये कुरान जरुर बच्चों को पढाई जाती है |


३. मुस्लिम जो व्यवसाय करते हैं वो भी समाज हित के नहीं होते | जैसे बड़े व्यवसायी जो टेनरी चलाते हैं उसकी गंदगी नदियों में बहाते हैं जिस से पानी में आर्सेनिक जैसे जहर की मात्रा बढती जाती हैं |


४. मुस्लिमो की गोस्त की दुकाने आसपास बिमारियां लाती हैं | जानवरों की हत्या अन्न-जल संकट का प्रमुख कारण हैं |


५. जहा मुस्लिम अधिक होते हैं वह संगठित तरीके से रहते हैं और आसपास किसी गैर मुस्लिम को बसने नहीं देते | १०० हिन्दुओ के बीच एक मुस्लिम रह सकता हैं पर १०० मुसलमानों के बीच हिंदू नहीं रह सकता |


६. मुस्लिम संगठित होने की वजह से गैर मुसलमानों से बेवजह झगडा करते हैं, अगर आस पास उनकी संपत्ति होती हैं तो उस पर कब्ज़ा कर लेते हैं जैसा की कश्मीर में हुआ |


७. परिवार में अधिक सदस्य होने से और अशिक्षित होने से छोटे संगठित अपराध करते हैं | जैसे की अनाधिकृत कब्जे, बिजली चोरी, नशीले पदार्थो का धंधा करते हैं |


८. ये छोटे अपराधी जल्द ही बड़े अपराधियों से जा मिलते हैं और ये बड़े अपराधी भी कभी ना कभी उन्ही मुस्लिम बस्तियों से निकल कर आये होते हैं | टाइगर मेनन और दाउद इब्राहीम कासकर और ना जाने कितने अपराधी ऊपर उठे |


९. बड़े अपराधी देश की अर्थ व्यवस्था को बिजली चोरी या अतिक्रमण की तरह छोटा मोटा नुक्सान नहीं पहुचाते बल्कि हजारो करोडो का नुक्सान पहुचाते हैं | जैसे स्टाम्प घोटाले व हवाला कांड का प्रमुख अब्दुल करीम तेलगी १०,००० करोड़ व हसन अली ३६,००० करोड़ इत्यादि रकम कमाते हैं और इसे इस्लामिक मुल्को से गैर इस्लामिक देशो में आतंक हत्या के लिए हथियार प्रशिक्षण पर प्रयोग किया जाता हैं |


१०. वे मुस्लिम जो काफ़िर देश में किये गए अपराध लूट पाट को धार्मिक कृत्य मानते हैं वे और भी तरीको से मुस्लिम लड़के गैर-इस्लामिक देश में जंग के लिए तैयार करते हैं | उनमे से एक सरलतम रास्ता जेहाद का हैं काफ़िर का क़त्ल हर मुस्लिम पर अनिवार्य हैं |


११. कुरान पढ़े बेरोजगार लड़के जेहाद के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं बल्कि अपना सौभाग्य समझते हैं और इस्लामिक देशो में मौजूद अपने रहनुमाओ की मदद से जेहादी बनते हैं |


१२. ये जेहादी देश में समय समय पर बम विस्फोट सामूहिक हत्याए वा दंगे करते हैं | दंगो को कुछ लोगो की शरारत कहा जाता हैं जबकि बम विस्फोट पर कहा जाता हैं की इसका इस्लाम और मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं जबकि दोनों ही जेहाद अर्थात धर्मं युद्ध का हिस्सा हैं |


१३. यदि गैर इस्लामी कौमे संगठित होकर धर्मं युद्ध का जवाब देती हैं तो मुस्लिम जोर जोर से हल्ला करना चालु करते हैं के हम पर जुल्म और अत्याचार हो रहा हैं, हम सुरक्षित नहीं इस मुल्क में |


१४. मुसलमानों के संगठित होने की वजह से और हमलावर होने की वजह से नास्तिक राजनैतिक दल मुसलमानों का पक्ष लेने में ही अपनी भलाई समझते हैं जैसे की भारत में कांग्रेस, समाजवादी, कमुनिस्ट दल इत्यादि |


