Followers

Sunday, June 30, 2024

बंगाल में भाजपा को वोट देने का नतीजा देख लो*🫵🤔 *पश्चिम बंगाल तालिबानी शासन की तरह हो गया है😳

 *बंगाल में भाजपा को वोट देने का नतीजा देख लो*🫵🤔

*पश्चिम बंगाल तालिबानी शासन की तरह हो गया है😳*


रात के ग्यारह बजे पांच जिहादी🕋🔪 मुझे घसीटकर अपने मोहल्ले में ले गए, बीच सड़क पर पेड़ से बांध दिया और डंडों से पीटा। इतना ही नहीं, मेरे तीन बेटों को भी घर से बाहर निकाल कर मेरे सामने पीटा। मेरे कपड़े फाड़ दिए गए।


सिर्फ इसी वजह से मैंने भाजपा को वोट दिया। अभी मेरा राशन बंद है, वे मुझे धमकी देते हैं कि वे मेरा गला काट देंगे और मेरे सिर से फुटबॉल खेलेंगे और मेरे बेटों को भी मार देंगे। पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।


मुझे और मेरे बेटों को बचाओ। आप सभी जानते हैं कि कूच बिहार और चोपड़ा में महिलाओं के साथ क्या हुआ। पश्चिम बंगाल में आम लोगों की महिलाओं पर टीएमसी जिहादियों द्वारा किया जा रहा भयानक अत्याचार वाकई दुखद है।


आए दिन इतना सब कुछ देखने सुनने के बावजूद भी भाजपा सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की पहल नहीं कर रही यही कारण है कि बंगाल में भाजपा हर चुनाव हारती है और आगे भी हारेगी


श्री दुर्गयाना तीर्थ, अमृतसर

 *श्री दुर्गयाना तीर्थ, अमृतसर 🛕*


सनातन संस्कृति के वाहकों की पवित्र भूमि अमृतसर में स्थित है आदिशक्ति जगदंबा का मंदिर, जो श्री दुर्गयाना तीर्थ के नाम से विश्वविख्यात है.


इस मंदिर की मुख्य इष्ट देवी मां दुर्गा हैं, जिनकी उपासना यहां की जाती है. यह मंदिर एक विशाल जल कुंड के मध्य में स्थित है, जो इसके आकर्षण का एक प्रमुख कारण भी है.


इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था. तत्पश्चात वर्ष 1921 में सिख गुरु रामदास जी के वंशज हरसाई मल कपूर द्वारा इसका जीर्णोद्धार करवाया गया.


मंदिर के वर्तमान स्वरूप की स्थापत्यकला हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) से मेल खाती है. इस मंदिर के जीर्णोद्धार के समय इसकी आधारशिला पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने रखी थी.


*मेरी संस्कृति...मेरा देश...मेरा अभिमान 🚩*






तेलंगाना चुनाव में अमित शाह ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आए...

 तेलंगाना चुनाव में अमित शाह ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आए तो राज्य में मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे। कांग्रेस के इकोसिस्टम ने इस वीडियो से मुस्लिम शब्द काट कर पूरे भारत में फैला दिया कि बीजेपी सरकार आई तो आरक्षण खत्म कर देंगे।


बीजेपी का इकोसिस्टम कितना कमजोर निकला की इसकी काट नहीं ढूंढ पाई। एक एफआईआर हुआ भी लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ।


 कांग्रेस के इको सिस्टम में दूसरा नरेटिव फैलाया, जो आज तक कायम है कि मोदी सरकार तीसरी बार आई तो संविधान खत्म कर देंगे। यह नॉरेटिव भी चल गया।

 इसका एकमात्र कारण यह है कि बीजेपी का मीडिया सेल बहुत ही कमजोर और नालायक है। 


देश में ऐसे हजारों हिंदू हैं जो बीजेपी, संघ के सदस्य ना होते हुए भी उनसे  बड़े सनातनी हैं।उनके लिए काम करते हैं लेकिन बीजेपी के बड़े नेता उन्हें पूछते भी नहीं।


बीजेपी के बड़े नेता विरोधी खेमे के किसी एक नेता को तोड़ने में ही अपनी कामयाबी समझते हैं।


2019 में बुरी हार के बाद कांग्रेस को समझ में आ गया के सोशल मीडिया बहुत ही ताकतवर माध्यम है यह अफवाह फैलाने के बहुत काम आता है।


 इसका एक ताजा उदाहरण है इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एक कैनोपी गिर गया कांग्रेस के इको सिस्टम ने प्रियंका गांधी के माध्यम से अफवाह फैला दिया कि इस कैनोपी का उद्घाटन मोदी ने किया था। जब तक इसकी असलियत बाहर आती तब तक बहुत देर हो चुका था। यहां भी बीजेपी का मीडिया सेल एकदम नकारा साबित हुआ। 


अगर बीजेपी ने अपना इकोसिस्टम कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा मजबूत नहीं किया तो आने वाले राज्यों के चुनाव में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।


भारतीय जनता पार्टी को या तो अपना सिस्टम इतना मजबूत  करना पड़ेगा कि वह पीछे रह जाएं जैसे 2014 और 19 में रहे थे या फिर सरकार कानून ही इतना सख्त बनाए की कोई फर्जी खबर चला ही ना सके




4 जून के बाद से आज सबसे ज्यादा खुशी वाला दिन रहा

 4 जून के बाद से आज सबसे ज्यादा खुशी वाला दिन रहा।


हार्दिक ने भी बहुत कुछ झेला है और मैं भी उसे कोसने में एक हूँ। पर आज उसके एक एक आंसू मन मे ग्लानि भर रहे थे।

SKY को भी बेवजह लपेटा जाता है जिसकी वजह जातिवादी हैं लेकिन आज उसका कैच भी सबसे बड़े टर्निंग पॉइंट्स में से एक था।

अक्षर ने जो बैटिंग से किया उसका किया कराया बॉलिंग में कर दिया था लेकिन वो हो या कुलदीप, दोनों कई मैच के हीरो रहे हैं।

कोहली ने आखरी दिन दिखा दिया कि वो किंग ही है जो अब हमें देखते हुए नही दिखेगा।(थैंक्यू किंग इस जर्नी के लिए)

बाकी बुमराह जैसा सितारा हो या अर्शदीप जैसा या अन्य खिलाड़ी सबका टीम एफर्ट है ये जिसमें राहुल द्रविड़ को भी नही भूलना चाहिए। आज जो उनका उत्साह था सोचिए कितना इंतजार था उन्हें जो उनके पूरे क्रिकेट करियर में उन्हें नही मिल पाया।

अंत मे रोहित शर्मा, जिसकी कप्तानी भारत के सफलतम कप्तानों में से एक के रूप में याद रखी जायेगी। वनडे वर्ल्ड कप में भी वो अविजित टीम को आगे बढ़ा रहे थे लेकिन आखरी दिन उनका नही था लेकिन इस बार उन्होंने बताया दिया कि एक अविजित कप्तान कैसा होता है।


कुल मिलाकर चैंपियन कैसे होते हैं वो टीम इंडिया ने दिखाया है। आशा करते हैं कि ये यात्रा ऐसे ही भविष्य में भी बनी रहेगी।


शाबाश टीम इंडिया, भारत माता की जय।

 वंदे मातरम


संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी ने कहा है कि अरुंधती राय पर जो मुकदमा किया है...

 संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी ने कहा है कि अरुंधती राय पर जो मुकदमा किया है उसको वापस ले लो इस खबर पर एक भाजपा के मित्र ने सोशल मीडिया पर लिखा कि देखो कैसे इकोसिस्टम कम कर रहा है मैंने उनको वापस यह जवाब दिया है


कब तक हम इकोसिस्टम का बहाना लेंगे सरकार हमारी है 14 से 10 साल तक फैसला क्यों नहीं लिया दिल्ली के LG ने


ठीक है कुछ चीजों के लिए एक का सिस्टम का बहाना चल सकता है लेकिन सरकार यदि गोर ही नही की तो इकोसिस्टम क्या करेगा


मोदी जी दंड का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं जबकि यह परम सत्य है कि शासन बगैर दंड के कभी चलता ही नहीं है नतीजा यह है कि भारत के विपक्ष ने इस समय भाजपा और सरकार को अपनी उंगलियों पर नचा रखा है


वे सुबह उठते हैं फिर एक नया झूठ बोलते हैं और उसे झूठ को शाम तक इतना फैला देते हैं कि लोगों को सच लगने लगता है भाजपा का आईटी सेल तो लगभग खत्म जैसा ही है सोशल मीडिया पर आप मेरे जैसे भगत सच्चाई को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं लेकिन झूठ हमेशा ज्यादा फैलता है


उनकी तीन स्टेट में सरकार है और उन्होंने सैकड़ो पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज करवा दिए जबकि केंद्र में और कितने राज्यों में होने के बावजूद भाजपा वाले नहीं करवाते हैं अब देखिए आम आदमी आप जैसे और मेरे जैसे तो मुकदमे दर्ज करवाने से रहे हमने सता उनको सौंप दी है उनके साथ खड़े हैं उसके बावजूद यदि नहीं कर रहे हैं तो गलती उनकी है


पिछले 10 वर्षों में मोदी जी ने कभी भी ऐसा नहीं लगा कि झूठ बोलने वालों के खिलाफ कभी दंड का इस्तेमाल किया हो बल्कि वह हर बार विपक्ष के दबाव में आ गए हैं ऐसा मानते हुए मुझे बिल्कुल भी संकोच नहीं होता है क्योंकि देख रहे हैं ना


बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ता मारे गए हैं ईडी पर हमला हो गया सीबीआई पर हमला हो गया आखिर बंगाल के लिए मोदी जी किस बात का इंतजार कर रहे हैं यदि कश्मीर में हिंदुओं के खातमे के लिए कांग्रेसी दोषी है तो बंगाल के लिए मोदी जी दोषी साबित हो रहे हैं


बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद में जो बंगाल में रह रहे ना आप उनसे पूछिए कि वे किसी हालत में रह रहे हैं और उसी का नतीजा है कि लोकसभा में आपने देख लिया होगा आखिर बंगाल का हिंदू या कोई दूसरा बीजेपी के साथ क्यों जुङा रहेगा जब उनकी परवाह ही नहीं कर रहे हैं

बस वह तो यह बोल देते हैं दीदी तो दीदी

और यह सब बातें मोदी जी के खिलाफ लिखते हुए मन में बहुत दर्द है बहुत पीड़ा है लेकिन क्या करें सच्चाई तो यही है ना


यह ईकोसिस्टम वाला अब लोगों को बताते हैं ना तो लोग हमारे ऊपर हंसते हैं  हमारी कमजोरी ही साबित होती है



दक्षिण अफ्रीका, क्रिकेट इतिहास की सबसे जुझारू लेकिन सबसे बदनसीब टीम

 दक्षिण अफ्रीका, क्रिकेट इतिहास की सबसे जुझारू लेकिन सबसे बदनसीब टीम। एक ऐसी टीम जो अपने माथे पर चोकर्स का धब्बा लगाकर घूम रही है और लाख कोशिशों के बाद भी इससे छुटकारा नही पा पा रही है। 


लास्ट मूमेंट में हारने की बदकिस्मती अगर इस टीम के साथ न होती तो यह टीम टेबल पॉइंट में ऑस्ट्रेलिया से दो कदम ऊपर होती। आम तौर पर दो टीमों के बीच मुकाबले में एक टीम जीतती है और एक हारती है।

लेकिन दक्षिण अफ्रीका के साथ खेलते हुए विपक्षी टीम कभी यह महसूस नही कर पाती की  दक्षिण अफ्रीका हारी है। 


जीत की खुशी तो होती है लेकिन वो जीत दक्षिण अफ्रीका से मिली है ऐसा नही महसूस होता। यह टीम विश्व कप 2024 की ट्रॉफी नही जीत पाई क्योंकि यह इससे ज्यादा डिजर्व करती है। दक्षिण अफ्रीका को एक भारतीय के रूप में मैं वो तोहफा देना चाहती हूँ जो ट्रॉफी से भी ज्यादा कीमती है। 


मैं चाहता हूँ ट्रॉफी के बदले दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत से असली बापू के नकली चेले ले जाये और उन्हें उसी ट्रेन से धक्का दे दे। बस इस बार धक्का ट्रेन के इंजन के सामने की ओर देना है।




अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक जहां जहां बीजेपी हारी है

 अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक जहां जहां बीजेपी हारी है , भाई लोग बड़े चटखारे ले लेकर उन शहरों के नाम गिना रहे हैं । वे खुश हैं कि वनवास के समय राम जहां जहां होकर लंका पहुंचे , वे सभी सीट इंडी गठबंधन ने हथिया ली हैं । उद्देश्य यह बताना है कि राम का नाम लेने वालों को राम ने बिसरा दिया । 


राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए बीजेपी सांसद विद्वान सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने ठीक ही कहा कि राम को नकारने वालों को अब वे सारे नाम याद आ रहे हैं जो राम के यात्रा पथ से जुड़े हैं । भले ही