१५. क्योंकि इन दलों का धर्म से, संस्कृति से कोई लेना देना नहीं होता और मुस्लिम समर्थन मिलने पर इन्हें सत्ता का और लालच आ जाता हैं ये मुस्लिम आबादी के बढने में और सहायता करते हैं उनके हर काम में चाहे वो गलत हो या सही, साथ देते हैं |


१६. बंगलादेश से आये ४ करोड़ मुस्लिमो को कांग्रेस ने ना केवल बसाया अपितु उनको जिस कानून (आई. ऍम. टी. डी. एक्ट) की सहायता से निकाला जा सकता था उसे भी खत्म कर दिया |


१७. आतंकवाद के खिलाफ कानून (पोटा एक्ट) बनाना तो दूर रहा, जो कानून था उसको भी खत्म कर दिया |


१८. मुस्लिम नाराज ना हो इस लिए जेहादियों को उच्चतम न्यायालय से दी हुयी को सजा को भी रोके रखते हैं | जैसा की कांग्रेस ने अफजल गुरु की फ़ासी रोक रखी हैं |


१९. गैर मुस्लिमो के इस कथित सेकुलर वर्ग की इस मूर्खता से मुस्लिम खुश होते हैं और और तेजी से आबादी बढ़ाने का उपाए सोचते हैं


२०. इन उपायों में गैर मुस्लिम सम्प्रदाये की लड़कियों को प्यार के झूठे जाल में फसाना होता हैं और उनसे बच्चे पैदा करने होते हैं इन्हें लव जेहादी कहते हैं |


२१. अगर ये लव जेहादी ३-४ हिंदू या ईसाई लडकियो को जिन्हें ये वर्गला-फुसला के भगा लाए थे, खिला (वहन) नहीं कर पाते हैं, तो भोग करने के बाद किसी अधेड उम्र के मुस्लिम को बेच देते हैं अधिकतर वह मुस्लिम बदसूरत ही होते हैं इसीलिए उन्हें इस उम्र तक औरते नहीं मिल पाती |२२.मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ-साथ छोटे-छोटे इस्लामिक क्षेत्रो का भी निर्माण करते हैं | जैसे हिंदू इलाके में अधिक दामों पर कोई एक इमारत खरीद कर लेते हैं और फिर वहा बड़े मुस्लिम परिवार बसा दिए जाते हैं |


२३. ये मुस्लिम लोग आसपास लोगो से आये दिन झगडा करते हैं और धीरे धीरे पडोसियो को अपने घर सस्ते दामों पर किसी मुस्लिम को ही बेचने को मजबूर कर देते हैं इस प्रकार इनकी एक मकान पर खर्च की गयी अतिरिक्त रकम से कही अधिक मुनाफा निकल आता हैं |


२४. मुसलमानों की मस्जिद अक्सर शहर के बीचों-बीच होती हैं ताकि किसी तरह की व्यवस्था बिगडने पर मीनारो की आड़ से पुलिस को देख सके | और जरुरत पड़ने पर खुद पुलिस व्यवस्था पर हमला कर सके |


२५. छोटी मुस्लिम बस्तियाँ ना केवल संगठित होती हैं अपितु हमलावर लोगो से भरी होती हैं | हर घर में देसी तमंचे मिलना सामान्य बात होती हैं |


२६. भारत में नव-निर्मित मुस्लिम बस्तियाँ अक्सर या तो राजमार्गो के किनारे होती हैं या ट्रेन लाइनों के किनारे | राजमार्गो के किनारे बनी मजारो में जिनमे से अधिकतार कुत्ते बिल्लियो की या खाली ही होती हैं हथियार छुपाये रहने की संभावनाओ से इंकार नहीं किया जाता |


२७. यदि गैर-इस्लामिक देश के अगल-बगल में इस्लामिक देश हैं तो समय-समय पर इस्लामिक देश हमला करते रहेंगे जैसा की भारत का पडोसी पाकिस्तान करता रहता है |


२८. ऐसे पडोसी इस्लामिक मुल्क प्रत्यक्ष जीत ना पाने की स्थिति में छदम युद्ध प्रारंभ करते हैं | गैर इस्लामिक मुल्क में मौजूद मुस्लिमो की मदद लेते हैं इस्लामिक एकता के नाम पर |


२९. आबादी में ३० प्रतिशत तक पहुचने पर समय आ जाता मुस्लिमो के लिए के वो काफ़िर देश पर कब्ज़ा कर ले क्यों की संगठित ३०% मत किसी भी लोकतान्त्रिक देश में काफी है सरकार बनाने के लिए या ग्रह युद्ध के माध्यम से कब्ज़ा करने के लिए |


३०. इस सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता के मुस्लिम पडोसी देश के साथ मिल जाये और बाहर से हमले के समय अंदर से भी हमला कर दे | युद्ध के समय रेल लाइन उखाड दे, तेल पाइपलाइन तोड़ दे राज मार्ग जाम कर दें इत्यादि ताकि सेना को समय पर रसद ना मिले और वो हार जाये |


३१. सेना के हारते ही विदेशी मुस्लिम गैर-इस्लामिक देश में आ जायेंगे और योगदान के अनुसार देसी मुस्लिमो को सत्ता में हिस्सेदारी दे देंगे क्यों की उनकी जीत में उनका भी बड़ा योगदान होगा |


३२. देश को दारुल हरब से दारुल इस्लाम घोषित कर दिया जायेगा | यानि गैर इस्लामिक देश इस्लामिक देशो में से एक हो जायेगा | गैर इस्लामिक देश में क्या क्या होता हैं ये हमें लिखने की जरुरत नहीं फिर भी हम आगे के लेख में बताएँगे |


लेख समीक्षा : आप उपरोक्त लेख पढ़ कर समझ ही चुके होंगे की भारत इस्लामिक देश बनने की कगार पर हैं | सबसे मूल करण मुस्लिम आबादी का हिन्दुओ ईसाइयों और अन्य सभी से दोगुनी रफ़्तार से बढ़ना हैं | इसका दूसरा प्रमुख कारण है भारत का फर्जी सेकुलरवाद जो भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की ओर अग्रसर हैं |


आप ये कहे सकते हैं के घोटाले अपराध भ्रष्टाचार में तो हिंदू भी आंगे हैं तो मुस्लिमो को दोष क्यों देना | हमारा उत्तर हैं के हिंदू भ्रष्टाचार कर के हथियार नहीं खरीदते, ना ही उन हथियारों से वो पाकिस्तान में बम विस्फोट करते हैं ना ही राष्ट्र का ख्याल ना कर के आबादी बढ़ाते हैं | मुस्लिम हर कदम अपनी कौम को ध्यान में रख के उठाते हैं और उनका अंतिम लक्ष्य होता हैं देश का इस्लामीकरण जबकि भ्रष्ट हिंदू को हिंदू राष्ट्र से कोई लेना देना नहीं होता |


आप ये भी सोच रहे होंगे के मुस्लिमो ने देश में बड़ा योगदान किया हैं | जब हम उन गिने चुने लोगो को जानते हैं तो पता चलता हैं वो मुस्लिम हैं ही नहीं | जैसे की अब्दुल कलाम अग्नोस्टिक हैं, अज़ीम प्रेमजी का भी यही हाल हैं, अशफाक उल्ला खान आर्य समाजी थे व हिंदू राष्ट्र का समर्थन करते थे |

मुस्लिमो ने जितना योगदान नहीं किया था, उस से ज्यादा बटवारे के तौर पर ले लिया |


" हिन्दुओ आप अपने आस-पास मुस्लिम गतिविधियाँ देख कर लेख की सत्यता परख सकते हैं ! "

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योगीराज श्री कृष्ण के जीवन चरित्र

 आओ जानें अपने महान पूर्वज योगीराज श्री कृष्ण के जीवन चरित्र को।


 इतिहास में कोई दूसरा व्यक्ति इतना महान नही हुआ जिसे योगेश्वर पुकारा जाता हो। श्री कृष्ण के जन्म के समय भारत खण्ड-खण्ड में विभक्त था।

'गृहे गृहे ही राजानं: स्वस्य स्वस्य प्रियं करा:' अर्थात घर घर राजा हैं और अपने ही हित में लगे हुए हैं।

सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधने वाला कोई ना था। कंस, जरासन्ध, शिशुपाल, दुर्योधन आदि जैसे दुराचारी व विलासियों का वर्चस्व बढ़ रहा था। राज्य के दैवीय सिद्धान्त से भीष्म जैसे योद्धा तक बंधे हुए थे।

ऐसी घोर अन्धकार पूर्ण रात्रि में श्री कृष्ण का जन्म हुआ। अपने अद्भुत चातुर्य एवं कौशल से श्रीकृष्ण ने इन राजाओं का विनाश करवाकर युधिष्ठिर को चक्रवर्ती सम्राट बनवाया।


 श्री कृष्ण का चरित्र चित्रण-


1 -  जन्म व छात्रावस्था - श्री कृष्ण का जन्म लगभग 5252  वर्ष पूर्व हुआ। वेद-वेदांग, धनुर्वेद, स्मृति, मीमांसा, न्यायशास्त्र व सन्धि, विग्रह, यान, आसन, द्वैत व आश्रय इन छः भेदों से युक्त राजनीति उनके अध्ययन के विषय थे।


2 - लोकनायकत्व - अरिष्ट नामक पागल बैल व कैशी नामक दुर्दम्य घोड़े को मारकर वे बचपन से ही गौकुल वासियों के नायक बन गए थे।


3 -  संघ राज्य के समर्थक - कंस का वध कर पुनः संघ राज्य की स्थापना की।


4 - अर्ध्यदान के पात्र युगपुरुष - राजसूर्य यज्ञ की समाप्ति पर भीष्म ने युधिष्ठिर से ये कह कर अर्ध्य दिलवाया कि, समस्त पृथिवी पर मानव जाति में अर्ध्य प्राप्त करने के सबसे उत्तम अधिकारी श्री कृष्ण ही हैं, क्योकि  वेद-वेदांग का ज्ञान व बल सम्पूर्ण पृथिवी पर इनके समान किसी और में नही है।


5 - संयम एवं ब्रह्मचर्य की साधना - विवाह के 12 वर्ष बाद तक ब्रह्मचर्य की साधना की  और प्रदुमन नामक पुत्र रत्न को प्राप्त किया। 

 नोट:-ऐसे महात्मा के लिए 8-8 पटरानियां व 16000 रानियां होने के दोष लगाना श्री कृष्ण को अपमानित करना है। सुतपत्नी रूकमणी को छोड़कर महाभारत या श्रीमद्भागवत में राधा नाम का कोई दूसरा पात्र नही है फिर भी उनके साथ जोड़ना बहुत बड़ा पाप करने समान है। ब्रह्मवैतादि पुराणकारों ने उनके उज्जवल चरित्र को कलंकित करने की कुत्सित चेष्टा की।


6 - ज्ञान के क्षेत्र में श्रीकृष्ण - ज्ञान के क्षेत्र में श्रीकृष्ण अप्रतिम थे। गीता का ज्ञान संसार का सर्वोच्च उदाहरण है। वे शास्त्रों में पारंगत, शस्त्रों में निपुण व राजनीति के बृहस्पति थे।


7 - महान योगी - श्रीकृष्ण महान योगी थे। महाभारत में श्रीकृष्ण ने तीन बार दृष्टि अनुबन्ध का प्रयोग किया। दुर्योधन के समक्ष राजदरबार में, युद्ध के समय अर्जुन को और तीसरी बार कौरवों को सूर्यास्त के भान कराया।

 

8 - कूटनीतिज्ञ - शुक्राचार्य ने अपने नीतिसार में लिखा है कि," कृष्ण के समान कुटनीतिज्ञ कोई इस पृथिवी पर नही हुआ।


9 -  मनोविज्ञानी - कर्ण से हारने के बाद युधिष्ठिर का मनोबल गिर गया था। पुनः शल्य के साथ युद्ध करने की अनुमति देकर उसका मनोबल बढ़ाया।


10 - पाखण्ड का विरोध - धर्म के नाम पर ढोंग फैलाने वालों को श्रीकृष्ण मिथ्याचारी तथा विमूढ़ कहकर भर्त्सना करते हैं।

 कर्मेन्द्रियणि संयम्य य आस्ते मन्सास्मरन्।

इन्द्रीयर्थानिविमूढात्मा मिथ्याचारः स उच्यते।। ( गीता ३/१३ ) 

कर्म ब्रह्मोदभवम विद्वि ब्रह्माक्षर समुद्र भवम। ( गीता ३/१४ ) 

अर्थात - *कर्म को तू वेद से उत्पन्न जान। और वेद परमात्मा से उतपन्न हुआ है*। अतः श्रीकृष्ण वेद को ही सर्वोपरि मानते हैं।


श्रीकृष्ण को भगवान क्यों कहते हैं ?