यह याद आने का कारण कुछ और है । परंतु इस बहाने विपक्षी दलों को भी राम की याद आई तो । बहरहाल अखिलेश आजकल अयोध्या से जीते सपा सांसद अवधेश प्रसाद को न केवल साथ लिए घूम रहे हैं अपितु उन्हें अयोध्या के अवधेश बताने से भी गुरेज नहीं कर रहे । संसद में भी उन्हें अपने पास बैठा रहे हैं ।


बात केवल अयोध्या , बस्ती , प्रयाग , चित्रकूट , रामेश्वरम आदि सीटों से भाजपा की पराजय तक सीमित नहीं है । संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देने का अवसर सांसदों को दिया गया है । यह संसदीय परंपरा है , जिसका पालन संसद शुरू होने पर किया जाता है । लेकिन संसद में दो दिनों से जो हो रहा है वह दुःखद है । 


दरअसल विपक्ष स्वीकार ही नहीं कर पा रहा कि वह सत्ता पाने से तीसरी बार भी वंचित हो गया है । इसलिए किसी भी सूरत में संसद न चलने देने की  योजना पर काम चल रहा है । ऐसा पिछले दस वर्ष से हो रहा है । सत्ता पक्ष अंततः तमाम प्रस्ताव पास करा ही लेता है । विपक्ष दिखाना चाहता है कि इस बार कोई प्रस्ताव पारित नहीं होने दिया जाएगा । तथापि एनडीए का बहुमत है और विरोध के बावजूद सरकार अपना काम काज पूरा करा ले जायेगी ।


देखिए संसद चलाना सत्तारूढ़ दल की भी जिम्मेदारी है और उतनी ही विपक्ष की भी । नई संसद में आपातकाल के विरुद्ध लोकसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव पारित कराया तथा राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का जिक्र आया । इससे कांग्रेस खासी चिढ़ गई है । कल राहुल गांधी के बोलते बोलते उनकी आवाज जैसे बंद हुई या की गई , वह भी काफी दुर्भाग्यपूर्ण है । माहौल सामान्य करने की जिम्मेदारी सरकार की है , अध्यक्ष की है । दोनों ओर से गलतियां होती रही तो वास्तव में संसद नहीं चल पाएगी । 


इसमें कोई शक नहीं कि अच्छी संख्या में सीटें हासिलकर इंडी अलायन्स  लड़ने पर उतारू है ।  मिलजुलकर आगे बढ़ने की कल्पना निरर्थक साबित हो रही है । तो क्या अगले पांच साल ऐसे ही चलने वाला है । मतलब इंडिया ब्लॉक सरकार के टूटने की बात जोहेगा और सरकार इंडिया ब्लॉक को तोड़ने की कोशिशें करेगी । इसका अर्थ यह कि जैसा चल रहा था वैसा ही चलेगा । फिर क्या कर सकते हैं , मजबूरी है ? संसद में कामकाज हो , इसका रास्ता पक्ष विपक्ष दोनों के लिए खोजना जरूरी है ।


ससद मे आधुनिक चाणक्य की  दहाङ


यह प्रसन्न चित दिखने वाला व्यक्ति दुनिया के सबसे बड़ी राजनीतिक दल भाजपा की..

 यह प्रसन्न चित दिखने वाला व्यक्ति दुनिया के सबसे बड़ी राजनीतिक दल भाजपा की अध्यक्ष है. और इन्होंने बंगाल में समाप्त हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर रिपोर्ट मंगवाया था, देखिए उस रिपोर्ट को अनावरण करके कितना प्रसन्न दिख रहे हैं !? क्या इन्हें पता भी है कि वहां पर हो रहे नृशंसता पर इनका क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए !? और दूसरी बात, इस रिपोर्ट का आप करोगे क्या !? 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान में भी तो कमिटी भेजी थी, उसकी रिपोर्ट का क्या किया आप लोगों ने !? 


शर्म नहीं आ रही है आप लोगों को, बंगाल में भाजपा के वोटर और सपोर्टर मारे जा रहे हैं और आप रिपोर्ट पर रिपोर्ट मंगवा रहे हो बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद में वहां क्या हालत हुई थी आपको पता नहीं है क्या उसे समय वाली रिपोर्ट का भी अभी पता नहीं है क्या हुआ अब आपने फिर रिपोर्ट मंगवा ली है

बंगाल में ईडी और सीबीआई पर हमले हो चुके हैं उसके बाद भी आप रिपोर्ट मंगवा रहे हो


यदि कांग्रेस शासन में होती और यह हालात होते तो दुख नहीं था क्योंकि उनका तो काम ही है लेकिन भाजपा से यह बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि अपने कार्यकर्ताओं की मौत को वह देखते रहे और खुद सत्ता प्राप्त करके केंद्र में मजे से रहे, हालांकि लोगों ने आपको दंड दिया है अभी भी संभल जाइए बंगाल को संभालिए

वरना इस रिपोर्ट की बत्ती बनाकर पिछवाड़े में रख लेना


यदि कश्मीर से हिंदुओं की खराब हालत के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है तो मोदी जी और नडा जी बंगाल के लिए आप जिम्मेदार होंगे और इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा




सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री. हरीश साल्वे की चेतावनी।

 सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री.  हरीश साल्वे की चेतावनी।


 *ध्यान से पढ़ें।  एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश।*

  नवंबर में बीजेपी को राज्यसभा में बहुमत मिलेगा और 25 दिसंबर से 31 मार्च के बीच 25 नए बिल पास होंगे जिनमें सबसे अहम बिल *जनसंख्या नियंत्रण बिल* होगा. याद रखें कि यह आपके जीवन का सबसे कठिन समय होगा।  मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे अभी से तैयारी करें।  अपने आसपास के लोगों से अवगत रहें।  उन्हें समझाएं कि उस समय हमें बहुत ही चतुराई और सावधानी से काम लेना चाहिए।  सबसे अहम बात यह है कि हम ऐसे समय में अपने परिवार और समाज के लोगों को सुरक्षित रखना चाहते हैं।  इसके लिए तैयारी न करने से बड़ा हादसा हो सकता है।

 एक बार इन सभी बिलों के पारित हो जाने के बाद, देश भर में एक बार में एक बड़ा गृहयुद्ध छिड़ सकता है।  आप तैयार हों या न हों, विरोधियों की तैयारी भारी पड़ रही है.  उनकी तैयारियों के नमूने दिल्ली और बेंगलुरु में देखे गए हैं।  साथ ही चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध की प्रबल संभावना है।  सेना सीमा पर व्यस्त रहेगी, यानी देश के अंदर कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होगी.  तो यह हमारी एकता और समझ में हमारे हित में है।


 *क्या करें:*


 समुदाय में कहीं अपने 8-10 पड़ोसियों के साथ बैठने का एक दिन और समय निर्धारित करें।  फिर अगले दो दिनों में 8-10 और लोगों को इकट्ठा करें और उनसे कहें कि हम हर हफ्ते यहां बैठेंगे।  इस प्रक्रिया को दो या तीन बार दोहराने से आपका पूरा मोहल्ला साप्ताहिक बैठक में शामिल हो जाएगा।  यदि वे मंदिर में एकत्रित हों तो पूजा के बाद उनसे धर्म, जाति उन्मूलन, स्वच्छता, सहयोग, स्वास्थ्य, समाज, शहर, देश की बात करें और उन्हें बताएं कि इस सुरक्षा घेरे में अब कोई जिहाद नहीं कर पाएगा। समय।  प्रसारण, प्रचार करो, मेहनत करो ताकि हर सड़क पर अच्छी सुरक्षा हो और हर गली में हर मंदिर इस नारे से देश भर में गुंजायमान हो।  गली-गली में हिन्दू एकता के प्रति जागरुकता पैदा करें।


 *गणित समझिए*

  आजादी के 73 सालों में भारत की मुस्लिम आबादी 3 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ हो गई है, यानी दस गुना सोचिए कि अगले 70 सालों (2090) में क्या होगा।

 फिर 300 करोड़ और...


 *सोच*

 1- हमारी संपत्ति का क्या होगा ?


 2- हमारे बिजनेस का क्या होगा ?


 3- हमारे काम का क्या होगा ?


  4- हमारे मंदिरों का क्या होगा ?


  5- हमारी बेटी स्कूल कैसे जाएगी ?


 6- हमारे संविधान का क्या होगा ?


 7- हमारे आरक्षण का क्या होगा ?



  8- हमारे नेतृत्व का क्या होगा?


  9- आपकी जाति के लोगों का क्या होगा ?

  तो क्या हमारी स्वार्थी बुद्धि कोई उपाय निकाल सकती है? नहीं तो जो कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुआ वह होगा। तो हमारी स्वार्थी बुद्धि कोई हल निकाल सकती है नहीं तो जो कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुआ वो होगा।  इसलिए सीएए, एनआरसी, एनपीआर और जनसंख्या नियंत्रण विधेयक आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। 

 

 मैं तैयार हूं और मैं अगले 5 समूह जोड़ रहा हूं।  और मैं उन 5 ग्रुप्स को कहूंगा कि अगले 5 ग्रुप्स को भी आपस में जोड़ने की कोशिश करें।


 *सिर्फ पांच ग्रुप में फॉरवर्ड करें।*

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

विनाशकाले विपरीत बुद्धी* ईसे कहते हैं : *मवेशी owesi*

 *विनाशकाले विपरीत बुद्धी* 

ईसे कहते हैं :


*मवेशी owesi* सब से बडा *उल्लू का बंदा* हैं ये उसने खुदने पुरे भारत देश के सामने सिद्ध कर दिया.ये मिठ तो भारत देश का खाता हैं परंतु उसने खुदने ही सिद्ध कर दिया की उसकी निष्ठा उसके ही कौमी मजहबी मुलकोंसे हैं.

ये इतना बडा उल्लू का बंदा हैं जीसने अपनी वोटोंके आधार पर मिली हुई जीत को अपने कर्मोंसे हार मे बदल दिया,व उसकी प्रतिस्पर्धी माधवीलताजी की हार को ईसकी खुदकी  मूर्खताके कारण विजयश्री मे बदल दिया.

उसने फिर एकबार सिद्ध कर दिया की मुसलमानों व्होट्स केवळ buffer stock votes bin ही हैं,उनका मूल्य केवल ना के बराबर ही हैं,क्योंकी देश मे ऐतिहासिक 15.08 का chapter उसके ही अब्बू-मामू जान लोगोने हिन्दुओं के रक्त की स्याही से लिखां तथा उनके  हक्क का  *डस्टबीन-ए-पापी सैतान* नामका अलग मुल्क लेकार 15.08 से ही ऊस chapter को भारत मे close भी कर दिया.*15.08 CHAPTER CLOSED* 

अब तत्पश्चात भारत मे मुसलमानों के अस्तित्व का कोई प्रश्न ही नाही बनता, और यदी कोई मुसलमान हैं,तो उसकी व्हॅल्यू केवल *ZERO* हैं उसके अतिरिक्त कूछ भी नहीं.

मुसलमानों का व्होट्स बँक केवळ buffer stock votes bin ही हैं किसी भी काम का नहीं.

 Either of the political idiotologilcal extreems have equal opportunity to exploid them for their own political benefits to increase their no.of seats.This is the only rekevence to their votes nothing more than that.

owesi को तो उसकी उसी कौमी मजहबी *votebin* से votes मिले हैं,जो की एक *buffer stock votesbin* हैं. उसे भरातियोंके मत मिले ही नही हैं. इसके विपरीत उसकी प्रतिस्पर्धी माधवी लताजी को जितने भी मत मिले हैं,वो केवळ शुद्ध भारातियोंके मत हैं,ना की किसी *अवैध घुस्पेठीये डस्टबीन-ए-पापीसैतानी buffer stock votesbin* के *zero value votes*.

इस प्रकार *takbir ullu hai akbar, jai mim - philistin* जैसी  नारेबाजी संसद के शपथ ग्रहण के समय करके एक बहुत बडा प्रमाद-एक राष्ट्रद्रोह करके उसने ऊसी बॉम्ब की बाती जला दी जिसके उपर वह उसकी कौम के साथ बैठा हुआ हैं, तथा उसने खुदने ही यह डंके  की चोट पर स्वीकार कर लिया हैं की शुद्ध भारतियोंके मतोंके आधारपर माधवी लता जी ही चुनाव जीत चुकी हैं,और उसकी मजहबी votesbin केवळ  buffer stock votes bin हैं, जिसकी कोई किंमत नहीं हैं.

अब तो काँग्रेसी तथा वामपथी भी उसका साथ नहीं दे सकते,क्योंकी वो भी भारतीय हैं व भारत पर उनका प्रेम हैं. ईस उल्लू के बंदे का साथ देकर कौन अपनी जगहसाई कर लेगा?

इस्की ये उल्लुगिरी भारत मे इस्लाम के अंत की शुरुवात हो चुकी है, उसीका संकेत दे रही हैं.

🌞🔥🏹🎺🚂⏰🚩🙏

अभी रिजवान अहमद का जर्मन पॉटी पर बना वीडियो देख लिया। आप भी मिस न करें।

 अभी रिजवान अहमद का जर्मन पॉटी पर बना वीडियो देख लिया। आप भी मिस न करें।


मैं हमेशा से कहता हूँ कि जर्मन पॉटी एक नम्बर का चुइया है जिस वजह से मैं इस जैसे को कभी भाव नही देता हूँ लेकिन बहुत से इसके वीडियो बनाने से डर जाते थे कि इसके वीडियो का कितना असर हो रहा है जबकि हकीकत ये थी कि इतने वीडियो बनाने पर भी ये अपने दिल्ली वाले बाप को एक सीट नही जीता सका जिसने खुद भी कितने तरह के विक्टिम कार्ड से लेकर तानाशाही, कोर्ट की मेहरबानी आदि सब कुछ किया।



खैर तो रिज़वान अहमद का वीडियो जरूर देखना जो उन्होंने इसके "अगर मैं प्रधानमंत्री होता" पर बनाई है। इस पॉटी के चैनल पर जाकर इसे पैसे कमवाने की जरूरत नही है, रिजवान वाली ही देखना।


अंत में इस पोस्ट के मकसद को बता दूं कि जैसा मैंने कहा था कि ये हमेशा से एक नम्बर का चुइया है जो टूलकिट द्वारा फेंकी स्क्रिप्ट को पढ़ वीडियो बनाता है, और जब इसने ये लेटेस्ट वीडियो अपनी पॉटी बुद्धि से बनाया तो इसने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार दी और एक्सपोज़ हो गया कि ये वाकई किस लेवल का चमन चुइया है।।



भविष्य में न बीजेपी होगी, न टीएमसी, न कांग्रेस, न वाम मोर्चा।

 *भविष्य में न बीजेपी होगी, न टीएमसी, न कांग्रेस, न वाम मोर्चा।*


   सऊदी अरब के प्रोफेसर नासिर बिन सुलेमान उल उमर का कहना है कि भारत गहरी नींद में है।  इस्लाम तेजी से बढ़ रहा है और हजारों मुसलमान पुलिस, सेना, नौकरशाही में घुसपैठ करके महत्वपूर्ण संगठनों में घुस गये हैं।  इस्लाम भारत में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।


   आज भारत भी विलुप्ति के कगार पर है।  जिस प्रकार किसी राष्ट्र के उत्थान में दशकों लग जाते हैं, उसी प्रकार इसके विनाश में भी समय लगता है।


   भारत रातोरात ख़त्म नहीं होगा.  इसे धीरे-धीरे दूर किया जाएगा.  हम मुसलमान होने के नाते इसे बहुत गंभीरता से अपनाते हैं।  भारत तो नष्ट हो ही जायेगा.


   भारत में प्रतिदिन लगभग 65,000 बच्चे पैदा होते हैं।  इनमें से लगभग 40,000 मुस्लिम बच्चे हैं और लगभग 25,000 हिंदू और अन्य धर्मों के बच्चे हैं।  यानी जन्म दर मुसलमानों की कुल आबादी का लगभग 20% है!!!  अब पैदा होने वाले बच्चों में मुस्लिम बहुसंख्यक और हिंदू अल्पसंख्यक हैं।  इस दर से 2050 तक भारत में मुसलमान बहुसंख्यक हो जायेंगे।


   भारत को मुस्लिम देश बनने से कोई नहीं रोक पाएगा और भारत तुरंत दंगों की आग में जल जाएगा।  हम मुसलमान हिंदुओं को मारकर ख़त्म कर देंगे.  आज, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुसलमान आबादी का लगभग 20% हैं, लेकिन वास्तव में वे 25% से अधिक हैं।


   सरकारी आंकड़े गलत हैं क्योंकि वहाबी मुसलमान जानबूझकर वास्तविक संख्या छिपाते हैं और काफिर हिंदुओं को अनजान रखने के लिए इस बढ़ती आबादी को अपने हथियार के रूप में दर्ज नहीं करते हैं।


   भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर महाधोखाधड़ी चल रही है, लेकिन अभागे हिंदू अभी भी गहरी नींद में हैं।


   हिंदुओं ने कश्मीर को देखकर सबक क्यों नहीं सीखा, जहां हिंदुओं को अपनी सारी संपत्ति और महिलाएं और लड़कियां छोड़नी पड़ीं।


   भारत तब तक धर्मनिरपेक्ष है जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं।  वे नहीं जानते कि अल्पसंख्यक होने पर उनका क्या होगा????


   ये बात इन मूर्ख हिंदुओं को पाकिस्तान और बांग्लादेश के काफिरों के आंकड़ों से भी समझ नहीं आती.


   हिन्दू कभी नहीं बोलेगा, चुप रहेगा, उच्च नैतिक पद ग्रहण करेगा, ......तो उसका भाग्य अवश्य डूब जायेगा...


   पाकिस्तान और बांग्लादेश या कश्मीर .. उदाहरण के लिए, हिंदुओं का अंत निश्चित है।


   केरल, बंगाल, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद और अन्य राज्यों के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर विचार करें।


   कभी भी ऐसे इलाके में न जाएं जहां आपके शहर में मुस्लिम लोग हों, हो सकता है कि उनकी घूरती निगाहों के बीच आपकी सांसें अटक रही हों!


   इसके अलावा जांबिया और मलेशिया जैसे देश इसके उदाहरण हैं.


   मुस्लिम बहुमत के आगमन के साथ ही इन धर्मनिरपेक्ष देशों को इस्लामिक देश घोषित कर दिया गया।


   लंदन, स्वीडन, फ्रांस और नॉर्वे जैसे देशों में रोजाना हिंसा होती है।


   क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हो रहा है?  कौन करता है?  प्रयोजन क्या है????


   लोगों के बीच इस तरह की दहशत पैदा करना और उनके दिलों में बोलने का साहस किए बिना भय पैदा करना शांतिरक्षा रणनीति का हिस्सा है!  क्या आप नहीं समझते, वे नमाज के नाम पर दिन में 5 बार मस्जिद में इकट्ठा होते हैं और आपके खिलाफ साजिश रचते हैं!!!  वे प्रतिज्ञा लेते हैं और दिन में 5 बार तुम्हें ख़त्म करने का निर्णय लेते हैं....!!!!


   इसलिए, आंखें और मुंह बंद करना प्रभावी नहीं है।  अब समय आ गया है कि हम अपनी आँखें👀 खोलें, अपना मुँह खोलें और लोगों के बीच जागरूकता फैलाएँ


   कम समय!!!  सोचो और समझो?


   अग्रवाल साहब ने अपने नौकर अब्दुल से पूछा, मेरे 2 बच्चे हैं और मैं उनके भविष्य को लेकर चिंतित हूं, लेकिन तुम्हारे तो 12 बच्चे हैं और तुम्हें अभी तक कोई चिंता नहीं है।


   अब्दुल्ला- 25 साल बाद मेरे 12 बेटे तुम्हारी दुकान संभालेंगे.  आप तो हमारे लिए ही कमाते हैं, फिर मुझे क्यों परवाह होगी.  ये उनकी मनःस्थिति है.


   सियालकोट, लाहौर, गुजरांवाला और करणजी में हिंदुओं द्वारा बनाई गई विशाल हवेलियाँ हमारे लिए बनाई गई थीं।  स्वतंत्र भारत में भी, कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं ने हमारे लिए बड़ी-बड़ी हवेलियाँ बनाईं और अंत में हमने उन पर कब्ज़ा कर लिया और हमें आपकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।


 ▶️ *यह तथ्य हर हिंदू भाई को भेजें।  आंखें खोलें और कान साफ ​​करें और प्रत्येक का निरीक्षण करे

Saturday, June 29, 2024

*For those on secular dope ,a dose of history First Migration of Kashmiri Hindus

 *For those on secular dope ,a dose of history



First Migration of Kashmiri Hindus* 


In AD 1339, after defeating Kota Rani by a foul strategem and procuring her death, Shahmir ascended the throne of Kashmir under the name of Sultan Shamas-ud-Din (The Light of the Religion - Islam). 


*He got khutaba read and the coins struck to his name. Islam became the court religion*. 

*Under the influence of Bulbul Shah and Shahmir, he converted to Islam along with 10,000 Brahmins. This resulted in the emergence of a Muslim ruling class for the first time. What followed, was a reign of terror on the Hindus who did not convert*.

Shahmir became the  author and architect of Muslim rule in Kashmir. 

*With the establishment of the new regime Muslim missionaries, preachers, sayyids and saints penetrated into the Valley. Sayyid Jalal-ud-Din, Sayyid Taj-ud-Din, Sayyid Hussain Simnani, Sayyid Masud and Sayyid Yusuf came to Kashmir to avoid the intended massacre by Timur*. 

.

*Mir Sayyid Ali Hamadani (Shah Hamadan) entered Kashmir with 700 sayyids; and, his son, Mir Muhammad Hamadani, with 300 more. They endured in the Valley under royal protection and disseminated the message of Islam*.


*He tried to revive orthodoxy and gifted his book Zakhirat-ul-Mulk to Sultan Qutub-ud-Din (1373-1389 CE). , this discourse on political ethics and government rules also described the 21 most demeaning conditions that are recommended to be enforced upon non-Muslim subjects by Muslim rulers*.


He came to Kashmir for the first time during the reign of Sultan Shihab-ud-din in 1372 and stayed here for a brief period of four months. Sultan Qutubudin (brother of Sultan Shahabuddin) welcomed the second visit of Hamdani in 1379 A.D This time Hamdani was accompanied by 700 members who assisted him in establishing mosques, seminaries, and centers of preaching across the length and breadth of the valley. This visit was thus a landmark in the dissemination of Islam. 


After spending two years, he went back to Turkistan via Ladakh, but again visited the valley in 1383 A.D with the intenton to stay for long but had to return earlier on account of illness and died in  Kunar Afganistan . 

 His remains were taken to  Kolab in Khatlan (Tajikistan) and buried there. He succeeded in extending the movement of the Islam to the nook and corner of the Kashmir.

 

 *Before leaving Kashmir, he deputed his son Mir Muhammad Hamdani to take forward the sacred mission of faith of Islam. Mir Muhammad Hamdani later institutionalized the Islamic mission in Kashmir. He supervised the construction of, Khankah e Maula ( built on Kali Temple )  (Srinagar), Khankah e Faizpanah (Tral), Khankah-I-Aala (Pulwama), Khanqah, (Wachi Shopian) which played a instrumental role in the spread of Islam in Kashmir*.


 *Mir Sayyid Ali Hamadani (AD 1314-AD 1385) wrote in “ Zakhirat’ul Maluk ”* :


1. Muslim ruler shall not allow fresh constructions of Hindu temples and shrines for image worship.


2. No repair shall be executed to the existing Hindu temples and shrines.


3. They shall not proffer Muslim names.


4. They shall not ride a harnessed horse.


5. They shall not move about with arms.


6. They shall not wear rings with diamonds.


7. They shall not deal in or eat bacon.


8. They shall not exhibit idolatrous images.


9. They shall not built houses in the neighbourhood of Muslims.


10. They shall not dispose of their dead in the neighbourhood of Muslim graveyards, nor weep or wail over their dead.


11. They shall not deal in or buy Muslim slaves.


12. No Muslim traveller shall be refused lodging in the Hindu temples and shrines where he shall be treated as a guest for three days by non-Muslims.


13. No non-Muslim shall act as a spy in the Muslim state.


14. No problem shall be created for those non-Muslims who, of their own will, show their readiness for Islam.


15. Non-Muslims shall honour Muslims and shall leave their assembly whenever the Muslims enter the premises.


16. The dress of non-Muslims shall be different from that of Muslims to distinguish themselves.


The first thing done by the Sufi Saint was to build his khanquah after demolishing Kali temple, as mentioned in the Baharistan-i-Shahi. 


Dr. Farooq Peer writes,


*The Valley of Kashmir is indebted to the great saint for cleaning it from idol worship and blessing it with the gift of Islam*


*Sultan Sikandar (1389-1413 CE), also known as Butshikan or iconoclast, was deeply influenced by Sufi Syed Hamadani. He attempted to establish Sharia with the help of Sufi Syed Ali Hamadani’s son, Sufi Mir Mohammad (Amir Sayyid Muhammad) and Saif-ud-Din (a newly converted Brahmin). The Muslim historian Hasan describes this period as an orgy of cruelty, violence and terror let loose on the Brahmins*.


*The credit of wiping out the vestiges of infidelity and heresy from the mirror of the conscience of the dwellers of these lands,” goes to the holy Sufi saint Sayyid Muhammad, notes Baharistan-i-Shahi*.


Hindu festivals, rituals, processions and music were banned. Even application of tilaks was not allowed. Jizya tax was levied and an institute called Sheikh-o-Islam was made to ensure that Islam is followed strictly. Srivara, a historian of Kashmir, records, referring to the destruction of literature, *Sikander burnt all books the same wise as fire burns hay*. Traditional arts that did not find any place in the Islamic scheme of things were ruined. Grand ancient mandirs and viharas, and murtis of the finest possible workmanship were destroyed. The riches were used to build mosques and khanqahs. The temple of Martand, which was of great significance to the Hindu civilization, was destroyed by digging deep into its foundations, removing the foundational stones, filling the gaping wounds with logs of wood and finally putting it to flames (8). Prior to this, huge hammers were used for one full year only to break and vandalize its fine sculptures. While many scholars have argued that the iconoclasm indulged in by Sikandar is exaggerated, detailed archaeological records are given by the ASI (9). *Jonaraja, the Kashmiri historian (15th century) has also elaborated on the subject. Abul Fazl writes that the Sultan was a rigid follower of religion and a bigot, and he overthrew the temples and persecuted the people who were not of his faith (10). Firishta adds that all the temples were pulled down and idols of gold and silver were melted down*.