सम्पूर्ण ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान, और वैराग्य इन छः का नाम 'भग' है। जिसके पास इनमें से एक वान भी हो वह भगवान कहलाता है*। इसीलिए हम श्रीकृष्ण जैसे महापुरुषों को भगवान कहा जाता है।

(ईश्वर के पास भी ये सभी गुण है इसीलिए ईश्वर भी भगवान है । किन्तु भगवान ईश्वर नहीं है।क्योंकि ईश्वर निराकार अजन्मा सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान है )

  श्रीकृष्ण स्वयं कहते है कि मैं ईश्वर नही हूँ। महाभारत में वे कहते है कि, मैं यथासाध्य मनुष्योचित प्रयत्न कर सकता हूँ, किन्तु देव ( ईश्वर ) के कार्यो में मेरा कोई वश नहीं*।

इस प्रकार यह स्पस्ट है कि *श्रीकृष्ण महान योगी,महान राजनीतिज्ञ, महान कूटनीतिज्ञ, महान योद्धा, महान विद्वान तथा एक आप्त पुरुष थे।

आओ हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लें। दुष्टों का दमन करके धर्म की स्थापना करें और धर्म कर्म करते हुए फल की इच्छा न करें निःस्वार्थ भाव से समाज को उन्नत करें। और हम बुद्धि व बल प्रप्त कर अपने राष्ट्र व मनुष्य जाति का कल्याण करें*। हम मूढ़ बनकर उनका अपमान ना करें, अपितु उनके जीवन चरित्र का अधिक से अधिक प्रचार व प्रसार करें।

*श्रीकृष्ण* (जन्माष्टमी पर विशेष)

 *श्रीकृष्ण* 

(जन्माष्टमी पर विशेष)

    आइए श्री कृष्ण के महान चरित्र को जानकर हम भी अपने जीवन मे अपनाने का संकल्प लें।

*श्रीकृष्ण का महान व्यक्तित्व*

*१.जुए के विरोधी:-*

वे जुए के घोर विरोधी थे। जुए को एक बहुत ही बुरा व्यसन मानते थे। जब वे काम्यक वन में युधिष्ठिर से मिले तो उन्होनें युधिष्ठिर को कहा-

*आगच्छेयमहं द्यूतमनाहूतोsपि कौरवैः।*

*वारयेयमहं द्यूतं दोषान् प्रदर्शयन्।।*

-(वनपर्व १३/१-२)

अर्थ:-हे राजन्! यदि मैं पहले द्वारका में या उसके निकट होता तो आप इस भारी संकट में न पड़ते। मैं कौरवों के बिना बुलाये ही उस द्यूत-सभा में जाता और जुए के अनेक दोष दिखाकर उसे रोकने की पूरी चेष्टा करता।

*२. मदिरा(शराब) के विरोधी:-*

वे मदिरापान के घोर विरोधी थे। उन्होंने यादवों के मदिरापान पर प्रतिबन्ध लगा दिया था और उसका सेवन करने वाले के लिए मृत्युदण्ड की व्यवस्था की थी।

*अद्यप्रभृति सर्वेषु वृष्ण्यन्धककुलेष्विह।*

*सुरासवो न कर्त्तव्यः सर्वैर्नगरवासिभिः।।* 

मौसलपर्व

*यश्च नोsविदितं कुर्यात्पेयं कश्चिन्नरः क्वचित्।*

*जीवन् स कालमारोहेत् स्वयं कृत्वा सबान्धवः।।*

-(मौसलपर्व १/२९,३०,३१)