*Hindus were given a choice between converting, exile or getting killed. They fled to neighbouring regions of Kishtawar and Bhadrawah via Simthan pass and also to various provinces of India via Batote (known as Bata-wath, the path of the Bhattas or Kashmiri Hindus). Kashmiri Pandits numbering over one lakh were drowned in the lake and were burned at a spot in the vicinity of Rainawari in Srinagar. It is known as Bhatta Mazaar (the graveyard of Kashmiri Pandits) (12). Hindu women were raped and sold. Avoiding brutalities, many committed suicide by jumping into rivers or wells (13)*.


*Drawing a graphic picture of the miseries and traumatic experiences of the exodus, Jonaraja writes*,


*Crowds of Hindus ran away in different directions through by-passes; their social life was totally disrupted, their life became miserable with hunger and fatigue; many died in scorching heat; many got emaciated due to under-nourishment; many lived on alms in villages enroute to the provinces in India; some disguised as Muslims roamed about the country searching their distressed families; their means of livelihood were snatched from them to prevent their education and break their morale; the Hindus lolled out their tongues like dogs searching dog’s morsel at every door*.


Sultan Sikandar “was constantly busy in annihilating the infidels and destroyed most of the temples…,” records Haidar Malik Chadurah (15).


The above resulted in the first exodus of Kashmiri Hindus out of the valley.



References:


Rajatarangini (“River of Kings”) is a historical chronicle of early India, written in Sanskrit verse by Kalhana in 1148 CE. It covers the entire span of history in Kashmir from the earliest times to the date of its composition and is considered to be the best and most authentic work of its time.

Sandeep Balakrishna, “Invaders and Infidels- From Sindh to Delhi: The 500-Year Journey of Islamic Invasions”, Book 1, Bloomsbury India, New Delhi, Printed by Thomas Press India Ltd, 2021, ISBN-HB:978-93-90077-20-5

Pundit KN (1991) “A Chronicle of Medieval Kashmir, (Translation)”, Firma KLM Pvt Ltd, Calcutta (This authoritative seventeenth-century Persian chronicle, entitled Baharistan-i-Shahi, was written anonymously. It has been translated by Prof. KN Pundit under the title, A Chronicle of Medieval Kashmir.)

Parmu R.K. (Dr.), “A history of Muslim Rule in Kashmir, 1320-1819”, P 11

Farooq Peer (Secretary J&K Board of School Education), “Mir Syed Ali Hamadani (RA) The Inventor of Islam in Kashmir”, The Kashmir Horizon, 2018

Pundit KN

Srivara, Zaina Rajtarangini, St 75.

Hasan, Tarikh-i-Kashmir, A 17thcentury Persian chronicle.

Annual Report, ASI, 1915-16,1918:56

Ain-i-Akbari, Abul Fazlm Vol. II, p .387

Tarikhi-Firishta. Firishta, Vol. IV, pp. 464 65.

K.L.Bhan, “Paradise Lost – Seven Exoduses of Kashmiri Pandits,” Kashmiri News Network, First Edition, April 2003

Mohan Lal Koul, “Kashmir: Past and Present – Unravelling the Mystique”, Kashmir News Network, First Edition, August 2002

Jonaraja, Kings of Kashmir, Sts 662, 663, 664, 665, 666, 668, 669ab,669cd. Jonaraja was a Sanskrit poet and a court historian of Sultan Zain-ul-Abidin, who supplemented Kalhana’s Rajatarangini to cover post-Kalhana era from 12-14 century.

Chadurah HM (1991) “Tarikh-i-Kashmir”, ed. & trans. Razia Bano, New Delhi, p. 55

Jonaraja, Rajatarangini, English translation by JC Dutt, 1989, Vol III, St.44.

Colonel Tej K. Tikoo (Ph.D.) –Kashmir: Its Aborigines and their Exodus (Revised Edition),Lancer Publishers & Distributors, Printed at Thomas Press, New Delhi, 2020, ISBN-10: 1-935501-34-8

Darakhshan Abdullah, Supervisor – Dr. Abul Majid Mattoo, “Religious Policy of the Sultans of Kashmir (1320-1586 A.D.), Thesis submitted to The University of Kashmir for the Award of Doctorate Degree in History, Post Graduate Department of History, University of Kashmir, Srinagar, November 1991, Maulana Azad Library, Aligarh Muslim University, T5239

A.Khan, “Islamic Jihad – A Legacy of Forced Conversion, Imperialism and Slavery”, Felibri.com, USA, Free PDF

Meenakshi Jain, “Flight of Deities and Rebirth of Temples – Episodes from Indian History”, Aryan Books International, New Delhi, 2009, ISBN: 978-81-7305-619-2, ch. 3.

exodus, islam, kashmir, kashmiri pandit, pandit

About Author: Mudita Parameswaran

Mudita is a housewife and a perpetual student. She is in awe of ancient temples, loves to be in nature, and explore Indian arts and crafts.

मैं समय हूँ

 *🚩 मैं समय हूँ 


बोलता है भारत?* 


साथियों इसे "संयोग"कहें या देश की "इस्लामीकरण"की तैयारी है?


क्या कारण है?कि, "बाॅलीवुड"में सभी जगह,"मुस्लिम मर्दों" का वर्चस्व"है .और-  उन, "सभी" की," पत्नियाॅ"" हिन्दू धर्म से" हैं।


शाहरुख खान की पत्नी - "गौरी" एक हिंदू है।


आमिर खान की पत्नियां - "रीमा दत्ता /किरण राव" हिन्दू है!


और सैफ अली खान की पत्नियाँ -  "अमृता सिंह / करीना कपूर" दोनों हिंदू हैं।


नवाब पटौदी ने भी ,हिंदू लड़की "शर्मीला टैगोर" से शादी की थी। फरहान अख्तर की पत्नी  "अधुना भवानी" हिन्दू .है.


और फरहान आजमी की पत्नी, "आयशा टाकिया" भी हिंदू है।


अमृता अरोड़ा की शादी एक "मुस्लिम"से हुई है...जिसका नाम," शकील लदाक" है।


सलमान खान के भाई - "अरबाज खान" की पूर्व पत्नी - "मलाइका अरोड़ा" हिंदू है!और उसके छोटे भाई - "सुहैल खान" की पत्नी - "सीमा सचदेव"भी हिंदू है।


आमिर खान के भतीजे - "इमरान" की हिंदू  पत्नी "अवंतिका मलिक" है।


 संजय खान के बेटे "जायद खान" की पत्नी - "मलिका पारेख" है।


फिरोज खान के बेटे - "फरदीन" की पत्नी:---" नताशा " भी हिन्दू है।


इरफान खान की बीवी का नाम -  "सुतपा सिकदर" है। 


नसरुद्दीन शाह की हिंदू पत्नी -  "रत्ना पाठक" हैं।


एक समय था, जब "मुसलमान एक्टर" हिंदू नाम"रख लेते थे ....


क्योंकि ,उन्हें डर था, कि अगर "दर्शकों" को उनके ‍,"मुसलमान" होने का, "पता" लग गया..तो, उनकी "फिल्म" देखने, कोई नहीं आएगा।ऐसे लोगों में,"सबसे मशहूर" नाम "युसूफ खान" का है ..जिन्हें, हम "दशकों "तक, हम "दिलीप कुमार" ही समझते रहे हैं। "महजबीन अलीबख्श", मीना कुमारी"बन गई...


 और "मुमताज बेगम जहाँ देहलवी"," मधुबाला" बनकर, हिंदू ह्रदयों पर," राज" करतीं रहीं हैं।


"बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी" को हम - "जॉनी वाकर" समझते रहे ..और 

"हामिद अली खान" विलेन "अजित" बनकर, काम करते रहे हैं।मशहूर "अभिनेत्री" रीना राय" का ,"असली नाम "सायरा खान"था।"जॉन अब्राहम" भी,दरअसल एक "मुस्लिम" है..जिसका "असली नाम" फरहान इब्राहिम" है।


जरा सोचिए  कि ,पिछले "50 साल"में ऐसा क्या हुआ है?कि:- अब,ये "मुस्लिम कला कार" "हिंदू नाम"रखने की "जरूरत"नहीं समझते....


बल्कि, उनका "मुस्लिम नाम" उनका "ब्रांड" बन गया है।यह उनकी "मेहनत" का "परिणाम" है? या "हम लोगों" के "अंदर" से"कुछ"खत्म, हो गया है?


जरा सोचिए कि:- हम कौन सी,"फिल्मों" को "बढ़ावा" दे रहे हैं?


क्या वजह है,कि "बहुसंख्यक बॉलीवुड फिल्मों" में ,"हीरो" "मुस्लिम लड़का" और 💃"हीरोइन" "हिन्दू लड़की" होती है? -ऐसा क्यों होता है मित्रों क्योंकि "फिल्म उद्योग" का सबसे बड़ा -"फाइनेंसर" "दाऊद इब्राहिम" यही चाहता हैl


"टी-सीरीज' का मालिक "गुलशन कुमार" ने उसकी बात नहीं मानी, और "नतीजा" सबने देखा कि उसका मर्डर करवा दिया गया।आज भी,एक "फिल्मकार" को, मुस्लिम हीरो, साइन करते ही, "दुबई" से,"आसान शर्तों "पर "कर्ज" मिल जाता है। 


इकबाल मिर्ची और अनीस इब्राहिम, जैसे "आतंकी एजेंट" "सात सितारा होटलों" में " बैठकर खुलेआम" "मीटिंग" करते देखे जा सकते हैं।


सलमान खान,

शाहरुख खान,आमिर खान, सैफ अली खान, नसीरुद्दीन शाह,फरहान अख्तर,नवाजुद्दीन सिद्दीकी,फवाद खान जैसे अनेक नाम "हिंदी फिल्मों" की "सफलता" की "गारंटी"बना दिए गए हैं।


अक्षय कुमार,अजय देवगन *जैसे "फिल्मकार" इन की "आंख के कांटे" हैं*।


तब्बू, हुमा कुरैशी, सोहा अली खान, और जरीन खान, जैसी "प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों"का"कैरियर" जबरन "खत्म"कर दिया गया ...क्योंकि, वे मुस्लिम हैं.और इस्लामी मुल्लाओं को,उनका "काम""गैर मजहबी"लगता है।


फिल्मों की ,"कहानियां" लिखने का काम भी," सलीम खान और जावेद अख्तर" जैसे " मुस्लिम लेखकों" के" इर्द-गिर्द "ही घूमता रहा है।


जिनकी- " कहानियों"में, एक "भला- ईमानदार" ..मुसलमान, 

एक "पाखंडी" ब्राह्मण

 एक "अत्याचारी" - "बलात्कारी" क्षत्रिय

एक "कालाबाजारी" वैश्य

एक "राष्ट्रद्रोही"नेता

एक "भ्रष्ट"पुलिस अफसर

और एक" गरीब" दलित महिला,Ye - होना, "अनिवार्य" शर्त है।!


इन फिल्मों के "गीतकार और संगीतकार" भी, "मुस्लिम" हों..तभी तो , "एक गाना,"मौला" के नाम का बनेगा ....

और जिसे गाने वाला, "पाकिस्तान" से आना जरूरी है  इस "अंडरवर्ड" की,"असिलियत" को , "पहचानो"और "हिन्दू समाज" को,' संगठित" करो..


अपनी अपने जमीर को जगाओ तब ही, तुम, "तुम्हारे हिन्दू धर्म" की "रक्षा" कर पाओगे। 


अब सेंड करो जल्दी से अपने सभी सोए हुए हिन्दू भाइयों को जगाओ  


वंदे मातरम *🙏🏻 जय जय श्रीराम ✍️

🔴🔚

अमेरिका के एक NRI ने, जो किसी अमेरिकन कम्पनी का CEO भी है, उसने भारतीय मैप को RE~DESIGN किया है

*अमेरिका के एक NRI ने, जो किसी अमेरिकन कम्पनी का CEO भी है, उसने भारतीय मैप को RE~DESIGN  किया है, अपने American कर्मचारियों को समझाने के लिए, कि सिर्फ जनसंख्या के अनुसार हिन्दुस्तान के प्रत्येक प्रदेश { STATE WISE } की जनसंख्या विश्व के किस देश के लगभग समान है।*

*उस NRI ने भारत के मैप में हर प्रदेश के नाम की जगह { जैसे~उत्तर प्रदेश की जनसंख्या ब्राजील की जनसंख्या के बराबर } उस देश का नाम लिख दिया है बस। साथ ही उसने अपने कर्मचारियों को यह भी समझाया कि हिन्दुस्तान की सत्ता सम्भालने का मतलब है कि हिन्दुस्तान का प्रधानमंत्री एक साथ कितने देशों की जनसंख्या को सम्भाल रहा है।IT'S SUPERB 🤔एक देश में कितने देश🚩मेरा भारत महान*

 🥱🥱🥱🥱🥱🥱🥱🥱


जय हो मोदी की वेक्सीन काम करने लग गई??

 .

*✍🏻✍🏻....जय हो मोदी की वेक्सीन काम करने लग गई???*


Good news swiss bank account list black money 


विकिलीक्स ने स्विश बैंको में काला धन रखने वाले भारतीयों की पहली सूची जारी की है ।

प्रथम 24 नाम इस प्रकार से है ।

(राशियाँ डाॅलर में)

1 - इमरान शेख (56800000000000)56.8 Lakh crore (LkCr) usd=Rs.4089 LkCr 


2 - ए राजा

(780000000000)0.78 LkCr usd, Rs 56 LkCr


3 - राहुल गांधी

(15800000000000) 15.8 LkCr usd, Rs1136 LkCr


4 - शरद पवार

(8200000000000)8.2 LkCr usd, Rs590 LkCr


5 - पी चितम्बरम 

(15400000000000)15.40

LkCr usd


6 - दिग्विजय सिंह (2890000000000)2.89 LkCr usd, Rs208LkCr


7 - अहमद पटेल

(900000000000) 0.9LkCr usd, Rs64.8LkCr


8 - जय ललिता (1500000000000)1.5 LkCr usd, Rs108LkCr


9 - हरीश रावत (7500000000000)7.5LkCr usd, Rs540LkCr


10 - कपिल सिब्बल (2800000000000)2.8LkCr usd, Rs201LkCr


11 - सुरेश कलमाड़ी (590000000000) 0.59LkC usd, Rs42.4LkCr


12 - अशोक गहलोत (22000000000000) 22LkCr usd, Rs1584Lk


13 - अशोक चौहान (7688800000000)7.6LkCr usd, Rs167.2LkCr


14- श्याम कंपलि (58211400000000)58.2LkCr usd, Rs 4190LkCr


15- राजीव गांधी

(1980000000000)1.9LkCr usd, Rs137LkCr


16- हर्षद मेहता (13580000000000)13.6LkCr usd, Rs976LkCr


17- केतन पारेख (820000000000)0.82LkCr usd, Rs59LkCr


18- एच डी कुमारस्वामी (1450000000000)1.45LkCr usd, Rs104LkCr


19- लालू प्रसाद यादव (2890000000000)

2.9LkCr usd, Rs209LkCr


20 - जे एम सिंधिया (900000000000) 0.9LkCr usd, Rs64.8LkCr


21-कलनिधिमरन (1500000000000)1.5LkCr usd, Rs108LkCr


22- करुणानिधि (3500000000000)3.5LkCr usd, Rs252LkCr


24. Jaydip melone(18900800000000)18.9LkCr usd, Rs1360LkCr


अच्छा!!!🤔🤔अब समझ आया कि मोदी के खिलाफ सारे लुटेरे पप्पू के साथ संसद मेँ हंगामा क्यों करते रहते हैं।🤔


कृपया इस पोस्ट को फॉरवर्ड करें....

कृपया भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई मे सहयोग प्रदान करें ।Fwdd msg 

खबर अब तक की

स्विस बैंकों मे जमा भारतीय काला धन Rs. 358,679,863,300,000 (लगभग 1.3 ट्रिलियन डॉलर) , 

ये धन उन 2000 भारतीयों के हैं जिन्होंने इसे टैक्स छूट के लिए वहा जमा किया हैं ।इतना धन भारत को 10 अमेरिका बनाने के लिए और अगले 100 वर्षो तक के लिए भारत को एक विकसित महाशक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए पर्याप्त है ।..कृप्या इस सन्देश को आगे बढ़ाने के लिए आगे आये ।.

एक भारतीय होने क नाते मैं आपके पास फॉरवर्ड कर रहा हूँ ???

🙊जब देश का बटवारा हुआ तब सरकार किसकी थी ??

🙊जब पाक अधिकृत कश्मीर बना तब सरकार किसकी थी??

🙊जब मुंबई पर हमला हुआ तब सरकार किसकी थी??

🙊जब चाइना ने जमींन हडपी तब सरकार किसकी थी??

🙊जब वीर सेनिकों के सर काट के पाकिस्तानी ले गए तब सरकार किसकी थी??

🙊 बोफर्स का घोटाला हुआ तब

सरकार किसकी थी??

🙊सेनिको की वर्दी का पैसा खा गए वो सरकार किसकी थी??

🙊सरदारों का कत्ले आम किया वो सरकार किसकी थी??

🙊शिमला का समझोता कर देश बेसकिमती जमीन पाक को दे दी तब सरकार किसकी थी??

🙊आसाम में हिदुओ का खून बहा तब सरकार किसकी थी??

🙊 कश्मीरी पंडितो को मारा गया तब सरकार किसकी थी??

🙊 कामनवेल्थ का घोटाला हुआ तब सरकार किसकी थी??

🙊कोल घोटाला हुआ तब सरकार किसकी थी??

🙊2G का घोटाला हुआ तब सरकार किसकी थी??

🙊 दूरदर्शन के मोनो से *सत्यम शिवं सुन्दरं* हटाने वाली सरकार कीसकी थी??

🙊भारतीय मुद्रा से *सत्यमेव जयते* हटाने वाली सरकार किसकी थी??

🙊 वन्दे मातरम का अपमान किया वो सरकार किसकी थी??


*एक नजर परिवार के कारनामोँ पर*

इंदिरा गाँधी के रास्ते में आने वाले लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद

में रहस्यमय हालत में मौत

हो गयी .?


नेहरु के लिए खतरा बन रहे श्यामा प्रशाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय की हत्या कर दी गयी और पुलिस ने आज तक इस

साजिश से पर्दा नहीं उठाया ?


राजीव गाँधी के लिए चुनौती बन रहे बीर बहादुर सिंह की पेरिस में मौत हो गयी जबकि उनको ह्रदय

की कोई समस्या नही थी ?


सोनिया गाँधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की दो लोगो ने हिम्मत की राजेश पाइलट और जितेन्द्र प्रशाद।

राजेश पाइलट की कार को एक रहस्यमय ट्रक ने टक्कर मारकर गायब हो गया और जितेन्द्र प्रशाद बरेली के सर्किट हॉउस में मर गए ??

इसके पहले सोनिया को चुनौती देने वाले "सीताराम केसरी " को पार्टी से भगा दिया गया?


राहुल गाँधी के लिए खतरा साबित हो रहे माधवराव सिंधिया एक प्लेन एक्सीडेंट में मारे गए ।

जबकि उनका प्लेन ब्रांड न्यू था और उसमे कोई समस्या नहीं थी और उसमे किसी भी मौसम में उड़ने वाला सिस्टम लगा था।


काँग्रेस और विदेशी कम्पनियोँ के लिये खतरा बन चुके "राजीव दीक्षित" की मौत हो गई मृत्यु के बाद उनका शरीर काला पड़ गया जो केवल जहर या करंट देने के बाद होता है राजीव भाई की मृत्यु की खबर किसी भी मीडिया चैनल ने नहीँ दिखाई।


मित्रों , आखिर इस "पवित्र परिवार को किस देवता का आशीर्वाद मिला हुआ है जिससे

की जो भी इनके अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाता है या रास्ते में आता है उसकी रहस्यमय हालात में मौत हो जाती है ?????


*सिर्फ पढ़ो नहीं शेयर भी करो*


सँविधान की धारा 30(A) के तहत विद्यालयो मे गीता रामायण पढाना प्रतिबँधित है,


मदरसो मे कुरान और ईसाईयो को बाइबिल पढाने कीछूट ||


हिन्दू मँदिरो और तीर्थ स्थानो के चढावो पर 70% सरकार का हक, मस्जिदो और मजारो पर चढावे का पूरा हक उनका।


साथ ही साथ सरकारी अनुदान||

बाबा अमरनाथ की यात्रा पर सरकार को टैक्स, लेकिन हज यात्रा पर सब्सिडी !!

धर्म-निरपेक्षता -......

My foot....👞👞

.......

ईच्छा है तो इस मैसेज को आगे बढाऔ वरना खुद को हिन्दूसतानी मत कहलाओ ....जय हिन्द ..

पूरा पढना दोस्तों

✅ 5/- रूपये वाली 'बीयर' की बोतल आज 80/- रुपये

की हो गई, कभी किसी ने दारु का ठेका नहीं फूंका ?????

✅ 25 पैसे वाली कोकाकोला , आज 12/- रुपये की हो गई कभी किसी ने अमेरिका का पुतला नहीं फूंका ????

✅ 5/- रूपये वाला Mac Donald बर्गर आज 55/- रुपये

में बिक रहा है, कभी किसी ने रेल नहीं रोकी ?????

✅ 5/- रूपये का चिप्प्स का पैकट आज 30/- रूपये का हो गया कभी किसी ने रेल नहीं

रोकी ?????

✅ 5/- रुपये में आने वाला सिनेमा का टिकिट 300/- रूपये का हो गया कभी किसी ने कोई सिनेमा हॉल नहीं फूँका ??????

✅ चीनी २/- रुपये महँगा क्या हुई Breaking news हो गई I

✅ और 10/- रूपये का रेल टिकट 11.40/- रूपये का क्या हुआ, सब छातिया पीटने लगे I जो महिनो मे एक दो बार देना है !

अच्छे दिन आयेंगे सब्र तो करो ।

जम्मू से कटरा रेल का किराया 50 रुपया हे । टेक्सी वाले 2500 से 3000 रुपया लेते हैं|

यही तो अच्छे दिन हे

कांग्रेस 10 साल मे एक "सरबजीत सिह" को वापिस

हिन्दुस्तान नही ला सकी और मोदी सरकार 15 दिन

मे ही "ईराक मे फसे 174 भारतीयो" को खुंखार आतंकवादीयो से छुडाकर ले आयी ।

सब्र रखो अच्छे दिन आयेंगे ।

: मोदीजी अगले 5 साल में देश को यूरोप के विकसित देशों की लाइन में सबसे आगे खड़ा कर देंगे । बस देश की जनता आलू, प्याज़ को छोड़कर कुछ बड़ा सोचे"।

China मोदी के खिलाफ !

# America मोदी के खिलाफ !

# CIA मोदी के खिलाफ !

# ISI मोदी के खिलाफ !

# PAK मोदी के खिलाफ !

# Congress मोदी के खिलाफ !

# JDU मोदी के खिलाफ !

# BSP मोदी के खिलाफ !

# SP मोदी के खिलाफ !

# CPI मोदी के खिलाफ !

# CPIM मोदी के खिलाफ !

# AAP मोदी के खिलाफ !

# लालू, मालू, भालू, कालू, राहु, कजरी, मोदी के खिलाफ !

सारे गद्दार मोदी के खिलाफ !

सारे देश द्रोही मोदी के विरोध में!

सारी कायनात लगी है एक शख्स

को झुकाने में... खुदा भी सोचता होगा,

जाने किस मिटटी का इस्तेमाल किया मैंने "मोदी"

को बनाने में!!


*जरा सोचो*

जो व्यक्ति PM बनने से पहले

यदि अमरीका को झुका सकता है,

भूखे नंगे देश पाकिस्तान में हडकंप मचा सकता है,

चीन जैसे गद्दार देश के अखबारों की सुर्खियों में आ सकता है तो भाई

वह भारत को विश्व गुरु बना सकता है यह बात पक्की है!

*देश की जरुरत है मोदी*


"मैं मुफ्त भोजन दूंगा" *- राहुल गांधी*

"मैं मुफ्त पानी दूंगा" *-केजरीवाल*

"न तो मैं मुफ्त पानी दूँगा ,

ना ही मुफ्त भोजन कि बात करूंगा बल्कि मैं इतने रोजगार पैदा करूँगा, भारत के युवाओं को इतना सक्षम कर दूंगा, की मेरे देश का हरेक व्यक्ति स्वाभिमान से अपना भी पेट भरेगा और दूसरों की भी प्यास बुझाएगा"

*- नरेंद्र मोदी*


दिक्कत केजरीवाल में नहीं,

भारत की जनता में है जो मुफ्त की चीज पाने के लिए लादेन

को भी वोट दे देगी !!!

                    🕉️💞🕉️🚩

अगर देश के लिए कुछ करना है तो यह सन्देश 30 लोगो को भेजना है।

बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते पूरा देश जुड़ जायेगा।

*बस...जरा सा forwards करो सिफॅ 2-3 सेकंड ही लगेंगे*

*19 जनवरी 1990, हिंदुस्तान के इतिहास का एक ऐसा काला सच जो मैंने कश्मीर मे देखा l

 🙄 *19 जनवरी 1990, हिंदुस्तान के इतिहास का एक ऐसा  काला सच जो मैंने कश्मीर मे देखा l* 


उस समय प्रेसिडेंट, पीएम, आर्मी चीफ, सेना, होम मिनिस्टर डिफेन्स मिनिस्टर इंटेलिजंस और विजिलेंस चीफ सब थे, फिर भी हिन्दुओ का कत्ल ए आम उनके ही हिन्दुस्तान मे हुआ और सब तमाशबीन बने रहे 


 *बड़ा याराना था, कश्मीर में रहने वाले हिन्दू और मुसलमानों के बीच....** 


ईद-दिवाली साथ मनाया करते थे....


 *एक-दूसरे के घर खूब खाया-पिया करते थे,* 


विवाह-निकाह में आना जाना भी होता था, रोज़ दुआ-सलाम हुआ करती थी...