अर्थ:-आज से समस्त वृष्णि और अन्धकवंशी क्षत्रियों के यहाँ कोई भी नगरवासी सुरा और आसव तैयार न करे।

यदि कोई मनुष्य हम लोगों से छिपकर कहीं भी मादक पेय तैयार करेगा तो वह अपराधी अपने बन्धु-बान्धवोंसहित जीवित अवस्था में सूली पर चढ़ा दिया जाएगा।

*३. गोभक्ति:-* वे गोभक्त थे। गोपों के उत्सव में हल और जुए की पूजा होती थी। श्रीकृष्ण ने गोपों को समझाया कि वे इसके स्थान पर गोपूजन करें। हमारे देवता तो अब गौएँ हैं,न कि गोवर्धन पर्वत। गोवर्धन पर घास होती है। उसे गौएँ खाती हैं और दूध देती हैं। इससे हमारा गुजारा चलता है। चलो गोवर्धन और गौओं का यज्ञ करें। गोवर्धन का यज्ञ यह है कि उत्सव के दिन सारी बस्ती को वहीं ले चलें। वहाँ होम करें। ब्राह्मणों को भोजन दें। स्वयं खाएँ औरों को खिलाएँ। इससे पता चलता है कि वे परम गोभक्त थे।

*४.ब्रह्मचर्य का पालन (एक पत्नीव्रत):-*

महाभारत का युद्ध होने से पहले श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा से कहा था-

*ब्रह्मचर्यं महद् घोरं तीर्त्त्वा द्वादशवार्षिकम्।*

*हिमवत्पार्श्वमास्थाय यो मया तपसार्जितः।।*

*समानव्रतचारिण्यां रुक्मिण्यां योsन्वजायत।*

*सनत्कुमारस्तेजस्वी प्रद्युम्नो नाम में सुतः।।*

-(सौप्तिकपर्व १२/३०,३१)

अर्थ:- मैंने १२ वर्ष तक रुक्मिणी के साथ हिमालय में ठहरकर महान् घोर ब्रह्मचर्य का पालन करके सनत्कुमार के समान तेजस्वी प्रद्युम्न नाम के पुत्र को प्राप्त किया था। विवाह के पश्चात् १२ वर्ष तक घोर ब्रह्मचर्य को धारण करना उनके संयम का महान् उदाहरण है।

*ऐसे संयमी और जितेन्द्रिय पुरुष को पुराणकारों ने कितना बीभत्स और घृणास्पद बना दिया है।*

*राधा कौन थी? 😘

*वृषभानोश्च वैश्यस्य सा च कन्या बभूव ह।*

*सार्द्धं रायणवैश्येन तत्सम्बन्धं चकार सः।।*

*कृष्णमातुर्यशोदाया रायणस्तत्सहोदरः।*

*गोकोले गोपकृष्णांश सम्बन्धात्कृष्णमातुलः।।*

-(ब्रह्म० प्रकृति ४९/३२,३७,४०)

अर्थ:- राधा वृषभानु वैश्य की कन्या थी। रायण वैश्य के साथ उसका सम्बन्ध किया गया। वह रायण यशोदा का भाई था और कृष्ण का मामा था। राधा उसकी पत्नि थी। सो राधा तो कृष्ण की मामी ठहरी।

मामी और भांजे का प्रेम-व्यापार कहाँ तक उचित है?

पुराणकारों ने कृष्ण के स्वरुप को बिगाड़ दिया। उनके पवित्र व्यक्तित्व को घृणित और बीभत्स बना दिया।

*योगेश्वर श्री कृष्ण महाराज की जय*

*सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो*

*आप सभी को जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं*

Sunday, August 25, 2024

*मैं हिंदू हूँ !!*

 🙈🙉🙊

*मैं हिंदू हूँ !!*

ओशो ने कहा -

जब से मैंने होश संभाला है लगातार सुनता आ रहा हूँ कि-

बनिया कंजूस होता है !!

नाई चतुर होता है !!

ब्राह्मण धर्म के नाम पर सबको बेवकूफ बनाता है !!

यादव की बुद्धि कमजोर होती है !!

राजपूत अत्याचारी होते हैं !!

दलित गंदे होते हैं !!

जाट, गडरिया और गुर्ज्जर बेवजह लड़ने वाले होते हैं !!