 *बच्चे साथ में ही कश्मीरी "विलो" से बने बल्लों से क्रिकेट खेला करते थे....* 

.

 *सचमुच....हिन्दुओं को बड़ा नाज़ था अपने कश्मीरी मुस्लिम दोस्तों पर....* 


देखने में तो माहोल एकदम शांत और खुशनुमा दिखता था था....लेकिन मज्जिद और मदरसों में मुसलमानों को कुछ और ही सिखाया जा रहा था....


 *आसमानी किताब कुरान के हवाले से एक ही बात सिखाई और पढाई जा रही थी कि जो अल्लाह को नहीं मानता और मुस्लिम नहीं है, उसे "जीने" का भी कोई अधिकार नहीं है..* 


 वह काफिर है, ...और काफ़िरो को ख़त्म करना, अल्लाह का हुकुम है...* 


 *इसी हुकुम को पूरा करने के लिए अल्लाह के बन्दे मुसलमानों को सभी हिन्दुओ के खिलाफ जेहाद छेड़ देनी चहिये....उन्हें ख़त्म कर देना चाहिए और उनका इस पवित्र कश्मीर से नामो-निशान मिटा देना चाहिए....* 


और फिर वो दिन *19 जनवरी 1990* आ ही गया, 


 *जब शांत दिखता कश्मीर मज्जिदो के लाउडस्पीकर्स से आती ज़हरीली और जानलेवा तकरीरों से गूँज उठा.....* 


मज्जिद के हर लाउडस्पीकर से एक ही आवाज आती थी.....हिन्दुओ कश्मीर छोड़कर चले जाओ, नहीं तो ख़त्म कर दीजिये जाओगे......


 *कोई अपने घर को ऐसे कैसे छोड़ देता? और फिर हिन्दुओ को अपने पडोसी मुसलमानों की दोस्ती पर बड़ा नाज़ भी तो था! भला उनके अपने पडोसी *असलम, शाहिद, अनवर, महमूद, सुलतान उन्हें क्यूँ मारेंगे? सब भले मानुष है....हमें यहाँ कोई क्यूँ मारेगा?.* 


लेकिन ऐसा नहीं हुआ.....जान से प्यारे मुसलमान दोस्तों के सामने ही हिन्दुओ का सामूहिक नरसंहार कर दिया गया, और कोई भी मुसलमान किसी भी हिन्दू को बचाने नहीं आया....


 *हिन्दू औरतो और लड़कियों के स्तन तलवारों से काट दिए गए, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किये गए,* 


लेकिन किसी भी मुसलमान को उनकी चीखें नहीं सुनाई दीं....


 *छोटे-छोटे बच्चों तक को जालिमो ने नहीं बख्शा,* 


उन्हें भी गोलिओं से भून दिया गया.....ना तो कोई पुलिस बचानेआयीं, और ना ही कोई पडोसी मुसलमान...


 *हैवानियत का नंगा नाच कश्मीर में हुआ और कोई भी मदद को आगे नहीं आया....* 


जो कश्मीरी हिन्दू किस्मत से बच गए, वो सब आज दिल्ली इत्यादि शहरो में बेहद गरीबी में जी रहें है....


 *उनके घर, मकानों पर मुसलमानों ने कब्ज़ा कर लिया है....* 


बेशकीमती "सेब" के बागों पर भी अब मुसलमान काबिज़ हो गए है....


 *कश्मीर घाटी को हिन्दू-विहीन कर दिया है....* 


अब अल्लाह के बन्दों के निशाने पर पच्छिम बंगाल, असाम, केरल और अन्य कुछ राज्य है.....


 *आपका राज्य, शहर और मोहल्ला बेशक इस समय शांत दिख रहा हो, और आपका मुस्लिम दोस्त बड़े ही अदब से आपके मिलता हो,* 


लेकिन वह दिन दूर नहीं नहीं है जब आपके मोहल्ले में भी वही मुस्लिम दोस्त जिहाद छेड़ देंगे और आपको को कश्मीरी मुसलमानों की तरह गोलियों से भून देंगे....


 *मुसलमानों की नज़रो में हर हिन्दू काफ़िर है, चाहे वह हिन्दू कहीं भी रहता हो,* 


उसकी कोई भी जाति हो, ....उसे मारना ही उनका धर्म है, अल्लाह का फरमान है......


 *इसलिए सतर्क हो जाओ.....जाति के नाम पर* *आपस में लड़ना छोड़ दो....* 

एक दुसरे की मदद करो....


*और शान्ति प्रिय अल्लाह के बन्दों के किसी भी हमले से निपटने के लिए तैयार रहो....*

⚔️⚔️⚔️👮🗡️🗡️🗡️🚩

इस बार के आम चुनाव परिणाम को असम लोक सभा से समझने का प्रयास करते है।

 इस बार के आम चुनाव परिणाम को असम लोक सभा से समझने का प्रयास करते है। 


आखिरकार असम के हिमंत बिस्व शर्मा लोकप्रिय मुख्यमंत्री है, ठीक योगी जी की तरह। माना जाता है कि वे एक कुशल प्रशासक है, बाबुओ की नहीं चलने देते, सांप्रदायिक तत्वों का तुष्टिकरण भी नहीं करते। 


असम की 14 लोक सभा सीट में से भाजपा को 9, भाजपा के अन्य सहयोगी दलों को 2 सीट मिली। अर्थात, कुल 11 सीट।  इसके विपरीत कांग्रेस को 3 सीट मिली। 


आप कह सकते है कि भाजपा को निर्णायक जीत मिली। 


लेकिन यह कम्पलीट पिक्चर नहीं है। 


इस राज्य में कांग्रेस को भाजपा से अधिक वोट मिला है। 


जहाँ कांग्रेस को 74.78 लाख वोट मिले, वहीँ भाजपा को केवल 74.67 लाख वोट से संतोष करना पड़ा। पिछले आम चुनावो में भाजपा को कांग्रेस से एक लाख वोट अधिक मिले थे; तब भी 9 सीट मिली थी। 


दूसरे शब्दों में, अगर भाजपा का एक समूह भी किसी बात से रुष्ट होकर असम में वोट देने नहीं निकलता, या कांग्रेस को वोट दे देता, तो स्थिति पलट जाती। 


तभी मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा था कि कांग्रेस केवल एक समाज की पार्टी बनकर रह गयी है (शर्मा जी ने सीधा नाम लिया था)। 


अब यूपी की स्थिति देखते है। यहाँ भाजपा को 3.63 करोड़; सपा को 2.95 करोड़ एवं कांग्रेस को 83 लाख वोट मिले। सपा-कांग्रेस को 3.78 करोड़ वोट मिले। भाजपा-अपना दल-RLD को 3.8 करोड़ वोट मिले। 


परिणाम सबको पता है। 


अब आते भारत के सन्दर्भ में आंकड़ों की। 


भाजपा को 23.60 करोड़ वोट, तो कांग्रेस को 13.67 करोड़ वोट मिले। 


पिछले चुनावो में भाजपा को 22.90 करोड़ वोट, तो कांग्रेस को 11.95 करोड़ वोट मिले थे।


दूसरे शब्दों में, भाजपा ने 70 लाख वोट की वृद्धि की है; लेकिन कांग्रेस 1.72 करोड़ अधिक जोड़ लिया। 


2019 की तुलना में अकेले यूपी में भाजपा को 65 लाख वोट कम मिले है। 


असम एवं यूपी का परिणाम बतला रहा है कि अगले समाज ने यह सोच लिया है कि कुछ भी हो जाए, उसे कांग्रेस को वोट देना है। 


यह आपको सोचना है कि क्या आप जाति के नाम पर या किसी अन्य बात पर रुष्ट होकर अपना वोट इधर-उधर दे देंगे?

Poverty rates in India decreased from 53.6% to 16.4% in last ten years. Extreme poverty down from 12.2% to 2% over the last decade.

 


Poverty rates in India decreased from 53.6% to 16.4% in last ten years.


Extreme poverty down from 12.2% to 2% over the last decade.


(Source : India Today)


However despite all this, BJP has performed dismally in pockets where poverty declined while Congress doubled its tally.


In other words, poor people voted for BJP to improve their living conditions; and once their situation got better, they went back to voting for Congress candidates in the name of caste?


Or does this have something to do with Peaceful community? Remember 40% of beneficiaries of Modi govt schemes are Muslims; while they claim to be less than 18% of the population. So definitely their plight has improved considerably in last 10 years and huge swathes of Peacefuls have been lifted out of poverty.



Real agenda comes out finally!

 Real agenda comes out finally!


Manoj Jarange started out demanding reservations for Marathas. He got huge support from the Maratha community. Then he started abusing BJP and especially targeting Devendra Fadnavis. Used choicest of foul words and even threats against Fadnavis. Marathas blindly subscribed to him and cheered him on every time he abused Brahmin Fadnavis.


As a result, huge section of Maratha voters blamed BJP and voted for Congress & NCP in recently concluded Lok Sabha elections.


Now he is demanding reservation for Muslims from OBC quota in Maharashtra; just like Congress has done in Karnataka and Telangana.


Now when Maharashtra Vidhan Sabha elections come in October, MVA (Congress + Sharad Pawar + Uddhav Thackeray combine) will promise that if they come to power in the state, they will give OBC reservation to Muslims.


Muslims will turn out in record numbers and vote for MVA. Hindu votes will be split, with a large segment of Marathas shunning BJP. Rest of Hindus will relax on voting day and not bother to cast their votes.


Result will be that MVA will form government again in Maharashtra. All the stellar development work that is currently under way in Maharashtra will be stalled and huge kickbacks taken to finish them. Consequently, costs will spiral and the extra load will be born by taxpayers.


Moral : Nothing succeeds like caste in Indian politics. 🤡


Why do all our Hindu caste leaders are ever willing to suck on cut 🍌


Or bend over backwards to please them.


Something is seriously wrong.


They are ever  willing and eager to sell us to Ghazwa e Hind agenda.


Aren't they like the foul vile blacks,who kidnapped,captured other blacks snd sold them as slaves to the white man.


Are these cretins any less.

When Guru Nanak Ji was 9 years old, his father Mehta Kalu decided to do the Janeu ceremony for the boy and so called all his family members and relatives for the occasion. After performing all the preliminary rituals, the family priest Hardial, proceeded to put the sacred thread on Nanak’s neck

 When Guru Nanak Ji was 9 years old, his father Mehta Kalu decided to do the Janeu ceremony for the boy and so called all his family members and relatives for the occasion. After performing all the preliminary rituals, the family priest Hardial, proceeded to put the sacred thread on Nanak’s neck.


Nanak caught the thread with his hand and started questioning the Brahmin priest about the advantage of wearing it. When the priest tried to expound on the significance of the Vedic ritual of wearing Janeu, Nanak responded to him thus :


“Make mercy thy cotton, contentment thy thread, continence its knot, truth its twist.

That would make a Janeu for the soul; if thou have it, O Brahman, then put it on me.”


Then the priest accepted defeat and all villagers applauded child Nanak's wisdom.


In short, Nanak rejected the wearing of Janeu as meaningless and hollow. This is a convincing, rhetorical story which Sikhs are very fond of reciting in a show of one-upmanship over Hindus. 


But I wish to ask my Sikh brothers whether the cloth in the turbans that they wear (on the instruction of their Gurus) is imbued with the above-mentioned qualities, that Nanak was seeking in the humble Janeu?


If the Janeu is irrelevant for spiritual evolution of the soul, then how are the 5Ks of Sikhism aiding its adherents in the same?


If taking a dip in the holy Ganges is futile, then how is bathing in the Amrit Sarovar supposed to cure ailments and get rid of bad Karma?


If idol worship is useless, then how is installing the Guru Granth Sahib in Gurudwaras, worshipping and taking care of it like a living thing supposed to help in realising the ultimate truth?


I completely support the right of the 11-year old child Nanak to question the Hindu rituals and draw a conclusion that they are superficial (based on his own limited understanding of the topic). Indeed Sanatan Dharma thrives on its adherents asking questions and seeking explanations. No other religion in the world has given rise to so many disparate schools of thoughts and philosophies, as Hinduism has. 


Some, like the Ājīvika, Ajñāna and the Cārvāka philosophies, shrivelled and fell by the wayside as they couldn’t gain traction with the masses. Others branched out into distinct religions like Jainism, Buddhism and Sikhism. However the Hindu majority of the great land of Bharat never persecuted or put to the sword, those who apostated from mainstream Hinduism. 


I am merely following in the footsteps of Guru Nanak Ji by asking questions. Those who abuse and try to threaten me are actually insulting him. I am not sure how my asking logical questions in a respectful way (without insulting any Sikh Gurus) is causing so much angst and aggravation among a section of people. 


Those who tell me that I am attempting to drive a wedge in between Hindus and Sikhs, let me also remind them that Guru Nanak lived in a tumultous period in the 15th century when Bharat was under Mughal rule. Islamic invasion had started in India in the 12th century itself. By the time Nanak was born, India had already endured wave after wave of Islamic invasions from the Ghoris, Ghajnavids, Khiljis, Lodhis, Timurids and many others. 


Today we are living in a far more stable and cohesive Bharat, where we can afford to question the status quo. We don’t really need to walk on egg-shells for fear of splintering our nation. 


In fact, I would go so far as to suggest that we CANNOT afford to not ask questions anymore. Let us shed this cloak of complacency and call a spade a spade. Let the burden of reform not rest on Hinduism alone. Let the yoke of brotherhood not be borne by Hindus alone. Let us call our Sikh brothers to also look within themselves instead of holding a mirror to our faces all the time.



I congratulate SGPC on teaching a good lesson to dumb secular Hindus



I congratulate SGPC on teaching a good lesson to dumb secular Hindus.

Yoga definitely poses a greater threat to the secular fabric of the nation than photos and posters glorifying Khalistani tεrrorists, who slaughtered tens of thousands of innocent Hindus, inside Gurudwaras.

BTW, langarjeets have no problem with movies being shot inside premises of Golden temple; but 10 second Yoga reels are beadbi.

If any Hindus feel that they haven't still been sufficiently humiliated by these Churma Yoddhe, then they should immediately book tickets for Amritsar.

Mathew Dcostas detailed expose of Hindu hatred in Guru Granth Sahib

 Mathew Dcostas detailed expose of Hindu hatred in Guru Granth Sahib


The holy book of Sikhs 


I have done 7-8 posts exposing GGS and other $ikh holy texts.  Here is the  entire list.


1) Here is my post in which I have shown with proof how Gobind Singh deliberately insulted Lord Krishna:


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=583233816966215&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz


2) My post that highlights how Hindu gods (including Holy Trinity of Brahma, Vishnu and Shiva) are denigrated in Guru Granth Sahib while Allah is praised highly and called as Supreme Almighty :


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=595192695770327&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz


3) My post on how Gobind Singh wrote love letter to Aurangazeb called Zafarnama in which he praised the Mughal emperor and also boasted that he is destroyer of idols of Hindu Gods. 


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=593743269248603&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz


4) Insult to Hindu Holy scriptures in Guru Granth Sahib 


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=586530066636590&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz


5) Busting fake propaganda of Sikhs saving Hindus from Islamic invaders 


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=598303725459224&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz


6) Arabic Sky God Allah being praised and called as Supreme Almighty in Guru Granth Sahib:


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=588009469821983&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz


7) Gobind Singh looting poor Hindu villagers:


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=623303636292566&id=100058388050326&mibextid=Nif5oz

मध्यप्रदेश हिन्दी एक्सप्रेस : संपादकीय पित्रौदा की पुनर्नियुक्ति से कांग्रेस सवालों के घेरे में.

 मध्यप्रदेश हिन्दी एक्सप्रेस : संपादकीय

पित्रौदा की पुनर्नियुक्ति से कांग्रेस सवालों के घेरे में.


सैम पित्रोदा भारत के बाहर रहने वाले एक पेशेवर व्यक्ति हैं. उनका नाम स्व. राजीव गांधी के शासनकाल में चर्चित हुआ. उन्हें देश में संचार क्रांति का सूत्रधार माना जाता रहा है. बाद की कांग्रेस सरकारों में भी वे सलाहकार रहे. बीते कुछ सालों में वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेशी दौरों के प्रायोजक की भूमिका निभा रहे थे. इसीलिए कांग्रेस ने उनको इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जिसमें किसी को ऐतराज नहीं हो सकता था. लेकिन हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान उनका एक साक्षात्कार अमेरिका में प्रसारित हुआ जिसमें उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में रहने वालों की तुलना कुछ खास नस्लों से करते हुए पूर्वी हिस्से के वासियों को चीनी और दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकियों जैसा बताया. जैसे ही उस साक्षात्कार की जानकारी आई देश में बवाल मचने लगा. उसके पहले उन्होंने अमेरिका में उत्तराधिकार के नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि किसी व्यक्ति की मृत्यु पर उसकी 55 फीसदी संपत्ति सरकार लेती है जबकि उत्तराधिकारी को महज 45 फीसदी हासिल होता है.  चुनाव के चलते भाजपा सहित कांग्रेस विरोधी अन्य दलों द्वारा श्री पित्रौदा के बयानों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस की घेराबन्दी की जाने लगी. फिर क्या था बिना देर किये उनको इंडियन ओवरसीज कांग्रेस पद से हटा दिया गया. साथ ही ये सफाई भी दी जाने लगी कि पार्टी का उनकी टिप्पणियों से कोई सम्बन्ध नहीं है और वह उनका समर्थन नहीं करती. उस समय तो बात आई-गई हो गई. श्री पित्रौदा भी मौन साधकर बैठ गए. लेकिन एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्यवाणी कर दी कि कुछ समय बाद श्री पित्रौदा अपने पद पर पुनः बैठ जायेंगे. यह सब कांग्रेस की चाल है. वह अपने कुछ नेताओं से इस तरह के बयान दिलवाकर विवाद उत्पन्न करवाती है. कुछ दिनों के लिए उन्हें दूर रखकर पुनः वापस पद दे दिया जाता है. उसके बाद लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक उनकी कोई चर्चा भी नहीं सुनाई दी. गत दिवस अचानक वे एक बार फ़िर सुर्खियों  में आये किंतु किसी बयान या अन्य गतिविधि की बजाय नहीं अपितु इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर दोबारा नियुक्ति को लेकर. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद पद छोड़ा था न कि पार्टी ने हटाया था. इसके अलावा उन लोगों को नस्लीय सोच का बता दिया जिन्होंने उनके बयान की आलोचना की थी. कांग्रेस अपनी पार्टी से जुड़े संगठनों में किसको नियुक्त करे ये उसका अधिकार है किंतु जो व्यक्ति चुनाव के दौरान विवादास्पद बयान देने के कारण पार्टी के लिए असहनीय हो गया था और उसके बचाव के लिए कोई आगे नहीं आया हो उसे चुनाव समाप्त होते ही पुनः उसी पद पर नियुक्त कर देने से श्री मोदी के आरोपों की पुष्टि हो गई है. वैसे भी ये पहला मौका नहीं है जब उन्होंने विवादित बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया. बीते वर्षों में राम मन्दिर और  पुलवामा पर की गईं उनकी टिप्पणियां आलोचना का पात्र बनीं. इसी तरह 84 के सिख दंगों पर हुआ तो हुआ जैसा कटाक्ष सिख समुदाय की नाराजगी की वजह बना. वहीं संविधान के निर्माण में डाॅ. आंबेडकर से ज्यादा भूमिका पंडित नेहरू की थी जैसे बयान से दलित समुदाय में रोष फैला. उनके तकनीकी ज्ञान और पेशेवर दक्षता पर कोई संदेह किये बिना ये कहा जा सकता है कि ऐसे गैर राजनीतिक सलाहकारों के कारण ही पहले राजीव गांधी और डाॅ. मनमोहन सिंह के हाथ से सत्ता खिसकी. अब वे राहुल के बेहद नजदीकी बने हुए हैं. उनकी पुनर्नियुक्ति से कांग्रेस के सामने यह सवाल आ खड़ा हुआ है कि क्या चुनाव खत्म होते ही श्री पित्रौदा के वे बयान फायदेमंद हो गए जिनके कारण उन्हें हटना पड़ा या हटाया गया था. और ये भी कि क्या कांग्रेस पार्टी उनके उन बयानों से अब सहमत हो गई जो चुनाव के समय उसे नुकसानदायक प्रतीत हो रहे थे. उनकी पुनर्नियुक्ति से ये लगता है कि श्री गांधी के करीबी होने के कारण श्री पित्रौदा को अभयदान मिलता रहा है. लेकिन इस तरह के व्यक्ति अक्ल के अजीर्ण से ग्रसित होने के कारण परेशानी का सबब बन जाते हैं. भविष्य में भी वे पार्टी के लिए मुसीबत नहीं बनेंगे इसकी गारंटी कौन देगा? 

सम्पादकीय: 27 जून, 2024




आजादी के बाद के कुछ इतिहासकारों के असत्य और अर्ध सत्य

 आजादी के बाद के कुछ इतिहासकारों के असत्य

और अर्ध सत्य

______________________________ 

इतिहासकार प्रो. रामचन्द्र गुहा लगातार यह कहते और

लिखते रहे हैं कि  

‘‘वंशवाद के लिए जवाहरलाल नेहरू कसूरवार नहीं।’’

सन 2009 में पटना में भी उन्होंने वही बात दुहराई।

संबंधित खबर की स्कैन काॅपी यहां प्रस्तुत है।

______________________________ 

--Surendra Kishore-- 

______________________________ 

अब जब देश की राजनीति में वंशवाद वटवृक्ष बन चुका है, उसकी कमियां खुलकर सामने आ रही हैं, ऐसे में देश को एक बार फिर सबूतों के साथ यह बताना जरूरी है कि जवाहरलाल नेहरू ने किस तरह वंशवाद को आगे बढ़ाया।वैसे उसकी शुरुआत तो मोतीलाल नेहरू ने 1929 में ही कर दी थी। उन्होंने महात्मा गांधी पर दबाव डालकर जवाहरलाल को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवा दिया था। (देखिए मोतीलाल पेपर्स)

इसी सिलसिले में लोगों को यह जानना जरूरी है कि आजादी के बाद इतिहासकारों ने किस तरह इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा।

 ______________________________ 

 इंदिरा गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस एम.पी. महावीर त्यागी ने 1959 में प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को कड़ा पत्र लिखा था।

  जवाहर लाल नेहरू की सहमति से इंदिरा गांधी सन 1959 में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दी गईं थीं।

आजाद भारत में वंशवाद की वह ठोस व मजबूत शुरूआत थी। 

 कालक्रम में देश के अन्य अनेक दलों के नेताओं को उससे ‘प्रेरणा’ मिली।

आचार्य व्यास ने पुराण में लिखा है कि 

‘महाजनो येन गतः स पन्थाः।’

क्या उम्मीद करते थे? 

नेता लोग नेहरू के सिर्फ ‘वैज्ञानिक सोच’ व ‘आइडिया आॅफ इंडिया’ वाले विचार को ही फाॅलो करेंगे?

 वंशवाद को नहीं?

वंशवाद व उसी से जुड़े  जातिवाद के साथ कई अन्य बुराइयां भी अब सामने आई हैं।

     प्रधान मंत्री नेहरू के नाम महावीर त्यागी की वह चिट्ठी 

     ______________________________ 

  1959 में तो महावीर त्यागी जैसे पूर्व सैनिक व स्वतंत्रता सेनानी मौजूद थे जो वंशवाद के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू जैसी हस्ती को भी देशहित में अत्यंत  कड़ी चिट्ठी लिख सकते थे। आज त्यागी जैसा कोई बहादुर कहीं नजर ही नहीं आ रहा है। यह देश का अधिक बड़ा दुर्भाग्य है। 

   अब पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत त्यागी जी का पत्र 

पढ़िए--

 प्रिय जवाहरलाल जी,

 मैं जानता हूं कि इस चिट्ठी के बाद मेरा कांग्रेस में रहना कठिन हो जाएगा। पर अपने स्वभाव (स्पष्टवादिता) को बेच कर कांग्रेस में रहा भी तो क्या?

मेरी हैसियत उन जैसी हो जाएगी जो मैत्री का व्यवसाय करते हैं। गोस्वामी तुलसी दास आपके लिए एक दोहा कह गए हैं--

‘सचिव, वैद्य, गुरु तीनि जौं, प्रिय बोलहिं भय आस,

राज, धर्म तन तीनि का, होइ बेगिही नास।’

    चारों ओर खुशामद ही खुशामद !


 ______________________________ 

 जब किसी के चारों ओर खुशामद ही खुशामद होने लगती है तो उस बेचारे को अपनी सूझबूझ और बुद्धि पर अटूट अंध विश्वास हो जाता है, यही कारण है कि आजकल आपके भाषणों में अधिकाधिक तीखापन झलक रहा है। विरोधी गलत भी हों तो क्या?