मारवाड़ी लालची होते हैं !! 

और ना जाने ऐसी कितनी असत्य परम ज्ञान की बातें सभी हिन्दुओं को आहिस्ते-आहिस्ते सिखाई गयी ...!!

नतीजा! 

हीन भावना ...!!

 एक दूसरे की जाति पर शक और द्वेष धीरे-धीरे आपस में टकराव होना शुरू हुआ और अंतिम परिणाम हुआ कि मजबूत, कर्मयोगी और सहिष्णु हिन्दू समाज आपस में ही लड़कर कमजोर होने लगा .....!!

उनको उनका लक्ष्य प्राप्त हुआ ! हजारों साल से आप साथ थे! आपसे लड़ना मुश्किल था !!

अब आपको मिटाना आसान है !!

आपको पूछना चाहिए था कि अत्याचारी राजपूतों ने सभी जातियों की रक्षा के लिए हमेशा अपना खून क्यों बहाया

आपको पूछना था कि अगर दलित को ब्राह्मण इतना ही गन्दा समझते थे तो बाल्मीकि रामायण जो एक दलित ने लिखा उसकी सभी पूजा क्यों करते हैं। 

माता सीता क्यों महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रहती। 

आपने नहीं पूछा कि आपको सोने का चिड़ियाँ बनाने में मारवाड़ियों और बनियों का क्या योगदान था। 

सभी मंदिर स्कूल हॉस्पिटल बनाने वाले लोक कल्याण का काम करने वाले बनिया होते हैं! सभी को रोजगार देने वाले बनिया होते हैं! सबसे ज्यादा आयकर देने वाले बनिया होते हैं । 

जिस डोम को आपने नीच मान लिया, उसी के हाथ से दी गई अग्नि से आपको मुक्ति क्यों मिलती है। 

जाट  ,गडरिया और गुर्जर अगर मेहनती लड़ाके नहीं होते तो आपके लिए अन्न का उत्पादन कौन करता, सेना में भर्ती कौन होता। 

जैसे ही कोई किसी जाति की, कोई मामूली सी भी, बुरी बात करे, उसे टोकिये और ऐतराज़ कीजिये

याद रहे!

आप सिर्फ हिन्दू हैं। हिन्दू वो जो हिन्दूस्तान में रहते आये हैं ...!!

हमने कभी किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं किया तो फिर अपने हिन्दू भाइयों को कैसे अपमानित करते हो और क्यों 

अब न अपमानित करेंगे और न होने देंगे! एक रहें सशक्त रहें ...!!

मिलजुल कर मजबूत भारत का निर्माण करें !!

*मैं ब्राम्हण हूँ*

*जब मै पढ़ता हूँ और पढ़ाता हूँ !!*

*मैं क्षत्रिय हूँ*

*जब मैं अपने परिवार की रक्षा करता हूँ !!*

*मैं वैश्य हूँ*

*जब मैं अपने घर का प्रबंधन करता हूँ !!*

*मैं शूद्र हूँ*

*जब मैं अपना घर साफ रखता हूँ !!*

*ये सब मेरे भीतर है इन सबके संयोजन से मैं बना हूँ !!*


*क्या मेरे अस्तित्व से किसी एक क्षण भी इन्हें अलग कर सकते हैं*

क्या किसी भी जाति के हिन्दू के भीतर से ब्राहमण, क्षत्रिय, वैश्य या शूद्र को अलग कर सकते हैं। 

*वस्त्तुतः सच यह है कि हम सुबह से रात तक इन चारों वर्णों के बीच बदलते रहते हैं !!*

*मुझे गर्व है कि मैं एक हिंदू हूँ !!*

मेरे टुकड़े-टुकड़े करने की कोई कोशिश न करें ...!!

*मैं हिन्दू हूँ हिन्दुस्तान का*

*मैं पहचान हूँ हिन्दुस्तान का ...!!!*

*जय हिंद.. वन्दे मातरम्..* 🇮🇳🇮🇳

साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है

 साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।लेकिन आज #योग और #आयुर्वेद पर चर्चा कर रहे हैं।ऐसे माहौल में जब #एलोपैथी ने ...