प्रजातंत्र में उनका भी स्थान है। क्योंकि विरोधी मत द्वारा हम अपने विचारों की उचित जांच और छानबीन कर सकते हैं।

  यदि बुरा न मानो तो मैं आपको यह तहरीर देना चाहता हूं कि आपके दरबारियों ने केवल निजी स्वार्थवश आपके चारों ओर खुशामद के इतने घनघोर बादल घेर दिए हैं कि आपकी दृष्टि धुंधला गई है।

और अब समय आ गया है कि आप अपने इन चरण -चुम्बकों से सचेत हो जाओ।

वर्ना आपकी मान, मर्यादा, सरकार और पार्टी सबका ह्रास होने जा रहा है।

  त्यागी जी ने लिखा कि ‘‘जैसे कि मुगलों के जमाने में मंत्रिगण नवाबों के बच्चों को खिलाया करते थे, उसी तरह आपकी आरती उतारी जा रही है और आपके इन भक्तों ने इसी प्रकार आपकी भोली -भाली इंदु का नाम कांग्रेस प्रधान पद के लिए पेश किया है और शायद आपने आंख मींच कर इसे स्वीकार भी कर लिया है।

  इंदु मेरी बेटी समान है। उसका नाम बढ़े, मान बढ़े इसकी मुझे खुशी है। पर उसके कारण आप पर किसी प्रकार का कोई हर्फ आवे सो मुझे स्वीकार नहीं है।

मैं नागपुर, हैदराबाद, मद्रास, मैसूर और केरल का भ्रमण करके अभी लौटा हूं।वहां के कांग्रेस वाले क्या टिप्पणी करते हैं आपको उसकी इत्तला नहीं है।

 इस खयाल में मत रहना कि इंदु के प्रस्तावकों और समर्थकों में जो होड़ हो रही है (कि उनका नाम भी छप जाए) यह केवल इंदु के व्यक्तित्व के असर से है।

 सौ फीसदी यह आपको खुश करने के लिए किया जा रहा है।

 इतनी छोटी-सी  बात को यदि आप नहीं समझ सकते तो मैं कहूंगा कि आपकी आंखों पर परदे पड़ गए हैं, परदे ।

मैं यह पत्र इतना कटु इसलिए लिख रहा हूं कि आंख के परदे केवल फिटकरी से कटते हैं। फिटकरी तो बेचारी घिसकर गल घुल जाती है। यह समझ लो कि अब कांग्रेस में पदलोलुपता और व्यक्तिवाद का ऐसा वातावरण छा गया है कि मुझे दो ऐसे व्यक्ति बता दें कि जो मित्र हों और आपस में दिल खोल कर बातें कर सकते हों।

  सपना टूट कर छिन्न -भिन्न 

______________________________ 

इस बात को मान लो कि अब वह पुराना मुश्तरका सपना कि जिसमें हर रंग भरने वाले को हम हृदय से लगाते थे, टूटकर छिन्न भिन्न हो चुका है। अब हमारी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के सपने अलग- अलग हैं, और उन्हीं के पीछे हम दौड़ रहे हैं।

इसी को व्यक्तिवाद कहते हैं।

  कांग्रेस यानी सरकार- पुत्री पार्टी ! 

______________________________ 

ऐसे वातावरण में भय, स्वार्थ और संदेह की मनोवृत्ति होना अनिवार्य है।

    आज जबकि शासन का ढांचा ढीला पड़ चुका है, रिश्वत और चोरबाजारी का बोलबाला है, साथियों में ‘वह काटा,’ ‘वह मारा’ वाले पतंगबाजी के नारे लग रहे हैं, जबकि अधिकांश नेतागण मिनिस्ट्री, लोक सभा और विधान सभाओं की मेम्बरी कर रहे हों, और केवल चार आने वाले साधारण सदस्य मंडलों में रह गए हों, ऐसे में जर्जरित ढांचे को इंदु बेचारी कैसे संभाल सकेगी?

अभी तक लोग आपको यह कह कर क्षमा कर देते थे कि बेचारा जवाहर लाल क्या करे, उसे सरकारी कामों से फुर्सत नहीं है।

 कांग्रेस ठीक करने की जिम्मेदारी ढेबर भाई की है।

इंदु के चुने जाने से वह सुरक्षा युक्ति यानी सेफ्टी वाॅल्व भी हाथ से निकल जाएगी। लोग कांग्रेस संस्था को सरकार-पुत्री कहने लगेंगे।

  इसलिए मेरी राय है कि इंदु को प्रधान चुने जाने से रोको।

या फिर आप प्रधान मंत्री पद से अलग होकर इंदु की मार्फत कांग्रेस का संगठन मजबूत कर लो।

आपके बाहर आने से केंद्रीय सरकार वैसे तो कमजोर हो जाएगी, पर आपके द्वारा जनमत इतनी शक्ति प्राप्त कर लेगा कि प्रांतीय सरकारें भी आपके डर से ठीक-ठीक कार्य कर सकेंगी और कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ताओं को आपसे बहुत बल मिलेगा।

  स्वतंत्र बहस के प्रति असहिष्णुता !  

______________________________ 

केंद्रीय शासन भी अधिक सचेत होगा। पार्लियामेंट्री कांग्रेस पार्टी भी, जो आज आपके बोझ से इतनी दब गई है कि बावजूद कोशिशों के लोग स्वतंत्रतापूर्वक किसी भी विषय पर बहस करने को तैयार नहीं होते, आपके बाहर चले जाने से उसमें जान आएगी। और शायद यही एक ढंग हो सके, जिससे बिना अधिक पैसा खर्च किए और बिना पूंजीपतियों से सहायता मांगे, कांग्रेस फिर से बहुमत से चुनी जाकर प्रांतीय और केंद्रीय शासन को संभाल ले।

  अंत में, त्यागी ने लिखा कि नागपुर कांग्रेस ने जो समाजवाद की ओर कदम बढ़ाया है, उससे कांग्रेस को बड़े -बड़े प्रभावशाली तबकों से मोर्चा लेना पड़ेगा।

इसके लिए भी अभी से तैयारियां करनी चाहिए।

मेरी आपसे अपील है कि आप कोई ढंग ऐसा निकालिए कि जिससे इस विलासिता और अकर्मण्यता के वातावरण से देश को निकाल कर फिर से त्याग और जन सेवा की भावना जागृत कर सकें।

  गांधी जी के बनाए हुए उस पुराने वातावरण को बिगाड़ने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। इसलिए हमीं को उसे फिर से फैलाना होगा।

यह काम कोरी दिल्ली की दलीलों से नहीं हो सकता। इसके लिए दिल की प्रेरणा चाहिए। माफ करना, मैंने अटरम शटरम जो कलम से आया, लिख दिया है। पर बिना यह लिखे मुझे 15 दिन से नींद नहीं आ रही थी। अब इस पत्र को तकिए के नीचे रख कर दो चार दिन सोऊंगा। ईश्वर आपको दीर्घायु दे। बंदा तो इस वातावरण में ज्यादा  दिन टिक न सकेगा।

        आपका,  महावीर त्यागी--1 फरवरी, 1959

 (अपने जमाने की त्यागी जी की चर्चित

पुस्तक ‘‘आजादी का आन्दोलन हंसते हुए आंसू ʼʼ से)

______________________________ 

इसके जवाब में नेहरू ने त्यागी को लिखा था कि ‘‘इंदु को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना मुफीद होगा।’’ दोनों पत्र त्यागी की किताब में छप चुके हैं।




आज अरविंद केजरीवाल की हिरासत की फोटो डालकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले कांग्रेसियों और आपियो

 आज अरविंद केजरीवाल की हिरासत की फोटो डालकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले कांग्रेसियों और आपियो 


 यह तस्वीर तुम लोग क्यों भूल जाते हो ?


 गुजरात के गृह मंत्री अमित शाह को इस तरह सीबीआई ने फर्जी मामले में इस तरह से गिरफ्तार किया था 


अमित शाह जी ने तुरंत मर्यादा का पालन करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था


 केजरीवाल इतना नीच है शराब घोटाले में लिप्त होने के बावजूद उसने इस्तीफा नहीं दिया है 


बाद में जब जांच हुई तब पता चला कि कांग्रेस ने अपने इकोसिस्टम तीस्ता जावेद सेतलवाड़ जस्टिस आफताब आलम इत्यादि के द्वारा नरेंद्र मोदी को गुजरात में ही रोकने के लिए यह पूरी साजिश रची थी  और तबका मीडिया भी कांग्रेस का पूरा साथ दे रही थी 


और इस साजिश को अंजाम देने के लिए कांग्रेस ने 12 बेहतरीन आईपीएस अधिकारियों और 40 से ज्यादा डिप्टी एसपी इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर और दूसरे तमाम पुलिस कर्मियों को फर्जी मामलों में 11 सालों तक जेल में बंद कर दिया था




एक दिन पाकिस्तान कबूल करता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का दमन हो रहा है और अगले दिन ओवैसी जय फिलिस्तीन का नारा लगाता है - इसकी असली जगह गाज़ा या रफाह है -

 एक दिन पाकिस्तान कबूल करता है कि 

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का दमन 

हो रहा है और 

अगले दिन ओवैसी जय फिलिस्तीन 

का नारा लगाता है -

इसकी असली जगह गाज़ा या 

रफाह है -


सोमवार 24 जून, 2024 को पाकिस्तान नेशनल असेंबली में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने माना कि पाकिस्तान में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है - आसिफ ने कहा कि रोज अल्पसंख्यक मारे जा रहे हैं जिसकी वजह से पाकिस्तान को विश्व भर में शर्मिंदा होना पड़ रहा है - पाकिस्तान ने यह आज़ादी के 75 साल बाद कबूल किया है जबकि पाकिस्तान में हिन्दू 22 प्रतिशत से घट कर 2 प्रतिशत रह गए - आज भी यह कबूल करने के पीछे कोई कारण रहा होगा वरना इतना शरीफ मुल्क नहीं है -


लेकिन पाकिस्तान के हिंदू ओवैसी को उत्पीड़ित समुदाय नहीं लगते, वह तो मंगलवार 25 जून को सांसदी की शपथ लेते हुए “जय फिलिस्तीन” का नारा लगाता है और कहता है कि फिलिस्तीन  उत्पीड़ित है इसलिए उनके लिए नारा लगाया - ओवैसी का यह शब्द संसद की कार्रवाई से बेशक निकाल दिया गया है लेकिन उसने अपनी मंशा साफ़ कर दी है वह फिलिस्तीन और हमास के साथ खड़ा है -


मियां ओवैसी को कभी उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न दिखाई नहीं दिया और न कभी पाकिस्तान के हिंदुओं का उत्पीड़न दिखाई दिया जो पाकिस्तान ने तुम्हारे फिलिस्तीन का नारा लगाने से एक दिन पहले कबूल किया - 


अगर फिलिस्तीनी इतने उत्पीड़ित लगते हैं तो यहां संसद में नारा लगाने से क्या काम चलेगा - तुम्हे और तुम्हारी अपनी फ़ौज को (जिसमें सभी ऐसे मुसलमान शामिल होने चाहियें जो हमास और फिलिस्तीन के हक़ में नारे लगाते हैं) तुरंत गाज़ा और रफाह जा कर उनकी मदद करनी चाहिए -


ओवैसी ने और अपने को सही साबित करने के लिए कहा है कि उसने ऐसा नारा लगा कर कुछ गलत नहीं किया, मुझे संविधान का कोई तो प्रावधान बताएं जिसके अनुसार में गलत कहा हो - अगर गलत नहीं था तो फिर उसे संसद की कार्रवाई से हटाने का विरोध क्यों नहीं दर्ज कराया speaker से - 


ओवैसी को संविधान का आर्टिकल 102 (D)  पढ़ लेना चाहिए जिसमे साफ़ लिखा है कि -

“A person shall be disqualified for being chosen as, and for being, a member of either House of Parliament -

(d) if he is under any acknowledgement of allegiance or adherence to foreign nation;


आज तक ओवैसी ने कभी चीन में उत्पीड़न झेल रहे उइगर मुस्लिमों के बारे में एक शब्द नहीं बोला जैसे 56 इस्लामिक देश भी नहीं बोलते - उन देशों को तो लालच है चीन से मदद मिलना कहीं बंद न हो जाए लेकिन ओवैसी और अन्य भारतीय मुस्लिम संगठनों और सेकुलर दलों को उनके लिए बोलने में क्या आपत्ति है, कांग्रेस का तो चीन से MOU है जिसकी वजह से नहीं बोलती लेकिन  क्या ओवैसी को चीन से डर लगता है -


आज के परिपेक्ष में हर विरोधी दल जो भी मुंह में आता है वह बोलते हैं चाहे प्रधानमंत्री के खिलाफ हो, देश के खिलाफ या हिंदुओं के खिलाफ हो - ऐसे लोगों पर जमकर प्रहार होना चाहिए - ओवैसी का अगर निष्कासन हो भी जाता है तो सुप्रीम कोर्ट बैठा है उसके नारे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता साबित करने के लिए - आज सपा सेंगोल के खिलाफ खड़ी हो गई लेकिन सवाल यह है कि अगर तुम्हे पसंद नहीं है सेंगोल तो संसद मत जाइये, किसने कहा है जाना जरूरी है -




सीबीआइ ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में अंतरिक्ष विज्ञानी नंबी नारायणन को

 सीबीआइ ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में अंतरिक्ष विज्ञानी नंबी नारायणन को फंसाने के आरोप में एक स्थानीय अदालत में पांच व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि किन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है।


15 अप्रैल, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि नारायणन से जुड़े जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट सीबीआइ को दी जाए। उल्लेखनीय है कि 1994 में मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुअनंतपुरम में इसरो रॉकेट इंजन का ग्राफिक्स हासिल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था


घटिया कानून पर संसद में बहस होना चाहिए 


कानून का खौफ होता तो नंबी नारायण जी को झूठे केस में फंसाने से पहले 100 बार सोचते 


झूठी शिकायत झूठी एफआईआर झूठी जांच झूठी गवाही को गंभीर अपराध घोषित करना और झूठ पकड़ने के लिए नार्को पॉलीग्राफ ब्रेन मैपिंग कानून बनाना नितांत आवश्यक है।


जिस समय इस वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया था उसे समय यह  क्रायोजेनिक इंजन बनाने के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया था और फिर एक लंबा ब्रेक आता है भारत और क्रायोजेनिक इंजन के बीच में


इसी से समझ में आता है कि इस व्यक्ति को जानबूझकर रोका गया था




साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है

 साभार एक विमर्श.... यूं तो #भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।लेकिन आज #योग और #आयुर्वेद पर चर्चा कर रहे हैं।ऐसे माहौल में जब #एलोपैथी ने ...